ETV Bharat / state

सितारगंज: चीनी मिल चलाओ संघर्ष समिति ने दिया धरना, मिल दोबारा चालू करने की मांग - Sugar Mill in sitarganj

2017 में सितारगंज किसान सहकारी चीनी मिल को बिना किसी कारण बंद कर दिया गई था. इसी को लेकर मंगलवार को सितारगंज चीनी मिल चलाओ संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने उपजिलाधिकारी कार्यालय प्रांगण में धरना दिया और जल्द जल्द मिल को दोबारा चालू कराने की मांग की.

sitarganj
चीनी मिल चलाओ संघर्ष समिति ने दिया धरना
author img

By

Published : Dec 10, 2019, 8:41 PM IST

Updated : Dec 10, 2019, 10:37 PM IST

सितारगंज: सहकारी चीनी मिल को चालू कराने की मांग को लेकर मंगलवार को किसानों ने उपजिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरना दिया. इस दौरान किसानों ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा. किसानों की मांग है कि सितारगंज किसान सहकारी चीनी मिल को दोबारा चालू कर किसानों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए.

बता दें कि, 2017 में चीनी मिल को बिना किसी कारण बंद कर दिया गई था. इसी को लेकर किसानों में आक्रोश बना हुआ है. साथ ही उनका आरोप है कि इस मिल में साल 1994 के बाद से सहकारिता चुनाव नहीं कराए गए हैं, जिससे किसानों की सहभागिता खत्म हो गई.

पढ़ें- संसद में बोले कांग्रेस नेता अधीर रंजन- 'मेक इन इंडिया' से 'रेप इन इंडिया' की ओर बढ़ रहा भारत

मंगलवार को सितारगंज चीनी मिल चलाओ संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने उपजिलाधिकारी कार्यालय प्रांगण में धरना दिया. उनकी मांग है कि चीनी मिल को दौबारा चालू कर किसानों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए. साथ ही गन्ने का भुगतान समय पर दिया जाए.

चीनी मिल चलाओ संघर्ष समिति ने दिया धरना.

किसानों की मांग है कि पावर प्लांट और एथनॉल प्लांट लगाने पर विचार कर मिल की क्षमता बढ़ाई जाए. उनका कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन से अपनी मांगों को लेकर शियाकत की, लेकिन अभी तक मामले में किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उनका कहना है कि अगर इस बार भी मामले का संज्ञान नहीं लिया जाता है तो सभी किसानों को एकजुट कर संघर्ष तेज किया जाएगा.

सितारगंज: सहकारी चीनी मिल को चालू कराने की मांग को लेकर मंगलवार को किसानों ने उपजिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरना दिया. इस दौरान किसानों ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा. किसानों की मांग है कि सितारगंज किसान सहकारी चीनी मिल को दोबारा चालू कर किसानों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए.

बता दें कि, 2017 में चीनी मिल को बिना किसी कारण बंद कर दिया गई था. इसी को लेकर किसानों में आक्रोश बना हुआ है. साथ ही उनका आरोप है कि इस मिल में साल 1994 के बाद से सहकारिता चुनाव नहीं कराए गए हैं, जिससे किसानों की सहभागिता खत्म हो गई.

पढ़ें- संसद में बोले कांग्रेस नेता अधीर रंजन- 'मेक इन इंडिया' से 'रेप इन इंडिया' की ओर बढ़ रहा भारत

मंगलवार को सितारगंज चीनी मिल चलाओ संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने उपजिलाधिकारी कार्यालय प्रांगण में धरना दिया. उनकी मांग है कि चीनी मिल को दौबारा चालू कर किसानों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए. साथ ही गन्ने का भुगतान समय पर दिया जाए.

चीनी मिल चलाओ संघर्ष समिति ने दिया धरना.

किसानों की मांग है कि पावर प्लांट और एथनॉल प्लांट लगाने पर विचार कर मिल की क्षमता बढ़ाई जाए. उनका कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन से अपनी मांगों को लेकर शियाकत की, लेकिन अभी तक मामले में किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उनका कहना है कि अगर इस बार भी मामले का संज्ञान नहीं लिया जाता है तो सभी किसानों को एकजुट कर संघर्ष तेज किया जाएगा.

Intro:सितारगंज चीनी मिल चलाने को धरना।


Body:एंकर-सितारगंज किसान सहकारी चीनी मिल को चलाने की मांग को लेकर किसानों व राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने दिया धरना। उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।

Conclusion:वीओ-सितारगंज चीनी मिल चलाओ संघर्श समिति के बैनर तले किसानों ने उपजिलाधिकारी कार्यालय प्रांगण में धरना दिया। बाद में उपजिलाधिकारी को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें कहा गया है कि दिसंबर 2017 में चीनी मिल को तब बंद कर दिया गया जब वह चलने को तैयार थी। कहा गया कि वर्श 1984 में षुरू हुई इस मिल में वर्श 1994 के बाद से सहकारिता के चुनाव नहीं कराये गये। जिससे किसानों की सहभागिता खत्म हो गई। सरकार अपने प्रबंधन से मिल का संचालन करती रही। यदि मिल घाटे में गई तो उसके लिए सरकार की नीतियां जिम्मेदार है। ज्ञापन में कहा गया कि इस मिल से प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिला था जो अब बेरोजगार हो गये हैं। मिल का विस्तारीकरण व आधुनिकीकरण नहीं किया गया।
मांग की गई कि चीनी मिल को पुनः चालू कर किसानों की सहभागिता सुनिष्चित की जाये व गन्ने का भुगतान समय पर मिले। साथ पावर प्लांट व एथनाल प्लांट लगाने पर विचार कर मिल की क्षमता बढ़ाई जाये। चेतावनी दी गई कि यदि मांगें न मानी गई तो संघर्श तेज किया जायेगा।

बाइट-गौरव कुमार एसडीएम
बाइट-डॉ महेंद्र पाल पूर्व सांसद
Last Updated : Dec 10, 2019, 10:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.