धनौल्टी/बाजपुरः किसानों और राजनीतिक दलों के लगातार विरोध के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज रविवार मॉनसून सत्र में संसद से पास किसानों और खेती से जुड़े बिलों पर अपनी सहमति दे दी है. हालांकि, इससे पहले किसान और राजनीतिक दल इन विधेयकों को वापस लेने की मांग को लेकर विरोध कर रहे थे. बाजपुर में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किसान बिल के विरोध में ट्रैक्टर रैली निकाली. जबकि, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने भी इन बिलों को लेकर विरोध जताया.
धनौल्टी पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने स्थानीय काश्तकारों के साथ मिलकर कृषि बिलों का विरोध किया. इस दौरान जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकार जिस तरह से देश के खेत-मजदूर और किसान को गुलाम बनाने का षड्यंत्र कर रही है, वो अत्यंत चिंताजनक है. इन तीनों बिलों से किसान, खेतीहर मजदूर बर्बादी के कगार पर खड़ा हो जाएगा. मंडी का आढ़ती, फुटकर व्यापारी, मंडी में काम करने वाले लाखों का रोजगार छीन जाएगा.
उन्होंने कहा कि देश में मंडियों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा, जिसका परिणाम होगा कि किसान को अपनी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा. इन बिलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य की लिखित गारंटी का न होना सरकार की किसान विरोधी मंशा को उजागर कर रहा है, प्रधानमंत्री अपनी जिद से 62 करोड़ भारतीयों को प्रभावित कर रहे हैं.
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कांग्रेसियों ने ट्रैक्टर रैली निकालकर जताया विरोध
बाजपुर में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ ट्रैक्टर रैली निकालते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कृषि बिल को वापस लिए जाने की मांग की. इस दौरान रैली में पंजाबी गीतकार हैरी धनोआ भी मौजूद रहे. जिन्होंने सरकार के खिलाफ गीत गाकर विरोध दर्ज कराया. किसानों और प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार ने जबरन कृषि बिल लागू कर किसानों के हितों पर कुठाराघात करने का काम किया है. सरकार फसलों को खरीदने में असमर्थ हो गई है, जिसके चलते कृषि बिल लागू किया गया है.