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काशीपुर में डॉक्टरों ने करवायी प्रीमैच्योर डिलीवरी, जच्चा-बच्चा स्वस्थ - काशीपुर प्रीमैच्‍योर डिलीवरी

काशीपुर के डॉक्टरों ने उपचार के माध्यम से महिला का प्रीमैच्‍योर प्रसव रोकने की काफी कोशिश की, लेकिन ऐसा न हो सका और महिला ने प्रीमैच्‍योर करीब 6 माह के बच्चे का जन्म कराया और कम वजन के नवजात शिशु का बेहतर उपचार करने के बाद शनिवार को शिशु को सकुशल उनके परिजनों को सौंप दिया.

Kashipur Premature Delivery
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Published : Jan 30, 2021, 8:40 PM IST

काशीपुर: कहते हैं डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं. इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है काशीपुर के डॉक्टरों ने. दरअसल, सहोता हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने 6 माह में पैदा हुए कम वजन के नवजात शिशु का बेहतर उपचार करने के बाद शनिवार को शिशु को सकुशल उनके परिजनों को सौंप दिया. परिजन अपने बच्चों को स्वस्थ पाकर खुश दिखाई दिए. इस दौरान उन्होंने हॉस्पिटल और डॉक्टरों का शुक्रिया अदा किया. इस दौरान डॉक्टरों ने परिजनों को बच्चों के उचित देखभाल करने के उचित टिप्स भी दिए.

Kashipur Premature Delivery
बच्चे के ठीक होने पर परिजनों में खुशी की लहर.

बता दें, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि सहोता ने बताया कि रामनगर क्षेत्र के ग्राम ढेला निवासी कुलदीप की 25 वर्षीय पत्नी सुनीता 6 माह की गर्भवती को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी, जिसको परिजनों ने कुछ दिनों पहले अस्पताल में भर्ती करवाया था. इस दौरान डॉक्टरों ने उपचार के माध्यम से महिला का प्रीमैच्‍योर प्रसव रोकने की काफी कोशिश की, लेकिन ऐसा न हो सका और महिला ने प्रीमेच्योर करीब 6 माह के बच्चे का जन्म कराया, जिसका जन्म के समय वजन मात्र 800 ग्राम था. जन्म के समय बच्चे के फेफड़ों का विकास नहीं हो पाने के कारण बच्चा सांस भी नहीं ले पा रहा था. बच्चे की किडनी और लिवर भी सही ढंग से काम नहीं कर रहे थे.

डॉक्टरों ने 6 माह में पैदा हुए बच्चे को दिया जीवन.

पढ़ें- 'स्वच्छता के सिपाही' की पिटाई के खिलाफ धरना, हल्द्वानी की सफाई व्यवस्था चरमराई

इस हालात में बच्चे का जीवन खतरे में था. ऐसी स्थिति में डॉ. नवप्रीत कौर ने नवजात को एनआईसीयू में भर्ती करके उपचार करने का निर्णय लिया. तीन सप्ताह के उपचार के बाद नवजात अब स्वस्थ है. नवजात को आज घर भेज दिया गया है.

काशीपुर: कहते हैं डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं. इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है काशीपुर के डॉक्टरों ने. दरअसल, सहोता हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने 6 माह में पैदा हुए कम वजन के नवजात शिशु का बेहतर उपचार करने के बाद शनिवार को शिशु को सकुशल उनके परिजनों को सौंप दिया. परिजन अपने बच्चों को स्वस्थ पाकर खुश दिखाई दिए. इस दौरान उन्होंने हॉस्पिटल और डॉक्टरों का शुक्रिया अदा किया. इस दौरान डॉक्टरों ने परिजनों को बच्चों के उचित देखभाल करने के उचित टिप्स भी दिए.

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बच्चे के ठीक होने पर परिजनों में खुशी की लहर.

बता दें, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि सहोता ने बताया कि रामनगर क्षेत्र के ग्राम ढेला निवासी कुलदीप की 25 वर्षीय पत्नी सुनीता 6 माह की गर्भवती को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी, जिसको परिजनों ने कुछ दिनों पहले अस्पताल में भर्ती करवाया था. इस दौरान डॉक्टरों ने उपचार के माध्यम से महिला का प्रीमैच्‍योर प्रसव रोकने की काफी कोशिश की, लेकिन ऐसा न हो सका और महिला ने प्रीमेच्योर करीब 6 माह के बच्चे का जन्म कराया, जिसका जन्म के समय वजन मात्र 800 ग्राम था. जन्म के समय बच्चे के फेफड़ों का विकास नहीं हो पाने के कारण बच्चा सांस भी नहीं ले पा रहा था. बच्चे की किडनी और लिवर भी सही ढंग से काम नहीं कर रहे थे.

डॉक्टरों ने 6 माह में पैदा हुए बच्चे को दिया जीवन.

पढ़ें- 'स्वच्छता के सिपाही' की पिटाई के खिलाफ धरना, हल्द्वानी की सफाई व्यवस्था चरमराई

इस हालात में बच्चे का जीवन खतरे में था. ऐसी स्थिति में डॉ. नवप्रीत कौर ने नवजात को एनआईसीयू में भर्ती करके उपचार करने का निर्णय लिया. तीन सप्ताह के उपचार के बाद नवजात अब स्वस्थ है. नवजात को आज घर भेज दिया गया है.

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