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बाघ के हमले में 6 मौतों के बाद वन विभाग ने बनाया ये प्लान, फॉरेंसिक मदद से इस तरह पकड़ा जाएगा 'आदमखोर'

Man Eater Tiger Khatima बीते दिनों खटीमा के सुरई वन रेंज में आदमखोर बाघ का आतंक बढ़ा है. बाघ ने 6 लोगों को अपना निवाला बना लिया है, जिससे आम लोगों में काफी दशहत है. हाल ही में एक व्यक्ति की बाघ के हमले में मौत के बाद वन विभाग ने बाघ को पकड़ने की कसरत शुरू की है. इसके लिए फॉरेंसिक टीम की मदद ली जा रही है. कैमरा ट्रैकिंग और ऑडियो भी रिकॉर्ड किए जा रहे हैं. Khatima Tiger Attack Human Wildlife Conflict Khatima

tiger attack in khatima
खटीमा में बाघ का आतंक
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 29, 2023, 7:27 PM IST

खटीमा: सुरई वन रेंज में बीते कुछ दिनों में जंगल गए छह लोगों को बाघ द्वारा मारे जाने के बाद वन विभाग सतर्क हुआ है. वन विभाग अब हमलावर बाघ के पैरों के निशानों को फॉरेंसिक टीम की मदद से इकट्ठा कर रहा है, साथ ही घटनास्थल पर ट्रेसिंग, कास्टिंग, फुट प्रिंटिंग व जीपीएस रीडिंग के जरिए साक्ष्य संकलित किए गए हैं. यही नहीं, इस दौरान वन विभाग की टीम ने बाघ द्वारा इस्तेमाल होने वाले जंगली रास्तों में ट्रैकिंग कैमरा और ऑडियो रिकॉर्डिंग यंत्र भी स्थापित किए हैं.

तराई पूर्वी वन प्रभाग के खटीमा सब-डिवीजन में स्थित सुरई वन रेंज से लगे सीमांत ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं को देखते हुए वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई है. इसके साथ ही बीते रोज बाघ द्वारा एक व्यक्ति को फिर शिकार बनाए जाने की घटना भी घटित हुई है. बाघ की सक्रियता और व्यवहार को समझने के लिए वन क्षेत्राधिकारी राजेंद्र सिंह मनराल की टीम बाघ द्वारा किए गए हमले की जगह पर पहुंची और निरीक्षण किया. टीम में बायोलॉजिस्ट डॉ प्रशांत कुमार भी मौजूद थे.

tiger attack in khatima
घटनास्थल से इकट्ठे किए गए बाघ के फुट प्रिंट.

गहन निरीक्षण के दौरान फॉरेंसिक टीम से हमलावर बाघ के पद चिन्हों को संकलित किया. निरीक्षण के दौरान घटनास्थल पर ट्रेसिंग, कास्टिंग, फुट प्रिंटिंग एवं जीपीएस रीडिंग के जरिए सबूत इकट्ठा किए गए. इस पूरी कवायद के बारे में जानकारी देते हुए खटीमा सब-डिवीजन के एसडीओ संतोष पंत ने बताया कि क्षेत्र में बढ़ रहे मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए विभाग द्वारा वन्यजीवों की ट्रेकिंग करने के लिए आवश्यक यंत्रों की स्थापना की जा रही है. साथ ही वन क्षेत्र के सीमांत इलाकों में बसे सतपुड़ा, बग्गा रतनपुर, जामोर, भरतपुर, रमकोला, महोफ जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में वन विभाग के द्वारा ग्रामीणों से मॉनसून सीजन के दौरान जंगल में न जाने की अपील की मुनादी भी करवाई जा रही है.
इसे भी पढ़ें- खटीमा में घास लेने जंगल गए शख्स को बाघ ने बनाया निवाला, अबतक सुरई रेंज में 6 लोग हो चुके टाइगर का शिकार

गौर हो कि, वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक खटीमा के सुरई वन रेंज में बाघ 6 लोगों को अपना निवाला बना चुका है जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. वहीं, बीते रोज ही सुरई वन रेंज के 47 बी के जंगल में एक 51 वर्ष व्यक्ति हरनंदन को बाघ ने निवाला बनाया है. मृतक व्यक्ति पीलीभीत के रहने वाले थे और जंगल में घास काटने गए थे. घटना के समय हरनंदन के साथ उनकी पत्नी नानी देवी भी थी. महिला के शोर मचाने पर लोग वहां पहुंचे और वन विभाग को सूचना दी. वन विभाग की टीम को मौके पर बाघ शव को नोचता हुआ मिला. घटना के बाद से ही लोग काफी खौफ में हैं.

