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यहां आज भी लगता है 150 साल पुराना मेला, सुल्ताना डाकू और फूलन देवी से जुड़ी हैं यादें

चैती मेले के नाम से प्रसिद्ध यह मेला 7 दिनों तक चलता है. यहां देश के कई हिस्सों से व्यापारी बेचने के लिए घोड़े लेकर आते हैं. जिन्हें खरीददार दौड़ाकर और जांच परखकर खरीदते हैं. 6 अप्रैल से शुरू हुआ ये चैती मेला 12 अप्रैल तक चलेगा.

150 साल पुराना मेला चैती.
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Published : Apr 10, 2019, 11:48 PM IST

Updated : Apr 11, 2019, 12:08 AM IST

काशीपुर: उधम सिंह नगर जिले में 150 साल पुराना मेला आज भी बदस्तूर जारी है. हर साल चैत्र महीने में लगने वाला यह मेला पूरी तरह से घोड़ों को खरीदने और बेचने के लिए लगाया जाता है. बताया जाता है कि एक जमाने में कुख्यात सुल्ताना डाकू और फूलन देवी ने भी यहां आकर घोड़ा खरीदा था. इन घोड़ों की कीमत 25 हजार से लाखों तक बताई जा रही है.

150 साल से लग रहा मेला चैती.

चैती मेले के नाम से प्रसिद्ध यह मेला 7 दिनों तक चलता है. यहां देश के कई हिस्सों से व्यापारी बेचने के लिए घोड़े लेकर आते हैं. जिन्हें खरीदार दौड़ाकर और जांच परखकर खरीदते हैं. 6 अप्रैल से शुरू हुआ ये चैती मेला 12 अप्रैल तक चलेगा.

इस मेले में सिन्धी, अरबी, मारवाड़ी, अमृतसरी, वल्होत्रा, नखरा, अफगानी आदि हर प्रजाति के घोड़े लाए जाते हैं. यहां लुधियाना और पंजाब से लाए घोड़ों की काफी डिमांड रहती है.

पिछले कई सालों घोड़ों का व्यापार करते आ रहे व्यापारी बताते हैं कि लगभग 100-150 साल पहले मशहूर डाकू सुल्ताना भी अपने लिए इसी बाजार से घोड़ा खरीदकर ले जाता था. उन्होंने बताया कि उस समय घोड़े 50 रुपए से लेकर 150 रुपए तक मिल जाते थे.

इस बार मेले में सबसे ज्यादा कीमत राजा नाम के घोड़े की है. इसके मालिक द्वारा घोड़े की कीमत 7 लाख 50 हजार बताई जा रही है. यह घोड़ा कई प्रदेशों में हुई प्रतियोगिता में विजेता रहा है, साथ ही इसके नाचने के भी लोग दीवाने हैं.

काशीपुर: उधम सिंह नगर जिले में 150 साल पुराना मेला आज भी बदस्तूर जारी है. हर साल चैत्र महीने में लगने वाला यह मेला पूरी तरह से घोड़ों को खरीदने और बेचने के लिए लगाया जाता है. बताया जाता है कि एक जमाने में कुख्यात सुल्ताना डाकू और फूलन देवी ने भी यहां आकर घोड़ा खरीदा था. इन घोड़ों की कीमत 25 हजार से लाखों तक बताई जा रही है.

150 साल से लग रहा मेला चैती.

चैती मेले के नाम से प्रसिद्ध यह मेला 7 दिनों तक चलता है. यहां देश के कई हिस्सों से व्यापारी बेचने के लिए घोड़े लेकर आते हैं. जिन्हें खरीदार दौड़ाकर और जांच परखकर खरीदते हैं. 6 अप्रैल से शुरू हुआ ये चैती मेला 12 अप्रैल तक चलेगा.

इस मेले में सिन्धी, अरबी, मारवाड़ी, अमृतसरी, वल्होत्रा, नखरा, अफगानी आदि हर प्रजाति के घोड़े लाए जाते हैं. यहां लुधियाना और पंजाब से लाए घोड़ों की काफी डिमांड रहती है.

पिछले कई सालों घोड़ों का व्यापार करते आ रहे व्यापारी बताते हैं कि लगभग 100-150 साल पहले मशहूर डाकू सुल्ताना भी अपने लिए इसी बाजार से घोड़ा खरीदकर ले जाता था. उन्होंने बताया कि उस समय घोड़े 50 रुपए से लेकर 150 रुपए तक मिल जाते थे.

इस बार मेले में सबसे ज्यादा कीमत राजा नाम के घोड़े की है. इसके मालिक द्वारा घोड़े की कीमत 7 लाख 50 हजार बताई जा रही है. यह घोड़ा कई प्रदेशों में हुई प्रतियोगिता में विजेता रहा है, साथ ही इसके नाचने के भी लोग दीवाने हैं.

Intro:काशीपुर के चैती मेले में इस लगने वाला नखासा बाजार प्रशासन की आधी अधूरी तैयारियों के बाद भी आजकल अपने पूरे शबाब पर है ! मेले में लाखों रुपए की कीमत के घोडों की खरीद फरोख्त की जा रही है। इस बाजार में दूर दूर से घोडा व्यापारी और खरीददार पहुॅच रहे हैं। पेश है काशीपुर से एक रिपोर्टः-    


Body:पिछले लगभग 50 वर्षों से यहां चैती मेले में पांच दिनों के लिए घोडा बाजार लगता है जिसे नखासा बाजार भी कहते हैं जिसमें घोडा व्यापारी दूर दूर से घोडे लेकर आते हैं और यहां बिक्री करके अपने घोडे की अच्छी कीमत वसूलकर जाते हैं। इस बार भी यह बाजार अपने पूरे षबाब पर है खरीददार यहां घोडों को दौडाकर व उनके करतब देखकर सही तरीके से जांच परखकर घोडे खरीदते हैं। 
वीओ- इस बाजार में सिन्धी, अरबी, मारवाडी तथा अवलक सहित, अमृतसरी, वल्होत्रा, नखरा, अफगानी हर प्रजाति के घोडे लाए जाते हैं। यहां लुधियाना व पंजाब से लाए घोडों की काफी डिमांड खरीददार करते हैं। काशीपुर के मां बाल सुंदरी देवी मंदिर में लगने वाले इस चैती मेले में हर साल लगने वाले नखासा बाजार का अनुमान इसी से ही लगाया जा सकता है कि अपने समय का मशहूर डाकू सुल्ताना डाकू भी अपने लिए इसी नखासाबाजार से घोडा खरीदकर ले जाता था। उस समय घोड़े 5 रूपए से लेकर 50 रूपए तक और अच्छे से अच्छा घोडा 100 रूपए और 150 रूपए में मिल जाता था ! इस बार मेले में सबसे ज्यादा कीमत का घोडा राजा आया है जिसकी कीमत मर्सिडीज़ कार से भी ज्यादा है ! इस बाजार में 10-12 नस्ल के घोड़े बिकने आते हैं। इस साल यहां 55 लाख कीमत का सिंधी नस्ल का घोड़ा बिकने पहुंचा है। चैती मेले के नखाशा बाजार में उत्तराखंड, यूपी समेत कई प्रदेशों से लोग घोड़े खरीदने आते हैं। 



Conclusion:
Last Updated : Apr 11, 2019, 12:08 AM IST
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