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कांग्रेस का मंथन: हरदा के सामने आया ये सच, पार्टी के इस वरिष्ठ नेता ने पहले ही कर दी थी हार की भविष्यवाणी

बैठक में कुछ पदाधिकारियों ने इस हार के लिए खुद हरीश रावत को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि वो मुख्यमंत्री रहते हुए खुद के किए वादे पूरे नहीं कर पाए थे. काशीपुर को जिला बनाने की मांग हरीश रावत ने अपने कार्यकाल में पूरी नहीं की थी.

kashipur
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Published : Jun 13, 2019, 9:29 AM IST

Updated : Jun 13, 2019, 10:16 AM IST

काशीपुर: लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना कर चुकी कांग्रेस ने अब इस पर मंथन करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी रहे हरीश रावत चुनाव हारने के बाद पहली बार काशीपुर पहुंचे. यहां उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और कार्यकताओं के साथ बैठक की.

पढ़ें- रिटायर आईजी का बेटा दिखा रहा था नीली बत्ती की हनक, पुलिस ने दबोचा

बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ते हुए नजर आए. इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय चतुर्वेदी, मुशर्रफ हुसैन, विमल गुड़िया, प्रीत कुमार बंब और अजीज कुरैशी समेत कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे. वहीं एक नेता ने तो यहां तक कह दिया था कि हरीश रावत के हारने की भविष्यवाणी तो पार्टी एक वरिष्ठ नेता ने पहले ही कर दी थी.

बैठक में कुछ पदाधिकारियों ने इस हार के लिए खुद हरीश रावत को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि वो मुख्यमंत्री रहते हुए खुद के किए वादे पूरे नहीं कर पाए थे. काशीपुर को जिला बनाने की मांग हरीश रावत ने अपने कार्यकाल में पूरी नहीं की थी.

पढ़ें- किट्टी घोटाला: आरोपी दंपति की जमानत पर 14 जून को होगी सुनवाई, कोर्ट ने पुलिस से रिपोर्ट की तलब

बैठक में हरीश रावत ने माना की वे और पार्टी के कार्यकर्ता जनता तक अपनी बात पहुंचाने में सफल नहीं हुए. उन्होंने कहा कि संगठन और कार्यकर्ता सीधे जनता से नहीं जुड़ पाए. जिसका फायदा बीजेपी को मिला. रावत ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि वे अपनी सरकार की बात और योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में सफल हुए. लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता इसमें नाकाम रहे.

हरीश रावत ने खुद माना की कांग्रेस नए कार्यकर्ताओं को भी नहीं जोड़ पाई. पार्टी के पास गिने-चुने चेहरे दिखाई देते हैं. हार के बाद भी कांग्रेस कार्यकर्ता सबक नहीं ले पाते. रावत ने पार्टी कार्यकताओं को एक जुट रहने की सलाह देते हुए अगामी पंचायत चुनाव के लिए तैयार रहने की बात कही.

काशीपुर: लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना कर चुकी कांग्रेस ने अब इस पर मंथन करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी रहे हरीश रावत चुनाव हारने के बाद पहली बार काशीपुर पहुंचे. यहां उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और कार्यकताओं के साथ बैठक की.

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बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ते हुए नजर आए. इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय चतुर्वेदी, मुशर्रफ हुसैन, विमल गुड़िया, प्रीत कुमार बंब और अजीज कुरैशी समेत कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे. वहीं एक नेता ने तो यहां तक कह दिया था कि हरीश रावत के हारने की भविष्यवाणी तो पार्टी एक वरिष्ठ नेता ने पहले ही कर दी थी.

बैठक में कुछ पदाधिकारियों ने इस हार के लिए खुद हरीश रावत को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि वो मुख्यमंत्री रहते हुए खुद के किए वादे पूरे नहीं कर पाए थे. काशीपुर को जिला बनाने की मांग हरीश रावत ने अपने कार्यकाल में पूरी नहीं की थी.

