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उत्तराखंड की योजनाओं के लिए खुलेगा नाबार्ड का 'पिटारा',  मदद में होगी 36 फीसदी बढ़ोतरी - STATE CREDIT SEMINAR IN DEHRADUN

उत्तराखंड को नाबार्ड इस बार 36% ज्यादा बजट ऋण के रूप में देगा. कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं को मिलेगा फायदा.

STATE CREDIT SEMINAR IN DEHRADUN
नाबार्ड का स्टेट क्रेडिट सेमिनार (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 13, 2025, 7:50 PM IST

देहरादून: नाबार्ड द्वारा स्टेट क्रेडिट सेमिनार आयोजित किया गया. जिसमें उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी समेत तमाम बड़े अधिकारी मौजूद रहे. इसी कड़ी में नाबार्ड मौजूदा वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड को योजनाओं के लिए भारी रकम दे सकता है. आकलन के अनुसार नाबार्ड से राज्य को मौजूदा वित्तीय वर्ष में करीब 36% ज्यादा पैसा मिल सकता है. दरअसल पिछले साल उत्तराखंड को वार्षिक ऋण योजना के तहत करीब 40158 करोड़ रुपए मिले थे, जबकि मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य को 54698 करोड़ रुपए वार्षिक ऋण योजना में मिलने की उम्मीद है.

नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट कृषि क्षेत्र के अलावा ग्रामीण विकास की योजनाओं को प्राथमिकता देता है. यही नहीं लघु उद्योगों और वित्तीय साक्षरता के अलावा किसानों और आम लोगों तक छोटे ऋण की पहुंच बनाना भी नाबार्ड की प्राथमिकता रहा है. इस तरह नाबार्ड कमजोर वर्ग को ऋण के माध्यम से योजनाओं से जोड़ने और उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास करता है. उम्मीद लगाई जा रही है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में नाबार्ड से मिलने वाले संभावित ऋण में कृषि क्षेत्र के लिए 19306.96 करोड़ रुपए, लघु उद्योग में 30477.92 करोड़ रुपए और दूसरे विभिन्न क्षेत्रों के लिए 4913.53 करोड़ रुपए का ऋण मिल सकता है.

नाबार्ड के स्टेट क्रेडिट सेमिनार के दौरान स्टेट फोकस पेपर का भी विमोचन किया गया. जिसमें राज्य के लिए किस क्षेत्र के लिए कितना ऋण आवश्यक है. इस पर फोकस किया गया था. साथ ही उत्तराखंड में विभिन्न समस्याओं के आधार पर योजनाओं को लेकर भी बात हुई, ताकि इसके माध्यम से इन समस्याओं का निदान किया जा सके. स्टेट फोकस पेपर के जरिए राज्य सरकार को नीतिगत पहल के लिए बजट की प्राथमिकता का निर्धारण हो सकेगा और रन कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने में भी मदद मिल सकेगी.

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देहरादून: नाबार्ड द्वारा स्टेट क्रेडिट सेमिनार आयोजित किया गया. जिसमें उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी समेत तमाम बड़े अधिकारी मौजूद रहे. इसी कड़ी में नाबार्ड मौजूदा वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड को योजनाओं के लिए भारी रकम दे सकता है. आकलन के अनुसार नाबार्ड से राज्य को मौजूदा वित्तीय वर्ष में करीब 36% ज्यादा पैसा मिल सकता है. दरअसल पिछले साल उत्तराखंड को वार्षिक ऋण योजना के तहत करीब 40158 करोड़ रुपए मिले थे, जबकि मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य को 54698 करोड़ रुपए वार्षिक ऋण योजना में मिलने की उम्मीद है.

नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट कृषि क्षेत्र के अलावा ग्रामीण विकास की योजनाओं को प्राथमिकता देता है. यही नहीं लघु उद्योगों और वित्तीय साक्षरता के अलावा किसानों और आम लोगों तक छोटे ऋण की पहुंच बनाना भी नाबार्ड की प्राथमिकता रहा है. इस तरह नाबार्ड कमजोर वर्ग को ऋण के माध्यम से योजनाओं से जोड़ने और उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास करता है. उम्मीद लगाई जा रही है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में नाबार्ड से मिलने वाले संभावित ऋण में कृषि क्षेत्र के लिए 19306.96 करोड़ रुपए, लघु उद्योग में 30477.92 करोड़ रुपए और दूसरे विभिन्न क्षेत्रों के लिए 4913.53 करोड़ रुपए का ऋण मिल सकता है.

नाबार्ड के स्टेट क्रेडिट सेमिनार के दौरान स्टेट फोकस पेपर का भी विमोचन किया गया. जिसमें राज्य के लिए किस क्षेत्र के लिए कितना ऋण आवश्यक है. इस पर फोकस किया गया था. साथ ही उत्तराखंड में विभिन्न समस्याओं के आधार पर योजनाओं को लेकर भी बात हुई, ताकि इसके माध्यम से इन समस्याओं का निदान किया जा सके. स्टेट फोकस पेपर के जरिए राज्य सरकार को नीतिगत पहल के लिए बजट की प्राथमिकता का निर्धारण हो सकेगा और रन कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने में भी मदद मिल सकेगी.

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