मसूरी/खटीमाः कोरोना संकट के बीच पूरे देशभर में गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनायी जा रही है. उत्तराखंड में भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. प्रदेश के कई हिस्सों में भगवान गणेश की शोभायात्रा निकाली गई. साथ ही लोगों ने अपने-अपने घरों में विघ्नहर्ता गजानन की विधिवत रूप से स्थापना की. इस दौरान लोगों ने विघ्न हरण मंगल करण गणनायक गणराज से खुशहाली व सुख समृद्धि की कामना की.
मसूरी में शोभायात्रा श्री गणेश उत्सव सेवा समिति लंढौर के तत्वाधान में मसूरी के घंटाघर, लंढौर बाजार से भजन-कीर्तन के साथ निकाली गई. इस अवसर पर लंढौर बाजार के निवासियों और दुकानदारों ने शोभायात्रा में शामिल होकर प्रसाद चढ़ाया. श्री सनातन धर्म मंदिर पहुंचकर शोभा यात्रा समाप्त हुई. यहां पंडित उमेश नौटियाल ने गणेश की पूजा-अर्चना की और आरती के बाद विधि-विधान से गणपति को स्थापित किया.
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स्थानीय निवासी नमन गुप्ता ने कहा कि गणेश चतुर्थी एक दस दिवसीय हिंदू त्योहार है. जिसे हाथी के सिर वाले भगवान गणेश के जन्मदिन के सम्मान में मनाया जाता है. वे भगवान शिव और देवी पार्वती के छोटे पुत्र हैं. गणेश को 108 अलग-अलग नामों से जाना जाता है. जो कला और विज्ञान के भगवान और ज्ञान के देवता हैं. उन्हें अनुष्ठानों और समारोहों की शुरुआत में सम्मानित किया जाता है, क्योंकि उन्हें शुरुआत का देवता माना जाता है.
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खटीमा में विराजे गणपतिः गणेश चतुर्थी पर खटीमा के स्वर्णकार संघ ने धूमधाम से रामलीला मैदान में स्थित मंदिर प्रांगण में गणपति मूर्ति की स्थापना की. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रतिमा का शहर में भ्रमण कराया गया. बीते 9 सालों से खटीमा स्वर्णकार संघ बड़ी धूमधाम के साथ गणपति की स्थापना करता रहा है. कोरोना संक्रमण के चलते पिछले साल कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो सका. आगामी 14 सितंबर तक सुबह-शाम पूजा-पाठ करने के बाद गणपति विसर्जन किया जाएगा.