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बैंक में नकली नोट जमा करने के आरोपी को 5 साल की जेल

खटीमा में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने बैंक में नकली नोट जमा करने के मामले में एक आरोपी को 5 साल की जेल व दस हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है. साथ ही अर्थदंड न देने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए हैं.

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Published : Mar 17, 2021, 10:43 AM IST

खटीमा: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने बैंक में नकली नोट जमा करने के मामले में एक आरोपी को 5 साल की जेल व दस हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है. साथ ही अर्थदंड न देने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए हैं.


खटीमा के झनकईया स्थित कॉर्पोरेशन बैंक (Corporation Bank) के शाखा प्रबंधक राजीव रंजन ने 22 दिसंबर 2016 को बगुलिया निवासी उमेश कुमार पर अपने खाते में 500 के 10 नोट कुल 5,000 के नकली नोट जमा करने का आरोप लगाते हुए झनकईया थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मुकदमे पर पुलिस ने 25 मार्च 2017 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था. मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में हुई. अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता सौरभ ओझा ने 6 गवाह पेश किए.

पढ़ें: 'आप' महिला कार्यकर्ताओं ने BJP नेता के खिलाफ दी तहरीर, अभद्रता का आरोप

अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार मणि ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया, जिसमें उन्होंने उमेश कुमार को संबंधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर 5 साल की जेल व दस हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई. वहीं, अर्थदंड अदा न करने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

खटीमा: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने बैंक में नकली नोट जमा करने के मामले में एक आरोपी को 5 साल की जेल व दस हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है. साथ ही अर्थदंड न देने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए हैं.


खटीमा के झनकईया स्थित कॉर्पोरेशन बैंक (Corporation Bank) के शाखा प्रबंधक राजीव रंजन ने 22 दिसंबर 2016 को बगुलिया निवासी उमेश कुमार पर अपने खाते में 500 के 10 नोट कुल 5,000 के नकली नोट जमा करने का आरोप लगाते हुए झनकईया थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मुकदमे पर पुलिस ने 25 मार्च 2017 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था. मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में हुई. अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता सौरभ ओझा ने 6 गवाह पेश किए.

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अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार मणि ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया, जिसमें उन्होंने उमेश कुमार को संबंधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर 5 साल की जेल व दस हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई. वहीं, अर्थदंड अदा न करने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

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