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आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति दिए जाने पर आईएमए ने जताया विरोध

सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) ने आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति दिए जाने का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने विरोध जताया है.

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सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन
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Published : Nov 27, 2020, 6:10 PM IST

काशीपुर: आयुष चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति देने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की उत्तराखंड शाखा ने विरोध जताया. रामनगर रोड स्थित शाखा कार्यालय ‘कल्याणम्’ में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. एके सिरोही ने आज पत्रकारों से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि इसके आने वाले समय में गंभीर दुष्परिणाम होंगे.

बता दें कि आयुष मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाली संस्था सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) ने आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति दी है. सीसीआइएम की जारी अधिसूचना में स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण आयुर्वेद चिकित्सकों को खास प्रशिक्षण के बाद ऑपरेशन के जरिये चिकित्सा की अनुमति दी गई है. अधिसूचना में 58 तरह के ऑपरेशन करने की आयुर्वेद चिकित्सकों को अनुमति दी गई है. इनमें आंख, कान, नाक, गला, कई हड्डियों आदि के ऑपरेशन शामिल हैं.

आइएमए ने कहा है कि नई व्यवस्था स्थापित करने में वह किसी तरह का सहयोग नहीं देगी, क्योंकि वह उसे उचित नहीं मानती. अगर लोगों को डाॅक्टर बनाने का यह छोटा रास्ता अपनाया गया तो फिर एनईईटी, नीट जैसी परीक्षा का क्या औचित्य रह जाएगा. इससे चिकित्सकों की पहचान और उनके सम्मान पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा.

ये भी पढ़ें : देश-दुनिया में धूम मचा रहा टीना पुरोहित का लिखा 'THE STRANGE CONFESSION' उपन्यास

डॉ. सिरोही ने कहा कि वह सीसीआइएम से अपने फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया. हालांकि, वापस न लिया जाए तो फिर आयुष चिकित्सकों के लिए अलग से शल्य चिकित्सा के मानदंड व तरीके तय किए जाएं, जो प्राचीन तरीके का आधुनिक स्वरूप हो. उन्होंने कहा कि आयुष चिकित्सकों को आधुनिक शल्य चिकित्सा के उस तरीके से न जोड़ा जाए जिसे एलोपैथी चिकित्सक प्रयोग में लाया जाता है.

काशीपुर: आयुष चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति देने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की उत्तराखंड शाखा ने विरोध जताया. रामनगर रोड स्थित शाखा कार्यालय ‘कल्याणम्’ में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. एके सिरोही ने आज पत्रकारों से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि इसके आने वाले समय में गंभीर दुष्परिणाम होंगे.

बता दें कि आयुष मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाली संस्था सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) ने आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति दी है. सीसीआइएम की जारी अधिसूचना में स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण आयुर्वेद चिकित्सकों को खास प्रशिक्षण के बाद ऑपरेशन के जरिये चिकित्सा की अनुमति दी गई है. अधिसूचना में 58 तरह के ऑपरेशन करने की आयुर्वेद चिकित्सकों को अनुमति दी गई है. इनमें आंख, कान, नाक, गला, कई हड्डियों आदि के ऑपरेशन शामिल हैं.

आइएमए ने कहा है कि नई व्यवस्था स्थापित करने में वह किसी तरह का सहयोग नहीं देगी, क्योंकि वह उसे उचित नहीं मानती. अगर लोगों को डाॅक्टर बनाने का यह छोटा रास्ता अपनाया गया तो फिर एनईईटी, नीट जैसी परीक्षा का क्या औचित्य रह जाएगा. इससे चिकित्सकों की पहचान और उनके सम्मान पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा.

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डॉ. सिरोही ने कहा कि वह सीसीआइएम से अपने फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया. हालांकि, वापस न लिया जाए तो फिर आयुष चिकित्सकों के लिए अलग से शल्य चिकित्सा के मानदंड व तरीके तय किए जाएं, जो प्राचीन तरीके का आधुनिक स्वरूप हो. उन्होंने कहा कि आयुष चिकित्सकों को आधुनिक शल्य चिकित्सा के उस तरीके से न जोड़ा जाए जिसे एलोपैथी चिकित्सक प्रयोग में लाया जाता है.

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