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नाबालिग के साथ कुकर्म: कोर्ट ने दोषी को सुनाई 20 साल की सजा, लगाया 40 हजार रुपए का जुर्माना

रुद्रपुर पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से कुकर्म करने के मामले में एक आरोपी को दोषी करार दिया है. आरोपी को कोर्ट ने 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 40 हजार रुपए का अर्थदंड लगाते हुए राज्य सरकार को पीड़ित को चार लाख रुपए मुआवजा देने के आदेश दिए हैं.

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Published : Jun 16, 2023, 10:18 AM IST

रुद्रपुर: नाबालिग का अपहरण कर कुकर्म करने के मामले में पॉक्सो न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने दोषी को 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 40 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. इस दौरान विशेष शासकीय अधिवक्ता विकास गुप्ता द्वारा कोर्ट के समक्ष 7 गवाह पेश किए गए.

उधम सिंह नगर के खटीमा निवासी एक महिला ने थाने में पहुंच पुलिस को तहरीर सौंप कर बताया कि 6 दिसंबर 2021 की शाम उसका 13 वर्षीय बेटा अपने साथियों के साथ पड़ोस में शादी देखने गया था. जब वह 9 बजे तक घर वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू कर दी. रात्र 10 बजे जब वह घर लौटा तो परिजनों ने उससे लेट में घर आने का कारण पूछा तो नाबालिग रोने लगा, जिसके बाद घटना के बारे में उसने परिजनों को बताया. किशोर को आरोपी द्वारा किसी को घटना के बारे में बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई थी.
पढ़ें-बीडीसी सदस्य हत्याकांड: हत्या के चार दोषियों को कार्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

जिसके बाद पीड़ित की मां ने कोतवाली में तहरीर देकर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी. जिसके बाद पुलिस ने नाबालिग का मेडिकल कराया, जिसमें घटना की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया. तब से मामला पॉक्सो कोर्ट में चल रहा था. जिसमें विशेष शासकीय अधिवक्ता पॉक्सो विकास गुप्ता ने 7 गवाह पेश किए. जिसके बाद न्यायाधीश अरविंद्र गौड़ ने दोषी को 20 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 40 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. इसके अलावा उन्होंने राज्य सरकार को पीड़ित किशोर को चार लाख रुपए मुआवजा देने के आदेश दिए हैं.

रुद्रपुर: नाबालिग का अपहरण कर कुकर्म करने के मामले में पॉक्सो न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने दोषी को 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 40 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. इस दौरान विशेष शासकीय अधिवक्ता विकास गुप्ता द्वारा कोर्ट के समक्ष 7 गवाह पेश किए गए.

उधम सिंह नगर के खटीमा निवासी एक महिला ने थाने में पहुंच पुलिस को तहरीर सौंप कर बताया कि 6 दिसंबर 2021 की शाम उसका 13 वर्षीय बेटा अपने साथियों के साथ पड़ोस में शादी देखने गया था. जब वह 9 बजे तक घर वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू कर दी. रात्र 10 बजे जब वह घर लौटा तो परिजनों ने उससे लेट में घर आने का कारण पूछा तो नाबालिग रोने लगा, जिसके बाद घटना के बारे में उसने परिजनों को बताया. किशोर को आरोपी द्वारा किसी को घटना के बारे में बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई थी.
पढ़ें-बीडीसी सदस्य हत्याकांड: हत्या के चार दोषियों को कार्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

जिसके बाद पीड़ित की मां ने कोतवाली में तहरीर देकर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी. जिसके बाद पुलिस ने नाबालिग का मेडिकल कराया, जिसमें घटना की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया. तब से मामला पॉक्सो कोर्ट में चल रहा था. जिसमें विशेष शासकीय अधिवक्ता पॉक्सो विकास गुप्ता ने 7 गवाह पेश किए. जिसके बाद न्यायाधीश अरविंद्र गौड़ ने दोषी को 20 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 40 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. इसके अलावा उन्होंने राज्य सरकार को पीड़ित किशोर को चार लाख रुपए मुआवजा देने के आदेश दिए हैं.

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