रुद्रपुर: किच्छा में उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में बीजेपी और राज्य आंदोलनकारी (कांग्रेस नेता) आमने-सामने आ गए और मामला मारपीट तक पहुंच गया. पुलिस अधिकारियों ने बीच में आकर किसी तरह मामला शांत कराया. इसके बाद कुछ राज्य आंदोलनकारी कार्यक्रम का बहिष्कार कर चले गए.
किच्छा में राज्य स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी विधायक राजेश शुक्ला और राज्य आंदोलनकारी एवं कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट आमने-सामने आ गए. दोनों में जमकर बहस हुई. मामला शांत कराने के लिए अधिकारियों को बीच में आना पड़ा.
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दरअसल, हुआ ये कि किच्छा तहसील में स्थापना दिवस मनाया जा रहा था. सभी राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया गया था. कार्यक्रम में राज्य आंदोलनकारियों का संबोधन चल रहा था. कार्यक्रम में करीब 1.5 घंटे देरी से पहुंचे विधायक राजेश शुक्ला के पहुंचने पर संबोधन का कार्यक्रम रोक दिया गया, जिसका विरोध राज्य आंदोलनकारियों ने किया.
इसके बाद जिला प्रशासन ने सभी को सम्मानित करने के बाद संबोधन कार्यक्रम को दोबारा शुरू करने को कहा, लेकिन आंदोलनकारी अपनी बात पर डटे रहे. इस दौरान राज्य आंदोलनकारी व कांग्रेसी नेता ने विधायक राजेश शुक्ला पर टिप्पणी कर दी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वह ऐसे विधायक से सम्मानित नहीं होना चाहते है, जो खुद उत्तराखंड राज्य बनने का विरोधी रहा हो.
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इतने में विधायक का गुस्सा सातवें आसमान में जा पहुंचा और दोनों पक्ष के लोग के बीच हंगामा करना शुरू कर दिया. बाद में विरोध को देखते हुए अधिकारियों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया. इसके बाद कुछ राज्य आंदोलनकारी कार्यक्रम का बहिष्कार कर चलते बने. राज्य आंदोलनकारी व कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गणेश उपाध्याय ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को ऐसे विधायक को बर्खास्त करना चाहिए.