खटीमा: भले ही कोरोना संक्रमण के बाद इंडो-नेपाल सीमा अभी भी सील हो लेकिन नेपाल का एक अधिकारी लाल बत्ती गाड़ी लेकर उत्तराखंड के बनबसा-टनकपुर इलाके में रोजाना भ्रमण करता देखा जा रहा है. अपने वाहन चालक व सुरक्षा कर्मी के साथ चंपावत जिले के बनबसा बाजार में में शॉपिंग करते इनका वाहन कैमरे में भी कैद हुआ है.
बड़ा सवाल यह भी है कि आम जनता व व्यापारियों को घंटों बनबसा-नेपाल सीमा पर रोकने वाली सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) सहित तमाम सुरक्षा एजेंसियां इस नेपाली अधिकारी के वाहन को रोक उसके रोजाना भारत में प्रवेश की आधिकारिक परमिशन ना तो पूछने की हिम्मत जुटा पाई हैं, ना ही कोई एक्शन ले पाई हैं. लाल बत्ती लगे इस वाहन में बैठे अधिकारी बनबसा बाजार में अपने कर्मचारियों के माध्यम से शॉपिंग करते हुए कैमरे में कैद हुए हैं. जानकारी लेने पर पता चला कि नेपाली लाल बत्ती धारी अधिकारी का नाम मीन राज पाठक है, जो कि काठमांडू में डीआईजी प्राविधिक चिकित्सक के पद पर वर्तमान में पोस्टेड हैं.
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यह अधिकारी वर्तमान में नेपाल के बॉर्डर इलाके कंचनपुर महेन्द्रनगर अपने घर छुट्टी पर आए हुए हैं. जब इनके सरकारी वाहन के भारत में प्रवेश की परमिशन की पड़ताल की तो चौंकाने वाला मामला सामने आया है. रोजाना भारतीय इलाकों में अपने लाल बत्ती सरकारी वाहन से फर्राटा भर रहे इस नेपाली अधिकारी के वाहन की कोई भी आधिकारिक परमिशन भारतीय प्रशासन से नहीं ली गई थी.
टनकपुर एसडीएम हिमांशु कफलटिया के अनुसार नेपाल पुलिस स्तर से कुछ दिन पहले एक फोन जरूर आया था कि यह अधिकारी टनकपुर स्थित अपनी ससुराल में अपनी पत्नी को वाहन से छोड़ने आएंगे. लेकिन इस संदर्भ में सरकारी वाहन की कोई भी परमिशन नेपाली प्रशासन द्वारा नहीं ली गई है. साथ ही नेपाली सरकारी वाहन के रोजाना बनबसा सीमा पर प्रवेश मामले को देखने की भी बात कही. एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट स्तर के अधिकारी इस प्रकरण में जिला प्रशासन की परमिशन होने की बात कह अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं.