काशीपुरः उधमसिंह नगर के काशीपुर में एक प्राइवेट अस्पताल पर इलाज के नाम पर अधिक बिल वसूलने का आरोप लगा है. पीड़िता ने काशीपुर कोवताली में मुकदमा दर्ज कराया है, जिसके आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
जानकारी के मुताबिक काशीपुर के सुभाषनगर निवासी माधवी राजपूत ने कोतवाली पुलिस को एक तहरीर दी, जिसमें माधवी ने बताया कि बीती 2 मई को उसके पिता की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उन्हें मुरादाबाद रोड स्थित आयुष्मान हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. आरोप है कि भर्ती करने के दौरान अस्पताल की ओर से पांच हजार रुपये फाइल चार्ज व 25 हजार रुपये इमरेजेंसी बेड चार्ज लिया.
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माधवी ने ये भी आरोप लगाया कि तीन जून को अस्पताल की ओर से प्राइवेट कमरा लेने किए कहा गया. बाद में उनके पिता को 25 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से कमरा और पांच हजार रुपये बाईपेप के लिए व दवाई का खर्च अलग से बताया गया. जबकि, 16 मई को उनके पिता को बिना कोरोना जांच के घर भेज दिया गया. आरोप है कि उनसे 3 लाख 30 हजार रुपये हॉस्पिटल खर्च के नाम पर और 75 हजार रुपये दवाइयों का खर्च लिया गया.
इसके बाद 18 मई को उनके पिता की तबीयत फिर से खराब हो गई, जिसके बाद परिजने फिर से उन्हें हॉस्पिटल लेकर गए, जहां से डॉक्टरों ने ठीक होने की बात कहकर घर भेज दिया गया. साथ ही अल्ट्रासाउंड कराने की बात कही गई. आरोप है कि अस्पताल की ओर से इलाज करने से मना कर दिया गया.
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वहीं, 20 मई को उन्होंने अपने पिता को मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. युवती का आरोप है कि उनके पिता की मृत्यु का भय दिखाकर उनसे जबरदस्ती ज्यादा पैसे वसूले गए. युवती की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने दो डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
आयुष्मान अस्पताल पर पहले भी लग चुके हैं पैसा वसूलने के आरोप
इससे पहले भी एक युवक आयुष्मान अस्पताल के खिलाफ ज्यादा पैसा वसूलने का केस दर्ज करा चुका हैं. पहला केस दर्ज होने के बाद भी आयुष्मान अस्पताल ने अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं किया और उसके खिलाफ 384 व 188 आईपीसी के तहत दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.