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बैठक में हरीश रावत ने माना की वे और पार्टी के कार्यकर्ता जनता तक अपनी बात पहुंचाने में सफल नहीं हुए. उन्होंने कहा कि संगठन और कार्यकर्ता सीधे जनता से नहीं जुड़ पाए. जिसका फायदा बीजेपी को मिला. रावत ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि वे अपनी सरकार की बात और योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में सफल हुए. लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता इसमें नाकाम रहे.

हरीश रावत ने खुद माना की कांग्रेस नए कार्यकर्ताओं को भी नहीं जोड़ पाई. पार्टी के पास गिने-चुने चेहरे दिखाई देते हैं. हार के बाद भी कांग्रेस कार्यकर्ता सबक नहीं ले पाते. रावत ने पार्टी कार्यकताओं को एक जुट रहने की सलाह देते हुए अगामी पंचायत चुनाव के लिए तैयार रहने की बात कही.

Intro:संबंधित खबर की फीड मेल से भेज दी गई है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर कांग्रेसी नेता हरीश रावत आज लोकसभा चुनाव हारने के बाद पहली बार काशीपुर पहुंचे। कांग्रेस नवचेतना भवन में नगर कांग्रेस की आयोजित बैठक कांग्रेस की लोकसभा चुनाव में करारी हार के पोस्टमार्टम का गवाह बनी बैठक में मौजूद कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने कांग्रेस की लोकसभा चुनाव में हार पर जमकर अपने गुबार निकाले। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय चतुर्वेदी, मुशर्रफ हुसैन, विमल गुड़िया, प्रीत कुमार बंब, अजीज कुरैशी आदि कांग्रेसी नेताओं ने कांग्रेस को एकजुट करने के बहाने और बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार की खीझ आपस में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर निकाली। इस दौरान बीते वर्ष नवंबर में हुए निकाय चुनाव में काशीपुर नगर निगम की मेयर पद की कांग्रेसी उम्मीदवार मुक्ता सिंह ने लोकसभा चुनाव के दौरान देश के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा खरीदे जाने का सीधा आरोप लगाया।


Body:बैठक में हरीश रावत ने स्वीकार किया कि हम और हमारे कार्यकर्ता जनता तक अपनी बात पहुंचाने में सफल रहे हरीश रावत ने साफ लफ्जो में संगठन और कार्यकर्ताओं का जनता से सीधा जुड़ा हो ना हो पाना भी इसका कारण बताया हरीश रावत ने भाजपा कार्यकर्ताओं की इस मामले में सराहना की कि वह अपनी सरकार की बात और योजनाओं को जनता को समझा पाने में सफल रहे और हम अपने साथ नए कार्यकर्ताओं तक को नहीं जोड़ पाए हर बार उन्हें वही गिने-चुने चेहरे दिखाई देते रहे हैं और हार के बाद भी हमारे कार्यकर्ता सबक नहीं ले पाते। वीओ- बैठक के दौरान कांग्रेसियों के आरोप प्रत्यारोप से खुद पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा चुनाव में करारी हार झेलने वाले हरीश रावत भी नहीं बच पाए। इस दौरान कांग्रेसियों ने कहा कि अपने मुख्यमंत्री रहने के दौरान वे कार्यकर्ता और काशीपुर की जनता से किए वादे पूरे नहीं किए। काशीपुर जिले की मांग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा में एक पूर्व कांग्रेसी नेता के कहने पर काशीपुर को जिला बनाने की मांग को अनसुना करना भी यहां की जनता की नाराजगी का एक कारण है। इस बीच उस समय बैठक में कांग्रेसी नेता ने यह कहते हुए सनसनी मचा दी कि चुनाव प्रचार के दौरान ही कांग्रेस से हरीश रावत को 30000 से वोटों से हारने की भविष्यवाणी है वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने पहले ही कर दी थी इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस के कांग्रेसी नेता अपनी बात ही कहते हैं जबकि सामने वाले की नहीं सुनते हैं उन्होंने कांग्रेसियों से एक बार फिर एकजुट होकर आगामी आने वाले पंचायत चुनाव के तैयार होने की अपील की। बाइट- हरीश रावत पूर्व मुख्यमंत्री


Conclusion:
Last Updated : Jun 13, 2019, 10:16 AM IST
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