काशीपुर: पौड़ी जिले के झिरना से विस्थापित सैकड़ों परिवारों को 27 साल बाद भी भूमि का मालिकाना हक नहीं मिल पाया है. गुस्साए लोगों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. वहीं स्थानीय लोगों ने विरोध स्वरूप अपने-अपने घरों पर काले झंडे और पोस्टर लगाकर अपने गुस्से का इजहार किया है. ग्रामीणों का कहना है कि समस्या से अवगत कराने के बाद भी सरकारों ने आज तक ध्यान नहीं दिया, जिस कारण उन्हें आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
साल 1994 में पौड़ी के ग्राम धारा, झिरना और कोठीरो के सैकड़ों परिवारों को कॉर्बेट रिजर्व द्वारा जंगली जानवरों के आतंक के चलते वन बंदोबस्त के तहत विस्थापित कर काशीपुर के मानपुर, प्रतापपुर तथा रामनगर के आमपोखरा में बसाया गया था. तत्कालीन तहसीलदार द्वारा पैमाइश कर भूमि भी आवंटित कर दी गयी थी, लेकिन 27 साल गुजरने के बाद भी उन्हें मालिकाना हक भी नहीं मिल पाया. लोगों ने बताया कि 27 सालों से मालिकाना हक नहीं मिलने की वजह से वो अपने भू-स्वामित्व संबंधित अभिलेखों को काशीपुर तहसील में ऑनलाइन नहीं कर पा रहे हैं.
जिस कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं विस्थापित परिवारों को सरकारी योजनाओं, किसान सम्मान निधि और लोन आदि का लाभ तक नहीं मिल पाता है. उन्होंने कहा कि सरकार को अवगत कराने के बाद भी आज तक उनकी समस्या पर गौर नहीं किया गया है और उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया गया है.
वहीं गुस्साए ग्रामीणों ने अपने घरों पर काले झंडे और पोस्टर लगाकर विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि वह किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता को अपने गांव में घुसने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि वो मतदान तभी करेंगे जब उनकी समस्या का समाधान होगा.