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पिता की संपति में हिस्सा मांगना युवती को पड़ा महंगा, अपने ही बन गए दुश्मन - Apoorva Chawla's family became enemies

अपूर्वा चावला पिछले कई महीने से अपने परिवार के सदस्यों से परेशान है. अपूर्वा के घरवाले ही उसकी जान के दुश्मन बने हुए हैं. जिसके कारण अपूर्वा को घर छोड़कर किराये पर रहने को मजबूर होना पड़ रहा है.

पिता की संपति में हिस्सा मांगना युवती को पड़ा भारी.
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Published : Aug 19, 2019, 8:11 PM IST

गदरपुर : उधम सिंह नगर के छतरपुर में से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई सन्न हो जाएगा. यहां एक युवती को अपने ही घर में रहने के लिए पुलिस-प्रशासन का सहारा लेना पड़ रहा है. बावजूद युवती को न्याय नहीं मिल पा पा रहा है. जिसके कारण युवती दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. हाई कोर्ट के आदेशों के बाद भी युवती को उसके घर में घुसने नहीं दिया जा रहा है. जिससे पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं.

पिता की संपति में हिस्सा मांगना युवती को पड़ा भारी.

केंद्र सरकार लगातार बेटियों को पढ़ाने और बढ़ाने को लेकर संदेश देती रहती है, लेकिन लोगों पर इसका असर कम ही दिख रहा है. इसका ताजा मामला उधम सिंह नगर के काशीपुर क्षेत्र से सामने आया है, यहां रहने वाली अपूर्वा चावला पिछले कई महीने से अपने परिवार के सदस्यों से ही परेशान है. अपूर्वा के घरवाले ही उसकी जान के दुश्मन बने हुए हैं. जिसके कारण अपूर्वा को घर छोड़कर किराये पर रहने को मजबूर होना पड़ रहा है.

पढ़ें-उत्तरकाशी में बादल फटा, कई गांव तबाह, प्रशासन ने खाली करवाया त्यूणी बाजार

दरअसल, अपूर्वा के पिता निधन के बाद करोड़ों की संपति अपने पीछे छोड़कर गये थे. जिसके बाद अपूर्वा ने भी पिता की संपित में हिस्सा मांगा. फिर क्या था उसके बाद से ही अपूर्वा के परिजन उसके पीछे हाथ धोकर पड़ गये. जिसके बाद मामले में न्याय के लिए अपूर्वा ने जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक और तमाम उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन नतीजा सिफर ही निकला. अंत में थक हार कर अपूर्वा कोर्ट के शरण में गई. जहां कोर्ट ने अपूर्वा को उसके पैतृक घर में ही रहने के निर्देश दिये, लेकिन कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी अपूर्वा को उसके परिजन घर में घुसने नहीं दे रहे हैं.

पढ़ें-भाइयों की फोटो देखकर रक्षाबंधन मनाती हैं बहनें, भाई देश की रक्षा लिए सीमा पर है तैनात

मीडिया से बात करते हुए अपूर्वा चावला ने कहा कि पिता की संपति में हिस्सा मांगना उसका हक है. उन्होंने कहा कि इसके कारण जान पर खतरा मंडरा रहा है. अपूर्वा ने मीडिया के सामने न्याय की गुहार लगाते हुए प्रशासन से अधिकार दिलाने की मांग की. बता दें कि अपूर्वा न्याय के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित सभी आला अधिकारियों तक गुहार लगा चुकी है. वो अब तक इस मामले में 250 प्रार्थना पत्र दे चुकी है, लेकिन उसे कहीं से भी न्याय नहीं मिला.

गदरपुर : उधम सिंह नगर के छतरपुर में से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई सन्न हो जाएगा. यहां एक युवती को अपने ही घर में रहने के लिए पुलिस-प्रशासन का सहारा लेना पड़ रहा है. बावजूद युवती को न्याय नहीं मिल पा पा रहा है. जिसके कारण युवती दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. हाई कोर्ट के आदेशों के बाद भी युवती को उसके घर में घुसने नहीं दिया जा रहा है. जिससे पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं.

पिता की संपति में हिस्सा मांगना युवती को पड़ा भारी.

केंद्र सरकार लगातार बेटियों को पढ़ाने और बढ़ाने को लेकर संदेश देती रहती है, लेकिन लोगों पर इसका असर कम ही दिख रहा है. इसका ताजा मामला उधम सिंह नगर के काशीपुर क्षेत्र से सामने आया है, यहां रहने वाली अपूर्वा चावला पिछले कई महीने से अपने परिवार के सदस्यों से ही परेशान है. अपूर्वा के घरवाले ही उसकी जान के दुश्मन बने हुए हैं. जिसके कारण अपूर्वा को घर छोड़कर किराये पर रहने को मजबूर होना पड़ रहा है.