खटीमा: सुरई वन रेंज में बीते कुछ दिनों में जंगल गए छह लोगों को बाघ द्वारा मारे जाने के बाद वन विभाग सतर्क हुआ है. वन विभाग अब हमलावर बाघ के पैरों के निशानों को फॉरेंसिक टीम की मदद से इकट्ठा कर रहा है, साथ ही घटनास्थल पर ट्रेसिंग, कास्टिंग, फुट प्रिंटिंग व जीपीएस रीडिंग के जरिए साक्ष्य संकलित किए गए हैं. यही नहीं, इस दौरान वन विभाग की टीम ने बाघ द्वारा इस्तेमाल होने वाले जंगली रास्तों में ट्रैकिंग कैमरा और ऑडियो रिकॉर्डिंग यंत्र भी स्थापित किए हैं.

तराई पूर्वी वन प्रभाग के खटीमा सब-डिवीजन में स्थित सुरई वन रेंज से लगे सीमांत ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं को देखते हुए वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई है. इसके साथ ही बीते रोज बाघ द्वारा एक व्यक्ति को फिर शिकार बनाए जाने की घटना भी घटित हुई है. बाघ की सक्रियता और व्यवहार को समझने के लिए वन क्षेत्राधिकारी राजेंद्र सिंह मनराल की टीम बाघ द्वारा किए गए हमले की जगह पर पहुंची और निरीक्षण किया. टीम में बायोलॉजिस्ट डॉ प्रशांत कुमार भी मौजूद थे.

tiger attack in khatima
घटनास्थल से इकट्ठे किए गए बाघ के फुट प्रिंट.

गहन निरीक्षण के दौरान फॉरेंसिक टीम से हमलावर बाघ के पद चिन्हों को संकलित किया. निरीक्षण के दौरान घटनास्थल पर ट्रेसिंग, कास्टिंग, फुट प्रिंटिंग एवं जीपीएस रीडिंग के जरिए सबूत इकट्ठा किए गए. इस पूरी कवायद के बारे में जानकारी देते हुए खटीमा सब-डिवीजन के एसडीओ संतोष पंत ने बताया कि क्षेत्र में बढ़ रहे मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए विभाग द्वारा वन्यजीवों की ट्रेकिंग करने के लिए आवश्यक यंत्रों की स्थापना की जा रही है. साथ ही वन क्षेत्र के सीमांत इलाकों में बसे सतपुड़ा, बग्गा रतनपुर, जामोर, भरतपुर, रमकोला, महोफ जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में वन विभाग के द्वारा ग्रामीणों से मॉनसून सीजन के दौरान जंगल में न जाने की अपील की मुनादी भी करवाई जा रही है.
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गौर हो कि, वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक खटीमा के सुरई वन रेंज में बाघ 6 लोगों को अपना निवाला बना चुका है जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. वहीं, बीते रोज ही सुरई वन रेंज के 47 बी के जंगल में एक 51 वर्ष व्यक्ति हरनंदन को बाघ ने निवाला बनाया है. मृतक व्यक्ति पीलीभीत के रहने वाले थे और जंगल में घास काटने गए थे. घटना के समय हरनंदन के साथ उनकी पत्नी नानी देवी भी थी. महिला के शोर मचाने पर लोग वहां पहुंचे और वन विभाग को सूचना दी. वन विभाग की टीम को मौके पर बाघ शव को नोचता हुआ मिला. घटना के बाद से ही लोग काफी खौफ में हैं.

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