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Elephants Trampling Crops: खटीमा में खेतों में घुसा हाथियों का झुंड, फसल कर दी बर्बाद - खटीमा हाथी कॉरिडोर

खटीमा के ग्रामीण आबादी के इलाकों में हाथियों के आने से परेशान हैं. बीते दिन रात में हाथियों का झुंड खेतों में घुस आया. हाथियों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया. वन कर्मियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर हाथियों को खेतों से भगाया.

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Published : Mar 8, 2023, 12:46 PM IST

Updated : Mar 8, 2023, 4:32 PM IST

खटीमा में खेतों में घुसा हाथियों का झुंड

खटीमा: वन रेंज से सटे चकरपुर और छीनी गोठ में हाथियों ने आतंक मचाया है. हाथियों के बार-बार आने से ग्रामीणों में भय का माहौल है. हाथियों ने गेहूं की फसल को रौंदकर नष्ट कर दिया है. वन विभाग की मदद से ग्रामीण हाथियों को भगा रहे हैं. वहीं डीएफओ ने हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए वन विभाग की टीम गठित की है. साथ ही ग्रामीणों से देर शाम जंगलों में ना जाने की अपील की है.

हाथी कॉरिडोर से आबादी में आ रहे गजराज: तराई पूर्वी वन प्रभाग की खटीमा और किलपुरा वन रेंज हाथी कॉरिडोर क्षेत्र में आती है. हाथी कॉरिडोर होने के कारण हाथियों का आवागमन वन से सटे आबादी क्षेत्रों में होता रहता है. इससे हाथियों द्वारा वन क्षेत्र से सटे आबादी इलाकों में फसलों का नुकसान होता है. साथ ही मानव और वन्य जीव संघर्ष के मामले सामने आते हैं. जिसमें मानव क्षति काफी संख्या में होती है.

हाथियों के झुंड ने रौंदी फसल: विगत कुछ समय से किलपुरा और खटीमा वन रेंज में हाथियों के झुंड आए हुए हैं. हाथियों के झुंड वन क्षेत्र से होते हुए चकरपुर के आबादी क्षेत्रों में साथ ही साथ छीनी गोठ के आबादी क्षेत्रों में आ रहे हैं. इससे आम जनता का जीना दूभर हो गया है. बीती रात भी छीनी गोठ में हाथियों का झुंड आ गया. हाथियों द्वारा जमकर उत्पात मचाया गया. फसलों को रौंदा गया. ग्रामीणों द्वारा बमुश्किल हाथियों को शोर करके भगाया गया. वहीं सूचना पाकर पहुंचे वन कर्मियों द्वारा ग्रामीणों के साथ गश्त की गई.

वहीं तराई पूर्वी डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि तराई पूर्वी वन प्रभाग की खटीमा और त्रिपुरा रेंज हाथी कॉरिडोर के अंतर्गत आती हैं. इस कारण इन क्षेत्रों में हाथियों का आवागमन होता रहता है. वन क्षेत्र से लगे इलाकों में काफी अतिक्रमण किया गया है. जिसके चलते हाथी वन क्षेत्र से लगे अतिक्रमण किए गए आबादी क्षेत्रों में घुस जाते हैं और फसलों के साथ-साथ मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं भी सामने आती हैं.
ये भी पढ़ें: Elephant Terror: हरिद्वार में हाथियों का आतंक, वन विभाग ने कृषि क्षेत्र में आने से रोका

वन विभाग की ओर से हाथियों द्वारा फसलें नष्ट करने पर पीड़ितों को मुआवजा दिया जाता है. वर्तमान समय में हाथियों के झुंड की चकरपुर और छीनी गोठ के आबादी क्षेत्रों में घुसने की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं. मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए वन विभाग की टीमें बनाई गई हैं जो लगातार हाथी प्रभावित क्षेत्रों में गश्त कर रही हैं. साथ ही उनकी ग्रामीणों से अपील है कि वह शाम को जंगलों में ना जाएं. क्योंकि हाथी ऐसा जानवर है जो मानव को सामने देखते ही हिंसक हो जाता है, जिससे मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटना हो सकती है.

खटीमा में खेतों में घुसा हाथियों का झुंड

खटीमा: वन रेंज से सटे चकरपुर और छीनी गोठ में हाथियों ने आतंक मचाया है. हाथियों के बार-बार आने से ग्रामीणों में भय का माहौल है. हाथियों ने गेहूं की फसल को रौंदकर नष्ट कर दिया है. वन विभाग की मदद से ग्रामीण हाथियों को भगा रहे हैं. वहीं डीएफओ ने हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए वन विभाग की टीम गठित की है. साथ ही ग्रामीणों से देर शाम जंगलों में ना जाने की अपील की है.

हाथी कॉरिडोर से आबादी में आ रहे गजराज: तराई पूर्वी वन प्रभाग की खटीमा और किलपुरा वन रेंज हाथी कॉरिडोर क्षेत्र में आती है. हाथी कॉरिडोर होने के कारण हाथियों का आवागमन वन से सटे आबादी क्षेत्रों में होता रहता है. इससे हाथियों द्वारा वन क्षेत्र से सटे आबादी इलाकों में फसलों का नुकसान होता है. साथ ही मानव और वन्य जीव संघर्ष के मामले सामने आते हैं. जिसमें मानव क्षति काफी संख्या में होती है.

हाथियों के झुंड ने रौंदी फसल: विगत कुछ समय से किलपुरा और खटीमा वन रेंज में हाथियों के झुंड आए हुए हैं. हाथियों के झुंड वन क्षेत्र से होते हुए चकरपुर के आबादी क्षेत्रों में साथ ही साथ छीनी गोठ के आबादी क्षेत्रों में आ रहे हैं. इससे आम जनता का जीना दूभर हो गया है. बीती रात भी छीनी गोठ में हाथियों का झुंड आ गया. हाथियों द्वारा जमकर उत्पात मचाया गया. फसलों को रौंदा गया. ग्रामीणों द्वारा बमुश्किल हाथियों को शोर करके भगाया गया. वहीं सूचना पाकर पहुंचे वन कर्मियों द्वारा ग्रामीणों के साथ गश्त की गई.

वहीं तराई पूर्वी डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि तराई पूर्वी वन प्रभाग की खटीमा और त्रिपुरा रेंज हाथी कॉरिडोर के अंतर्गत आती हैं. इस कारण इन क्षेत्रों में हाथियों का आवागमन होता रहता है. वन क्षेत्र से लगे इलाकों में काफी अतिक्रमण किया गया है. जिसके चलते हाथी वन क्षेत्र से लगे अतिक्रमण किए गए आबादी क्षेत्रों में घुस जाते हैं और फसलों के साथ-साथ मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं भी सामने आती हैं.
ये भी पढ़ें: Elephant Terror: हरिद्वार में हाथियों का आतंक, वन विभाग ने कृषि क्षेत्र में आने से रोका

वन विभाग की ओर से हाथियों द्वारा फसलें नष्ट करने पर पीड़ितों को मुआवजा दिया जाता है. वर्तमान समय में हाथियों के झुंड की चकरपुर और छीनी गोठ के आबादी क्षेत्रों में घुसने की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं. मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए वन विभाग की टीमें बनाई गई हैं जो लगातार हाथी प्रभावित क्षेत्रों में गश्त कर रही हैं. साथ ही उनकी ग्रामीणों से अपील है कि वह शाम को जंगलों में ना जाएं. क्योंकि हाथी ऐसा जानवर है जो मानव को सामने देखते ही हिंसक हो जाता है, जिससे मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटना हो सकती है.

Last Updated : Mar 8, 2023, 4:32 PM IST
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