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हाईटेंशन लाइन दे रही हादसों को दावत, खौफ के साए में पढ़ाई करने को मजबूर देश का भविष्य

शहर के कई स्कूल ऐसे हैं जहां हाईटेंशन लाइन परिसर से ही गुजर रही है. इस मामले को लेकर अभिभावकों और स्कूल प्रशासन ने कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं. लेकिन हालात जस के तस हैं.

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बच्चों पर मंडरा रहा HIGH TENSION खतरा.
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Published : Dec 2, 2019, 1:59 PM IST

Updated : Dec 4, 2019, 1:32 PM IST

काशीपुर: शहर में कई स्कूलों में पढ़ रहे मासूमों पर जान का खतरा बना हुआ है. इन स्कूलों में बिजली की लाइनें स्कूल परिसर में ही मौजूद हैं. यहां बिजली के लटके तार विद्यार्थियों के लिए खतरा बने हुए हैं. स्कूलों की बिल्डिंग के ऊपर और पास से हाईटेंशन लाइन गुजरती है. जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

वहीं स्कूल प्रशासन का कहना है कि कई बार वे विद्युत विभाग से इनको हटाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी द्वारा इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया. जिससे हालात जस के तस बने हुए हैं. दरअसल, जौतपुर घोसी के राजकीय प्राथमिक विद्यालय और शिवलालपुर अमरझंडा गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय दोनों में ही स्कूली बच्चे खतरे के साए में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. यहां ठंड के मौसम में बच्चे बाहर धूप में बैठकर पढ़ते हैं. ऐसे में स्कूल परिसर में बिजली की लाइन गुजरना बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है. वहीं, बरसात के मौसम में ये खतरा और भी बढ़ जाता है.

हाईटेंशन लाइन दे रही हादसों को दावत

पढ़ें- चारधाम श्राइन बोर्ड: पुरोहित समाज का विरोध तेज, केदारघाटी में जोरदार प्रदर्शन

जलालपुर अमरसंडा के प्रधानाचार्य ने बताया कि बिजली विभाग का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. बिजली और शिक्षा विभाग को कई बार इस मामले से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

काशीपुर: शहर में कई स्कूलों में पढ़ रहे मासूमों पर जान का खतरा बना हुआ है. इन स्कूलों में बिजली की लाइनें स्कूल परिसर में ही मौजूद हैं. यहां बिजली के लटके तार विद्यार्थियों के लिए खतरा बने हुए हैं. स्कूलों की बिल्डिंग के ऊपर और पास से हाईटेंशन लाइन गुजरती है. जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

वहीं स्कूल प्रशासन का कहना है कि कई बार वे विद्युत विभाग से इनको हटाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी द्वारा इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया. जिससे हालात जस के तस बने हुए हैं. दरअसल, जौतपुर घोसी के राजकीय प्राथमिक विद्यालय और शिवलालपुर अमरझंडा गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय दोनों में ही स्कूली बच्चे खतरे के साए में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. यहां ठंड के मौसम में बच्चे बाहर धूप में बैठकर पढ़ते हैं. ऐसे में स्कूल परिसर में बिजली की लाइन गुजरना बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है. वहीं, बरसात के मौसम में ये खतरा और भी बढ़ जाता है.

हाईटेंशन लाइन दे रही हादसों को दावत

पढ़ें- चारधाम श्राइन बोर्ड: पुरोहित समाज का विरोध तेज, केदारघाटी में जोरदार प्रदर्शन

जलालपुर अमरसंडा के प्रधानाचार्य ने बताया कि बिजली विभाग का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. बिजली और शिक्षा विभाग को कई बार इस मामले से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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Summary- बिजली विभाग की लापरवाही के चलते काशीपुर में स्कूलों में स्कूली बच्चे खतरे के साए में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। स्कूलों के द्वारा बिजली विभाग से कई बार पत्र व्यवहार करने के बाद भी बिजली विभाग ने स्कूलों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइनों को नहीं हटाया है जिससे स्कूली बच्चों के ऊपर लगातार खतरे का साया मंडरा रहा है।

एंकर- बिजली विभाग की लापरवाही के चलते काशीपुर में स्कूलों में स्कूली बच्चे खतरे के साए में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। स्कूलों के द्वारा बिजली विभाग से कई बार पत्र व्यवहार करने के बाद भी बिजली विभाग ने स्कूलों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइनों को नहीं हटाया है जिससे स्कूली बच्चों के ऊपर लगातार खतरे का साया मंडरा रहा है।
Body:वीओ- दरअसल काशीपुर के बाजपुर रोड स्थित जैतपुर घोसी के राजकीय प्राथमिक विद्यालय तथा शिवलालपुर अमरझंडा गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय स्कूली बच्चे खतरे के साए में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। क्योंकि इस समय मौसम सर्दियों का है तो शिक्षक बच्चों को धूप में बाहर बैठाकर कर शिक्षा प्रदान करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ स्कूल में इंटरवेल के समय बच्चे स्कूल के ऊपर से गुजर रही 11000 और 33000 की हाईटेंशन लाइन के खेलते रहते हैं। स्कूली बच्चों की माने तो बरसात के समय यह खतरा और भी बढ़ जाता है और स्कूल के प्रांगण में कोई भी बड़ा हादसा होने का डर बना रहता है लेकिन बिजली विभाग है कि इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जलालपुर अमरसंडा के प्रधानाचार्य के मुताबिक इस संबंध में बिजली विभाग को तथा शिक्षा विभाग को भी पत्राचार के माध्यम से अवगत करा दिया गया है लेकिन अफसोस है कि दोनों ही विभागों की तरफ से कोई अमल नहीं हो पाया। जब इस बारे में प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे से बात की गई तो उन्होंने सारा ठीकरा स्कूल वालों के सब पर छोड़ दिया और बिजली विभाग का बचाव करते नजर आए लेकिन साथ ही उन्होंने इस संबंध में संबंधित विभाग से वार्ता करने की बात कही। दूसरी तरफ काशीपुर का उप जिलाधिकारी का ध्यान जब इस तरफ दिलवाया गया तो उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देशित किए जाने की बात कही।
बाइट- अरविंद पांडे, शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार
बाइट- सुंदर सिंह तोमर, उपजिलाधिकारी काशीपुर
बाइट- सतीश चंद्र गुप्ता, प्रधानाचार्य राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शिव लालपुर अमर झंडा
बाइट- स्कूली छात्र-छात्राएंConclusion:
Last Updated : Dec 4, 2019, 1:32 PM IST
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