ETV Bharat / state

अच्छी खबर: पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और इसरो के बीच हुआ एमओयू साइन

इसरो पंतनगर में अत्याधुनिक प्रयोगशाला स्थापित करेगा. इससे दोनों संस्थानों के वैज्ञानिकों को हिमालय के अध्ययन में मदद मिलेगी.

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय
author img

By

Published : Aug 29, 2019, 5:55 PM IST

रुद्रपुर: अब कृषि के क्षेत्र में स्पेस टेक्नोलॉजी का प्रयोग होने जा रहा है. इसके लिए पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के बीच एमओयू साइन हो चुका है. अब कृषि वैज्ञानिक अपने क्षेत्र में शोध के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकते हैं.

इसरो सिर्फ चांद और मंगल पर ही सैटेलाइट नहीं छोड़ता. बल्कि समाज की भलाई के लिए काम करता है. इसरो के वैज्ञानिक अब जल्द ही कृषि वैज्ञानिकों के साथ शोध करते हुए दिखाई देगे. वैज्ञानिक इसे कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम बता रहे है.

पढ़ें- अपना सपना साकर नहीं होने पर इस शख्स ने खोल दी क्रिकेट एकेडमी, अब संवार रहे युवाओं का भविष्य

24 अगस्त को हुए करार के अनुसार दोनों ही संस्थान के वैज्ञानिक अपनी-अपनी टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे. कृषि वैज्ञानिकों को शोध के दौरान किसी भी तरह की सैटलाइट सहायता में इसरो उनकी पूरी मदद करेगा.

कृषि के क्षेत्र में स्पेस टेक्नोलॉजी का होगा प्रयोग

यहीं नहीं पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में शोध कर रहे छात्र और छात्राओं को इसरो के वैज्ञानिकों के साथ काम करने का मौका भी मिलेगा. इसके साथ-साथ इसरो के वैज्ञानिक अगर किसी भी फील्ड में पीएचडी करना चाहते है तो वह पंतनगर विश्वविद्यालय में विशेष प्रतिभागी कर सकते है. इस दौरान शोध कार्य भी चलते रहेंगे.

पढ़ें- कॉर्बेट नेशनल पार्क में वाहनों के संचालन पर हाई कोर्ट का फैसला, एक दिन में जाएंगे सिर्फ 4 कैंटर

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर अजीत नैन ने बताया कि इसरो और पंतनगर विश्वविद्यालय के बीच एक करार हुआ है. जल्द ही खेती के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा. दोनों ही संस्थानों के वैज्ञानिक कृषि के क्षेत्र में नए-नए शोध कार्यों को अंजाम देगे. जिससे कृषि के क्षेत्र में काफी हद तक सुधार किए जा सकते हैं.

रुद्रपुर: अब कृषि के क्षेत्र में स्पेस टेक्नोलॉजी का प्रयोग होने जा रहा है. इसके लिए पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के बीच एमओयू साइन हो चुका है. अब कृषि वैज्ञानिक अपने क्षेत्र में शोध के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकते हैं.

इसरो सिर्फ चांद और मंगल पर ही सैटेलाइट नहीं छोड़ता. बल्कि समाज की भलाई के लिए काम करता है. इसरो के वैज्ञानिक अब जल्द ही कृषि वैज्ञानिकों के साथ शोध करते हुए दिखाई देगे. वैज्ञानिक इसे कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम बता रहे है.

पढ़ें- अपना सपना साकर नहीं होने पर इस शख्स ने खोल दी क्रिकेट एकेडमी, अब संवार रहे युवाओं का भविष्य

24 अगस्त को हुए करार के अनुसार दोनों ही संस्थान के वैज्ञानिक अपनी-अपनी टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे. कृषि वैज्ञानिकों को शोध के दौरान किसी भी तरह की सैटलाइट सहायता में इसरो उनकी पूरी मदद करेगा.

कृषि के क्षेत्र में स्पेस टेक्नोलॉजी का होगा प्रयोग

यहीं नहीं पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में शोध कर रहे छात्र और छात्राओं को इसरो के वैज्ञानिकों के साथ काम करने का मौका भी मिलेगा. इसके साथ-साथ इसरो के वैज्ञानिक अगर किसी भी फील्ड में पीएचडी करना चाहते है तो वह पंतनगर विश्वविद्यालय में विशेष प्रतिभागी कर सकते है. इस दौरान शोध कार्य भी चलते रहेंगे.

पढ़ें- कॉर्बेट नेशनल पार्क में वाहनों के संचालन पर हाई कोर्ट का फैसला, एक दिन में जाएंगे सिर्फ 4 कैंटर

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर अजीत नैन ने बताया कि इसरो और पंतनगर विश्वविद्यालय के बीच एक करार हुआ है. जल्द ही खेती के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा. दोनों ही संस्थानों के वैज्ञानिक कृषि के क्षेत्र में नए-नए शोध कार्यों को अंजाम देगे. जिससे कृषि के क्षेत्र में काफी हद तक सुधार किए जा सकते हैं.

Intro:summry - अब कृषि के क्षेत्र में स्पेस टेक्नोलॉजी का प्रयोग होने जा रहा है इसके लिए पंतनगर कृषि विश्व विद्यालय और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के बीच एमओयू साइन हो चुका है आप कृषि वैज्ञानिक कृषि के क्षेत्र में शोध के दौरान स्पेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

एंकर - कृषि के क्षेत्र में अब कृषि वैज्ञानिकों के साथ साथ इसरो के वैज्ञानिक भी जल्द शोध कार्यों में काम करते हुए दिखाई देंगे। इसके लिए पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय और इसरो यानी कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के बीच करार भी हो चूका है। अब दोनो ही संस्थानों के वैज्ञानिक मिलकर कृषि के क्षेत्र में काम करने जा रहे हैं। वैज्ञानिक इसे कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम बता रहे है।


Body:वीओ - कृषि के क्षेत्र में अब पन्तनगर कृषि विश्व विद्यालय ओर इशरो मिल कर काम करने जा रहा है। इसके लिए लिए दोनो संस्थानो के बीच एमओयू भी साइन किया जा चूका है। 24 अगस्त को हुए करार में कहा गया है कि दोनों ही संस्थानो के वैज्ञानिक अपनी अपनी टेक्नलॉजी का प्रयोग करते हुए कृषि कार्य मे आगे बढ़ेंगे। कृषि वैज्ञानिकों को शोध के दौरान किसी भी तरह की सैटलाइट सहायता में इशरो पूरी तरह सहयोग करेगा। यही नही पन्तनगर कृषि विश्विद्यालय में शोध कर रहे छात्र ओर छात्राओं को इशरो के वैज्ञानिकों के साथ काम करने का मौका भी मिलेगा। इसके साथ साथ इशरो के वैज्ञानिक अगर किसी भी फील्ड में पीएचडी करना चाहते है तो वह पन्तनगर विश्वविद्यालय में विशेष प्रतिभागी के रूप में कर सकता है। इस दौरान शोध कार्य भी चलते रहेंगे।
पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर अजीत नैन ने बताया कि इशरो ओर पन्तनगर विश्व विद्यालय के बीच करार हुआ है। जल्द ही खेती के लिए स्पेश टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा। दोनो ही संस्थानो के वैज्ञानिक कृषि के क्षेत्र में नए नए शोध कार्यो को अंजाम देगे। जिससे कृषि के क्षेत्र में काफी हद तक सुधार किए जा सकते है।

बाइट - डॉ अजीत नैन, विभागाध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.