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दरअसल, अपूर्वा के पिता निधन के बाद करोड़ों की संपति अपने पीछे छोड़कर गये थे. जिसके बाद अपूर्वा ने भी पिता की संपित में हिस्सा मांगा. फिर क्या था उसके बाद से ही अपूर्वा के परिजन उसके पीछे हाथ धोकर पड़ गये. जिसके बाद मामले में न्याय के लिए अपूर्वा ने जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक और तमाम उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन नतीजा सिफर ही निकला. अंत में थक हार कर अपूर्वा कोर्ट के शरण में गई. जहां कोर्ट ने अपूर्वा को उसके पैतृक घर में ही रहने के निर्देश दिये, लेकिन कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी अपूर्वा को उसके परिजन घर में घुसने नहीं दे रहे हैं.

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मीडिया से बात करते हुए अपूर्वा चावला ने कहा कि पिता की संपति में हिस्सा मांगना उसका हक है. उन्होंने कहा कि इसके कारण जान पर खतरा मंडरा रहा है. अपूर्वा ने मीडिया के सामने न्याय की गुहार लगाते हुए प्रशासन से अधिकार दिलाने की मांग की. बता दें कि अपूर्वा न्याय के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित सभी आला अधिकारियों तक गुहार लगा चुकी है. वो अब तक इस मामले में 250 प्रार्थना पत्र दे चुकी है, लेकिन उसे कहीं से भी न्याय नहीं मिला.

Intro:एंकर - हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी एक युवती को न्याय नही मिल पा रहा है युवती को अपना ही घर पाने के लिये इधर उधर ठोकरें खाने पड़ रहे हैBody:उधम सिंह नगर के छतरपुर में से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे देखकर ओर सुनकर आप सन्न रहा जायेगे। एक युवती को न्याय पाने के लिए दर - दर की ठोकरे खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी एक युवती को न्याय नही मिल पा रहा है। युवती को अपना घर पाने के लिये इधर उधर ठोकरें खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है

विओ - 1 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ओर से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चलाकर लड़कियों को स्वावलंबी लक्ष्य रखते हुए आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है वही उधम सिंह नगर के काशीपुर क्षेत्र की एक कुंवारी लड़की अपूर्वा चावला पिछले कई महीने से अपने परिवार के सदस्यों द्वारा जान का दुश्मन बने घर से बेघर है
आपको बता दूं अपूर्व चावला की पिताजी का स्वर्गवास होने के बाद करोड़ों की संपत्ति पीछे छोड़ गए उनके भाई पिंटू चावला और परिजन उन्हें घर से बेघर कर दिया अपूर्वा का कसूर बस इतना ही था कि उन्होंने अपने पिता की संपत्ति से कुछ अंश अपने भाइयों से मांग बैठा ।
अपूर्वा चावला ने जिलाधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा तमाम उच्च अधिकारियों के पास गई परंतु अपूर्व को कहीं से न्याय नहीं मिला अंत में अपूर्वा ने कोर्ट के शरण में गई
कोर्ट ने आदेश दिया की अपूर्वा चावला को घर में रहने के लिए जगह मिले परंतु घर के सभी मेंबर उन्हें घर में प्रवेश करने नहीं दे रहे है
बेवस लड़की उधम सिंह नगर के छतरपुर मै अपनी सहेली के घर में वर्तमान में रहे रही है
वही अपूर्वा चावला का कहना है कि मेरी जान का खतरा है मैं जाऊं तो जाऊं कहा क्या बिटियो को अपने पिता के संपत्ति पर अधिकार नहीं है
अपूर्वा ने मीडिया के सामने गुहार लगाते हुए प्रशासन से निवेदन किया किया कि मुझे अपने अधिकार दिला दीजिए

विओ - 2 युवती ने देश के प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रीपति महोदय,राज्यपाल महोदय ओर अपने सूबे के मुख्यमंत्री सहित सभी आला अधिकारियों को अब तक 250 प्रर्थना पत्र दे चुकी है लेकिन उसे कहीं से भी न्याय नही मिल पा रहा है। यही नही जब युवती को कही से न्याय नही लिया तो उसने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया। युवती ने कहा कि जहां एक ओर देश की केंद्र सरकार महिलाओं के सुरक्षा के दृष्टि से कानून बनाये जा रहें हैं लेकिन सायद ये नियम और कानून सभी धरातल के लिए नही बने हैं। युवती का आरोप है कि प्रशासन उसका कोई साथ नही दे रहा है। वह अपना हक़ पाने के लिए 5 वर्षो से इधर उधर भटकना पड़ रहा है लेकिन उनकी कोई मदद नही कर रहा है

Conclusion:अब देखना ये होगा कि हाईकोर्ड के अदेशो का कब पालन होगा और बेसहारा युवती को अपना हक कब मिलेगा ये तो आने वाला बक्त बातएगा

बाइट : अपूर्वा चावला पीड़िता युवती
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