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काशीपुर का चैती मेला स्थगित, लेकिन श्रद्धालुओं के लिए होगी ये सुविधा

कोरोना को लेकर उत्तराखंड सरकार की नई गाइडलाइन आने के बाद शुक्रवार को चैती मेले को लेकर संयुक्त मजिस्ट्रेट काशीपुर और चैती मेलाधिकारी गौरव कुमार सिंघल की अध्यक्षता में बैठक की गई. निर्णय लिया गया कि पिछले साल की तरह इस बार भी चैती मेला स्थगित किया जाएगा.

Kashipur Chaiti Mela postponed
ऐतिहासिक चैती मेला स्थगित
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Published : Apr 16, 2021, 7:39 PM IST

काशीपुर: उत्तराखंड में कोरोना रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है. यही कारण है कि प्रशासन ने पहले की तरह एहतियात बरतने शुरू कर दिए हैं. काशीपुर के ऐतिहासिक चैती मेले को लेकर उपजिलाधिकारी कार्यालय में शुक्रवार को बैठक की गई. जिसमें प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए चैती मेला को स्थगित करने का फैसला लिया है. इस दौरान केवल मंदिर में दर्शन करने की अनुमति होगी.

बैठक में साफ किया गया कि प्रसाद की सिर्फ 25 दुकानें ही खुलेंगी. लेकिन दुकानदारों को कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा. नाइट कर्फ्यू के चलते रात 10.30 बजे के बाद कोई दुकान नहीं खुलेगी. मंदिर परिसर में 200 श्रद्धालुओं को ही दर्शन की अनुमति होगी.

पढ़ें- कोरोना इफेक्ट: कुमाऊं विश्वविद्यालय की परीक्षाएं स्थगित हुईं

पिछले साल की तरह इस बार भी मां बाल सुंदरी देवी के डोले मंदिर में परंपरागत ढंग से आने के बजाय सरकारी वाहन में आने की व्यवस्था बनाई जाएगी. जिस पर पंडा परिवार ने सहमति जताई है. मेले में प्रसाद की दुकानें मंदिर परिसर से दूर लगाए जाने का निर्णय लिया गया. ताकि मंदिर के आसपास श्रद्धालुओं की भीड़ न लग पाये.

काशीपुर: उत्तराखंड में कोरोना रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है. यही कारण है कि प्रशासन ने पहले की तरह एहतियात बरतने शुरू कर दिए हैं. काशीपुर के ऐतिहासिक चैती मेले को लेकर उपजिलाधिकारी कार्यालय में शुक्रवार को बैठक की गई. जिसमें प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए चैती मेला को स्थगित करने का फैसला लिया है. इस दौरान केवल मंदिर में दर्शन करने की अनुमति होगी.

बैठक में साफ किया गया कि प्रसाद की सिर्फ 25 दुकानें ही खुलेंगी. लेकिन दुकानदारों को कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा. नाइट कर्फ्यू के चलते रात 10.30 बजे के बाद कोई दुकान नहीं खुलेगी. मंदिर परिसर में 200 श्रद्धालुओं को ही दर्शन की अनुमति होगी.

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पिछले साल की तरह इस बार भी मां बाल सुंदरी देवी के डोले मंदिर में परंपरागत ढंग से आने के बजाय सरकारी वाहन में आने की व्यवस्था बनाई जाएगी. जिस पर पंडा परिवार ने सहमति जताई है. मेले में प्रसाद की दुकानें मंदिर परिसर से दूर लगाए जाने का निर्णय लिया गया. ताकि मंदिर के आसपास श्रद्धालुओं की भीड़ न लग पाये.

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