काशीपुर: नगर में स्थित प्राचीन तीर्थ स्थल द्रोणासागर को विकसित करने की कवायद तेज हो गई है. बीते रोज जिलाधिकारी के आदेश के बाद अब इस तीर्थ स्थल को उपजिलाधिकारी काशीपुर के प्रबंधन में दिए जाने की कार्रवाई शुरू हो गई है.
गौर हो कि हाल ही में पर्यटन विभाग की महत्वाकांक्षी योजना 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन के तहत प्राचीन तीर्थ द्रोणसागर को पयर्टन स्थल के रूप में विकसित किये जाने का फैसला लिया गया था. जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा इसकी कार्य योजना तैयार कर डीपीआर बनाये जाने की कवायद शुरू की थी. इसी क्रम में अब जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर के आदेश के बाद तीर्थ स्थल को उपजिलाधिकारी काशीपुर के प्रबंधन में दिए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. जिसके तहत बीते रोज संयुक्त मजिस्ट्रेट गौरव सिंघल ने द्रोणासागर तीर्थ स्थल का जायजा लिया. इस दौरान गौरव कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर तीर्थ द्रोणासागर को उप-जिलाधिकारी के प्रबंधन में रखा गया है.
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जिसके तहत पटवारी और तहसीलदार उसकी सारी संपत्ति को सूचीबद्ध किया जा रहा है. वहीं दुकान और समितियों के एग्रीमेंट की भी मांग की गई है. स्थानीय लोगों ने भी सौन्दर्यीकरण को जल्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कमेटी के द्वारा ध्यान न दिए जाने से इस तीर्थ की यह स्थित हुई है. चोरों ओर गंदगी फैली हुई है, वहीं अब प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद द्रोणासागर को विकसित किया जाएगा. जिसका फायदा लोगों को मिलेगा. वहीं तीर्थ द्रोणासागर कमेटी के सचिव सनत कुमार पैगिया का कहना है कि जिलाधिकारी के आदेश पर एसडीएम को देखरेख की व्यवस्था का जिम्मा सौंपा गया है. उनका कहना है कि कमेटी को भंग नहीं किया गया है, ऐसा कहना गलत है.
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द्रोणासागर तीर्थ का कायकल्प होना जरूरी है, जिससे क्षेत्र को पहचान मिल सके. वहीं प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद अराजकत तत्वों पर भी लगाम लगेगी. वहीं आईटीआई थाना प्रभारी कुलदीप अधिकारी ने कहा है कि काफी समय से असामाजिक तत्वों की शिकायत मिल रही है, जिसको लेकर सादी वर्दी में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. अगर कोई ऐसा मामला सामने आता है, सख्त कार्रवाई की जाएगी.