काशीपुर: आज नगर निगम बोर्ड की बजट सत्र की बैठक आयोजित की गई. बैठक में बजट सत्र के दौरान बीच में ही पार्षदों ने अनदेखी का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा. जिसके बाद नाराज पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया. वहीं, मेयर के समझाने पर आधे घंटे बाद पार्षद दोबारा बोर्ड बैठक में शामिल हुए. बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 10 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट पेश किया गया.
बताते चलें कि काशीपुर नगर निगम के सभागार में आज बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया था. बैठक के दौरान पार्षदों ने नगर की विभिन्न सड़कों की खुदाई के बाद उन्हें फिर से बनाए जाने के मामले में नगर निगम द्वारा हीला हवाली का आरोप लगाया. साथ ही जांच की मांग भी की. पार्षदों ने निगम के 3 साल के कार्यकाल की एसआईटी जांच की मांग की. पार्षद हंगामा कर बोर्ड बैठक छोड़ सभागार से बाहर निकलकर मेयर के कक्ष में जा बैठे.
दरअसल, बैठक शुरु होते ही पार्षदों ने बैठक में अपना रूख स्पष्ट कर दिया था. निगम पर उनकी मांगों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया. मेयर और एमएनए विवेक राय ने पार्षदों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन पार्षद यह कहते हुए सभागार से बाहर चले गये कि जो कंपनियां अपने कार्यों के निर्माण के लिये सड़कें खोद रही हैं. उनके द्वारा कितनी धनराशि निगम में जमा की जा रही है इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है. पार्षद सभागार से बाहर निकलकर मेयर ऊषा चौधरी के कक्ष में चले गये. इसके बाद मेयर चौधरी ने सभी पार्षदों को समझाया और सभागार में लायी. जिसके बाद बोर्ड बैठक शुरू हो सकी.
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वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए दस करोड़ रुपये का अनुमानित लाभ का बजट पेश किया गया. जिसे पार्षदों ने अपनी स्वीकृति दे दी. पार्षदों ने हाउस टैक्स, पार्किंग, तहबाजारी में कम कलेक्शन आने पर आपत्ति जतायी.