काशीपुर: सरकारी अस्पताल काशीपुर के ब्लड बैंक में खून की कमी हो गई है. रक्तदान शिविर नहीं लगने से सरकारी रक्त कोष में रक्त का संकट गहरा गया है. वर्तमान में सरकारी अस्पताल में मात्र 10 से 20 यूनिट रक्त शेष है. इसके चलते गर्भवतियों व अन्य मरीजों को रक्त के लिए भटकना पड़ रहा है.
दरअसल, काशीपुर में रामनगर रोड स्थित एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल परिसर में सरकारी ब्लड बैंक स्थित है. रक्त कोष में 2 हजार यूनिट ब्लड की कैपिसिटी है. इसमें ऑल ब्लड 200 यूनिट, दो सौ यूनिट पीआरबीसी, 1,500 यूनिट एफएफपी और 200 यूनिट प्लेटलेट्स की क्षमता है. काशीपुर के सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक से ब्लड की उपलब्धता होने पर पड़ोसी जिले नैनीताल के रामनगर और अपने जिले के बाजपुर, जसपुर आदि स्थानों के अतिरिक्त पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की सीमा के मुरादाबाद जिले के ठाकुरद्वारा तक के मरीज पास में सरकारी ब्लड बैंक होने के चलते यहां से ब्लड ले जाते हैं. लेकिन रक्तदान शिविर नहीं लगने के कारण रक्तकोष में 10 से 20 यूनिट रक्त शेष है. जबकि बी पॉजिटिव को छोड़कर एबी पॉजिटिव, ए निगेटिव, बी निगेटिव, ओ निगेटिव, एबी निगेटिव रक्त उपलब्ध नहीं है.
बता दें कि, प्रतिदिन प्रसव के लिए करीब 5-6 यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है. रक्तदान शिविर नहीं लगने से मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. साथ ही थैलीसिमिया के करीब 58 बच्चे पंजीकृत हैं. जिन्हें जरूरत के हिसाब से रक्त चढ़ना होता है. इससे अभिभावकों को भी परेशानी होती है. इसके बावजूद भी ब्लड बैंक के स्टाफ की मानें तो उनके पास रक्तदान करने वाले डोनर्स की डायरेक्ट्री बनी हुई है. जिन्हें संपर्क करके ब्लड उपलब्ध हो जाता है. इमरजेंसी में व्यक्ति मरीज की जान बचाने के लिए निजी अस्पतालों के रक्तकोष की ओर रुख करने को मजबूर हैं. लेकिन इस ओर से ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.
पढ़ें: Fuel Prices in Uttarakhand: उत्तराखंड के इन शहरों आज ये हैं डीजल-पेट्रोल के दाम
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. मनु पांडेय के मुताबिक जल्द ही रक्तदान शिविर आयोजित होने वाला है. जिसके माध्यम से ब्लड बैंक में ब्लड की कमी पूरी कर ली जाएगी. समाजसेवी डॉ. एमए राउल के मुताबिक बीते रोज ही उन्हें किसी महिला का फोन आया जिसे ए पॉजिटिव ब्लड की जरूरत थी जोकि उसे नहीं मिल पा रहा था. बाद में उन्होंने अपने प्रयासों से फेसबुक के माध्यम से उनकी मदद की.