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काशीपुर: हिंदूवादी संगठनों ने एसपी से की इमारतों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग

काशीपुर में हिंदू संगठनों ने एसपी से मुलाकात कर उच्च न्यायालय के आदेशानुसार धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों उतरवाने की मांग की है.

Demand for removal of Kashipur Loudspeaker
Demand for removal of Kashipur Loudspeaker
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Published : Apr 8, 2021, 10:43 PM IST

काशीपुर: हिन्दूवादी संगठनों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अपर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों का प्रयोग करने पर प्रतिबंधित है. इसी के चलते क्षेत्र में मन्दिरों, गुरुद्वारों से लाउडस्पीकर उतरने के बावजूद भी एक विशेष धर्म के धार्मिक स्थलों द्वारा लगातार लाडडस्पीकर का प्रयोग किया जा रहा है. हिन्दूवादी संगठनों के नेताओं ने एसपी से गुहार लगाते हुए कहा कि एक धर्म विशेष के धर्म स्थलों से लाउडस्पीकर नहीं उतरवाये गये तो नवरात्रों से सभी मंदिरों पर विश्व हिन्दू परिषद ओर बजरंग दल लाउडस्पीकरों का प्रयोग करने पर विवश होगा.

इस दौरान विश्वहिन्दू परिषद के जिला मंत्री यशपाल राजहंस ने का कहना है कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार किसी भी धार्मिक इमारत पर लाउडस्पीकर का उपयोग प्रतिबंधित है. अगर यदि अगले 5 दिन के भीतर विशेष इमारतों से लाउडस्पीकर के प्रयोग की पुनरावृत्ति होती है तो आगामी 13 अप्रैल से सभी मंदिरों पर विश्व हिंदू परिषद/बजरंग दल भी लाउडस्पीकर का प्रयोग करने के लिए मजबूर होगा.

एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा लाउडस्पीकरों को प्रतिबंधित नहीं किया गया है. केवल उससे निकलने वाली ध्वनि के डेसीमल को निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि उनके पास डेसीमल नापने का यंत्र नहीं है. ध्वनि प्रदूषण नापने का काम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का है और उसको क्रियान्वित कराने का काम स्थानीय प्रशासन का है, पुलिस का नहीं.

पढ़ें- खुशखबरीः शहरी क्षेत्रों में भी प्राधिकरण शुल्क किया जाएगा कम

जिस पर भाजपा नेता गुरविंदर सिंह चंडोक ने कहा कि इस संबंध में जब भी कोई मीटिंग की जाती है, तो उसका आयोजन पुलिस द्वारा किया जाता है. धर्म स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवाने भी पुलिस ही जाती है. इसलिए यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे सभी जिम्मेदार अधिकारियों को साथ लेकर विशेष धार्मिक स्थलों पर बजाये जाने वाले लाडडस्पीकरों के डेसीमल चेक कर ऐसे लोगों पर कार्रवाई करें, जिनके द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की जा रही है. इस पर एसपी प्रमोद कुमार ने आश्वासन दिया कि वे जल्दी ही अधिकारियों के साथ बैठक कर इस पर उचित कार्रवाई करेंगे.

काशीपुर: हिन्दूवादी संगठनों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अपर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों का प्रयोग करने पर प्रतिबंधित है. इसी के चलते क्षेत्र में मन्दिरों, गुरुद्वारों से लाउडस्पीकर उतरने के बावजूद भी एक विशेष धर्म के धार्मिक स्थलों द्वारा लगातार लाडडस्पीकर का प्रयोग किया जा रहा है. हिन्दूवादी संगठनों के नेताओं ने एसपी से गुहार लगाते हुए कहा कि एक धर्म विशेष के धर्म स्थलों से लाउडस्पीकर नहीं उतरवाये गये तो नवरात्रों से सभी मंदिरों पर विश्व हिन्दू परिषद ओर बजरंग दल लाउडस्पीकरों का प्रयोग करने पर विवश होगा.

इस दौरान विश्वहिन्दू परिषद के जिला मंत्री यशपाल राजहंस ने का कहना है कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार किसी भी धार्मिक इमारत पर लाउडस्पीकर का उपयोग प्रतिबंधित है. अगर यदि अगले 5 दिन के भीतर विशेष इमारतों से लाउडस्पीकर के प्रयोग की पुनरावृत्ति होती है तो आगामी 13 अप्रैल से सभी मंदिरों पर विश्व हिंदू परिषद/बजरंग दल भी लाउडस्पीकर का प्रयोग करने के लिए मजबूर होगा.

एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा लाउडस्पीकरों को प्रतिबंधित नहीं किया गया है. केवल उससे निकलने वाली ध्वनि के डेसीमल को निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि उनके पास डेसीमल नापने का यंत्र नहीं है. ध्वनि प्रदूषण नापने का काम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का है और उसको क्रियान्वित कराने का काम स्थानीय प्रशासन का है, पुलिस का नहीं.

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जिस पर भाजपा नेता गुरविंदर सिंह चंडोक ने कहा कि इस संबंध में जब भी कोई मीटिंग की जाती है, तो उसका आयोजन पुलिस द्वारा किया जाता है. धर्म स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवाने भी पुलिस ही जाती है. इसलिए यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे सभी जिम्मेदार अधिकारियों को साथ लेकर विशेष धार्मिक स्थलों पर बजाये जाने वाले लाडडस्पीकरों के डेसीमल चेक कर ऐसे लोगों पर कार्रवाई करें, जिनके द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की जा रही है. इस पर एसपी प्रमोद कुमार ने आश्वासन दिया कि वे जल्दी ही अधिकारियों के साथ बैठक कर इस पर उचित कार्रवाई करेंगे.

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