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रंग ला रही IPS रावत की पहल, जैविक खाद से खेतों में हो रही बंपर पैदावार

आम तौर पर पुलिस अधिकारी अपनी प्रशासनिक खूबियों के लिए जाने जाते हैं लेकिन सूबे में एक ऐसे पुलिस अधिकारी हैं जो प्रशासनिक दायित्व के साथ किसानों को समृद्धशाली बनाने की दिशा में लंबे समय से कार्य कर रहे हैं.आईपीएस अधिकारी पूरन सिंह रावत रावत किसानों को जैविक खाद के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

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Published : Jun 18, 2019, 8:06 PM IST

जैविक खाद जागरुकता

काशीपुर: उत्तराखंड में एक आईपीएस की पहल कर्ज के तले दबे किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. उनकी इस पहल से किसानों को भरपूर लाभ मिल रहा है. पुलिस अधिकारी होने के साथ ही वे खेती में भी रुचि रखते हैं. उन्होंने अपने आवास पर रसायन रहित जैविक तरल खाद तैयार की है. अब तक इस तकनीकी को हजारों किसानों ने पसंद किया है और इसका लाभ भी उठा रहे हैं. वे किसानों को निशुल्क खाद प्रदान कर रहे हैं.

आपको बता दें कि 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी पूरन सिंह रावत रावत कुमाऊं मंडल के डीआईजी और आईजी रह चुके हैं. अभी देहरादून में सीआईडी इंचार्ज के पद पर बने हुए हैं. आईपीएस रावत अपने खाली समय में इस कार्य को अंजाम तक पहुंचा रहें हैं.

अपने आवास पर तैयार खाद का अपने ही गार्डन में परीक्षण किया. उसके बाद अपने 11 एकड़ खेतों में गेंहू की फसल पर सिर्फ जैविक खाद्य का प्रयोग किया और गेंहू की फसल की पैदावार बहुत अच्छी हुई है. वहीं रावत सोशल मीडिया के माध्यम से इसे लोगों तक पहुंचा रहे हैं. आलम यह है कि अब देश के कोने-कोने से इस विधि को जानने के लिए किसान पहुंच रहे हैं.

आईपीएस अधिकारी पूरन सिंह रावत किसानों को जैविक खाद का महत्व बताते हुए.

जनपद उधम सिंह नगर में जैविक खाद का प्रयोग दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. उत्तराखंड में उधम सिंह नगर में खेती सबसे ज्यादा है. इस जनपद में एशिया का प्रथम गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है. जो देश और विदेश में कृषि शोध में प्रसिद्ध हैं.

इस जनपद में अब तेजी से किसानों का रासायनिक खाद से मोह भंग होता जा रहा है और किसान जैविक खाद को ज्यादा पसंद कर रहें हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड के आईपीएस पूरन रावत ने किसानों के लिए वेस्ट डिकॉम्पोजर के नाम से एक तरल जैविक खाद का शोध किया है.

यह भी पढ़ेंः करोड़ों के घाटे में परिवहन विभाग, बजट की कमी चलते खराब पड़ी बसें

अब इस विधि द्वारा किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है और इस विधि को किसान पसन्द कर रहे हैं. वहीं देश के दूर दराज इलाके से किसान इसका लाभ लेने के लिए पहुंचते दिखाई दे रहे हैं. किसानों की मानें तब इन वेस्ट डिकॉम्पोजर से उन्हें अच्छा लाभ मिल रहा है.

इसका प्रयोग करने से उनकी पैदावार में इजाफा हो रहा है. यह आम जैविक खाद से बेहतर है. इसका प्रयोग करने से किसानों को अच्छा लाभ प्राप्त हो रहा है. इस विधि द्वारा तैयार जैविक खाद को प्रयोग करके किसान बेहद खुश नजर आ रहे हैं.

काशीपुर: उत्तराखंड में एक आईपीएस की पहल कर्ज के तले दबे किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. उनकी इस पहल से किसानों को भरपूर लाभ मिल रहा है. पुलिस अधिकारी होने के साथ ही वे खेती में भी रुचि रखते हैं. उन्होंने अपने आवास पर रसायन रहित जैविक तरल खाद तैयार की है. अब तक इस तकनीकी को हजारों किसानों ने पसंद किया है और इसका लाभ भी उठा रहे हैं. वे किसानों को निशुल्क खाद प्रदान कर रहे हैं.

आपको बता दें कि 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी पूरन सिंह रावत रावत कुमाऊं मंडल के डीआईजी और आईजी रह चुके हैं. अभी देहरादून में सीआईडी इंचार्ज के पद पर बने हुए हैं. आईपीएस रावत अपने खाली समय में इस कार्य को अंजाम तक पहुंचा रहें हैं.

अपने आवास पर तैयार खाद का अपने ही गार्डन में परीक्षण किया. उसके बाद अपने 11 एकड़ खेतों में गेंहू की फसल पर सिर्फ जैविक खाद्य का प्रयोग किया और गेंहू की फसल की पैदावार बहुत अच्छी हुई है. वहीं रावत सोशल मीडिया के माध्यम से इसे लोगों तक पहुंचा रहे हैं. आलम यह है कि अब देश के कोने-कोने से इस विधि को जानने के लिए किसान पहुंच रहे हैं.

आईपीएस अधिकारी पूरन सिंह रावत किसानों को जैविक खाद का महत्व बताते हुए.

जनपद उधम सिंह नगर में जैविक खाद का प्रयोग दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. उत्तराखंड में उधम सिंह नगर में खेती सबसे ज्यादा है. इस जनपद में एशिया का प्रथम गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है. जो देश और विदेश में कृषि शोध में प्रसिद्ध हैं.

इस जनपद में अब तेजी से किसानों का रासायनिक खाद से मोह भंग होता जा रहा है और किसान जैविक खाद को ज्यादा पसंद कर रहें हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड के आईपीएस पूरन रावत ने किसानों के लिए वेस्ट डिकॉम्पोजर के नाम से एक तरल जैविक खाद का शोध किया है.

यह भी पढ़ेंः करोड़ों के घाटे में परिवहन विभाग, बजट की कमी चलते खराब पड़ी बसें

अब इस विधि द्वारा किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है और इस विधि को किसान पसन्द कर रहे हैं. वहीं देश के दूर दराज इलाके से किसान इसका लाभ लेने के लिए पहुंचते दिखाई दे रहे हैं. किसानों की मानें तब इन वेस्ट डिकॉम्पोजर से उन्हें अच्छा लाभ मिल रहा है.

इसका प्रयोग करने से उनकी पैदावार में इजाफा हो रहा है. यह आम जैविक खाद से बेहतर है. इसका प्रयोग करने से किसानों को अच्छा लाभ प्राप्त हो रहा है. इस विधि द्वारा तैयार जैविक खाद को प्रयोग करके किसान बेहद खुश नजर आ रहे हैं.

Intro:नोट - फीड FTP पर
फोल्डर नाम - UK_USN_18 JUN_IPS KI PAHEL KISANO KO BARADAN SABIT _UK10015

स्लग - आईपीएस की पहल किसानों को बरदान
रिपोर्टर - राजेन्द्र चन्द्रा
स्थान - उधम सिंह नगर

एंकर - उत्तराखंड में एक आईपीएस कि कीगई पहल कर्ज के तले दबे किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है । उनकी की गई पहल से किसानों को भरपूर लाभ मिल रहा है। पुलिस अधिकारी होने के साथ ही खेती-किसानी में भी रुचि रखते हैं। अपने आवास पर रसायन रहित जैविक तरल खाद तैयार की है। अब तक इस टेक्निक को हजारों किसानों ने पसंद किया है और इसका लाभ भी उठा रहे हैं। जो कि ये किसानों को निशुल्क प्रदान करा रहे हैं।


Body:वीओ - आपको बता दे कि 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी पूरन सिंह रावत रावत कुमाऊँ मंडल के डीआईजी और आईजी रह चुके हैं ,अभी देहरादून में सीआईडी इंचार्ज के पद पर बने हुए हैं । आईपीएस रावत अपने खाली समय मे इस कार्य को अंजाम तक पहुंचा रहें हैं। अपने आवास पर तैयार खाद का पहले प्रयोग के दौरान अपने ही गार्डन में परीक्षण किया उसके बाद अपने 11 एकड़ खेतों में गेंहू की फसल पर सिर्फ जैविक खाद्य का प्रयोग किया और गेंहू की फसल की पैदावार बहुत अच्छी हुई है । स्वयं अपने खेतों में जैविक खादों का प्रयोग किया और आज गेंहू की फसल बहुत अच्छी हुई है । इतना ही नही आईपीएस इस का प्रचार किसानों तक पहुंचाने के पर्पज से सोशल मीडिया के माध्यम से खूब कर रहें हैं। आलम यह है कि अब देश के कौन कौन से इस विधि को जानने के लिए किसान पहुंच रहें हैं।

बाईट - आईपीएस पूरन सिंह रावत

वीओ - जनपद उधम सिंह नगर में जैविक खाद का प्रयोग करना दिन प्रति दिन बढ़ाता ही जा रहा है। उत्तराखंड में उधम सिंह नगर जनपद खेती में सबसे ज्यादा है। इस जनपद में एशिया का प्रथम गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है । जिसमे देश और विदेश में कृषि शोध में बहुप्रसिद्ध है। इस जनपद में अब तेजी से किसान रासायनिक खाद से मोह भंग होता जा रहा है और किसान जैविक खाद को ज्यादा पसंद कर रहें हैं । इसी कड़ी में उत्तराखंड के आईपीएस पूरन रावत ने किसानों के लिए एक वेस्ट डिकॉम्पोज़र के नाम एक तरल जैविक खाद का शोध कर किसानों के बीच पहुंचाया । अब इस विधि द्वारा किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है और इस विधि को किसान तेजी से पसन्द कर रहें हैं । ओर किसान देश के दूर दराज से किसान इसका लाभ लेने के लिए पहुंचते दिखाई दे रहें हैं ।

Conclusion:बाईट - किसान

वीओ - किसानों की माने तब इन वेस्ट डिकॉम्पोज़र से उन्हें अच्छा लाभ मिल रहा है। इसके प्रयोग करने से उनकी पैदावार में इजाफा हो रहा है । ये आम जैविक खाद से बेहतर है। इसके प्रयोग करने से किसानों को अच्छा लाभ प्राप्त हो रहा है। इस विधि के द्वारा तैयार जैविक खाद को प्रयोग करके किसान बेहद खुश नजर आ रहें हैं। किसानों की माने तब अब वह इसी विधि के द्वारा जैविक खाद का प्रयोग कर राहें हैं । इस विधि को जानने के लिए देश के कौन कौन से किसान पहुंच रहें है। और साथ मे इसका आईपीएस पुरन रावत के द्वारा निशुल्क दिया जा रहा है।

बाईट - जिला मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. मुकुल सक्सेना

इनका भी इस विधि का प्रयोग किसानो के लिए लाभदायक बताया है। जैविक खाद का प्रयोग करना किसानो के लिए एक लाभदायक है ।
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