काशीपुर: लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना कर चुकी कांग्रेस ने अब इस पर मंथन करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी रहे हरीश रावत चुनाव हारने के बाद पहली बार काशीपुर पहुंचे. यहां उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और कार्यकताओं के साथ बैठक की.
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बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ते हुए नजर आए. इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय चतुर्वेदी, मुशर्रफ हुसैन, विमल गुड़िया, प्रीत कुमार बंब और अजीज कुरैशी समेत कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे. वहीं एक नेता ने तो यहां तक कह दिया था कि हरीश रावत के हारने की भविष्यवाणी तो पार्टी एक वरिष्ठ नेता ने पहले ही कर दी थी.
बैठक में कुछ पदाधिकारियों ने इस हार के लिए खुद हरीश रावत को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि वो मुख्यमंत्री रहते हुए खुद के किए वादे पूरे नहीं कर पाए थे. काशीपुर को जिला बनाने की मांग हरीश रावत ने अपने कार्यकाल में पूरी नहीं की थी.
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बैठक में हरीश रावत ने माना की वे और पार्टी के कार्यकर्ता जनता तक अपनी बात पहुंचाने में सफल नहीं हुए. उन्होंने कहा कि संगठन और कार्यकर्ता सीधे जनता से नहीं जुड़ पाए. जिसका फायदा बीजेपी को मिला. रावत ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि वे अपनी सरकार की बात और योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में सफल हुए. लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता इसमें नाकाम रहे.
हरीश रावत ने खुद माना की कांग्रेस नए कार्यकर्ताओं को भी नहीं जोड़ पाई. पार्टी के पास गिने-चुने चेहरे दिखाई देते हैं. हार के बाद भी कांग्रेस कार्यकर्ता सबक नहीं ले पाते. रावत ने पार्टी कार्यकताओं को एक जुट रहने की सलाह देते हुए अगामी पंचायत चुनाव के लिए तैयार रहने की बात कही.