रुद्रपुरः क्या आपने कभी 3 फीट से ज्यादा लंबी लौकी देखी है? अगर आपका जवाब न है तो पंतनगर किसान मेले में एक किसान ने ऑर्गेनिक तरीके से उगाई 5 फीट से भी लंबी लौकी को प्रदर्शनी में लाया है. जो मेले का आकर्षण बना हुआ है. वहीं, वियतनाम के कटहल का पौधा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. जिसमें महज डेढ़ साल में ही कटहल का उत्पादन होना शुरू हो जाता है.
दरअसल, पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में किसानों के लिए चार दिवसीय किसान मेले का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें किसानों के लिए उच्च गुणवत्ता के बीज, फल-फूल के पौधे और अत्याधुनिक यंत्रों को प्रदर्शनी व खरीद के लिए रखी गई है. जिसमें 5 फीट का लौकी लोगों का ध्यान खींच रहा है. हरियाणा के कुरुक्षेत्र निवासी रणधीर सिंह सौकंध ने इसका उत्पादन किया है. उन्होंने बताया कि लौकी की लंबाई को लेकर वो चार बार लिम्का बुक में अपना रिकॉर्ड दर्ज करा चुके हैं.
वो साढ़े 6 फीट की लौकी का उत्पादन कर चुके हैं. जब वो पांचवी कक्षा में पढ़ते थे, तब उनके शिक्षक ने एक गेंदे के फूलों की क्यारी दी थी. जिसमें उन्होंने 6 फीट के गेंदे पैदा किए थे. जिसके बाद उन्हें लक्ष्य बनाया कि वो किसान बनेंगे और एक के बाद एक रिकॉर्ड बनाएंगे. इस बार वो पांच फीट से लंबी लौकी के साथ पहुंचे हैं. जो लोगों का ध्यान खींच रहा है. रणधीर सिंह को भारत का पहला वेजिटेबल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.
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कई रिकॉर्ड बना चुके लौकी वाले ताऊः किसान रणधीर सिंह सौकंध ने बताया कि उन्हें हरियाणा में लंबी लौकी वाले ताऊ के नाम से जाना जाता है. वो अब तक लौकी की लंबाई को लेकर चार बार लिम्का बुक में अपना रिकॉर्ड दर्ज करा चुके हैं. जिसमें 4 फीट, साढ़े चार फीट, पांच फीट और पांच फिट तीन इंच के रिकॉर्ड शामिल हैं. इसके अलावा लहसुन में 500 और 700 ग्राम गांठ का रिकॉर्ड है. इसके अलावा अरबी में वो 2 किलो 200 ग्राम में रिकॉर्ड दर्ज कर चुके हैं. दो साल के सतावर की पेड़ से 35 किलो सतावर लेने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है.
महज डेढ़ साल में कटहल ले सकते हैं उत्पादन पंतनगर किसान मेले में किसानों को वियतनाम की कटहल का पौधा खूब भा रहा है. इसकी खास बात ये है कि डेढ़ से दो सालों में ही यह फल देना भी शुरू कर देता है. चार साल में किसान एक पौधे से एक क्विंटल कटहल आसानी से उत्पादन कर अपनी आय को बढ़ा सकता है.
पंतनगर किसान मेले में पश्चिम बंगाल से आई नर्सरी में कटहल का पौधा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस प्रजाति का नाम वियतनाम सुपर अर्ली है. इसके रोपड़ के ठीक डेढ़ से दो साल बाद ही किसान कटहल का स्वाद ले सकता है. इसकी ऊंचाई करीब 10 से 12 फीट तक रहती है. इसकी पौधों को पश्चिम बंगाल में तैयार किया गया है. पेड़ में आने वाले कटहल का वजन चार से पांच किलो तक आंका गया है.
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