सितारगंज: सितारगंज में सड़क हादसे में बाइक सवार पिता-पुत्र की मौत हो गई. उनकी बाइक ट्रैक्टर-ट्राली से टकरा गई थी, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. हादसे के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं, एक सप्ताह के भीतर हादसों में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे ग्रामीणों में ओवरलोड खनन वाहनों के खिलाफ भारी आक्रोश पनप रहा है.
बता दें कि, सिडकुल रोड पर ग्राम बरुआबाग निवासी चंद्रमा तिवारी अपने 12 वर्षीय पुत्र आलोक के साथ बाइक से शनिवार की शाम शनिदेव मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए जा रहे थे. वहीं ग्राम बमनपुरी के पास उनकी बाइक ट्रैक्टर ट्राली से टकरा गई. इस दर्दनाक हादसे में आलोक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चिकित्सक ने पिता की हालत नाजुक देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई. इस हादसे से परिजनों में कोहराम मच गया.
इस सड़क हादसे में पिता-पुत्र की मौत के बाद ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि ओवरलोड खनन वाहनों के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन हादसों को रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं कर रहा है. ग्रामीणों और डिग्री कॉलेज के छात्रों ने खनन वाहनों के लिए आंतरिक मार्ग बनाने की मांग की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि खनन वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग नहीं बनाने पर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा.
वहीं, कोतवाल सलाउद्दीन खान ने बताया कि, इस सड़क हादसे में प्राथमिक जांच में सामने आया है कि बाइक सड़क में खड़ी ट्रैक्टर ट्राली में जा घुसी थी. पांच दिन पूर्व ग्राम बरुआबाग निवासी 55 वर्षीय मुन्नी देवी गुरुवार को पैदल जा रही थीं. गांव के नजदीक बेकाबू डंपर ने उसे टक्कर मार दी थी, जिससे महिला की मौके पर ही मृत्यु हो गई. हादसे के बाद ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया था. ग्रामीणों का आरोप था कि सड़क की बदहाल स्थिति और खनन में लगे वाहनों से रोड में रोजाना कई घंटे जाम की स्थिति बनी रहती है.
इसी के चलते शुक्रवार को सीओ सुरजीत कुमार ने कोतवाली में स्टोन क्रषर स्वामियों व प्रबंधकों की बैठक ली, जिसमें दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक प्रबंध करने की बात कही गई. वहीं सीओ ने बताया कि बैठक में तय हुआ कि स्टोन क्रशर स्वामी मार्ग पर रोजाना दो बार पानी का छिड़काव कराएंगे. सड़क पर हुये गड्ढों के लिए ग्रामीण लोनिवि के उच्चाधिकारियों से वार्ता करेंगे. साथ ही वाहनों पर स्पीड गवर्नर लगाने को कहा गया. जिन वाहनों में स्पीड गवर्नर खराब हैं उन्हें ठीक कराया जाएगा. वहीं, सप्ताह भर के भीतर ही सिडकुल मार्ग पर तीन लोगों की मौत के बाद ग्रामीणों का रोश कभी भी गंभीर रूप ले सकता है.