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पंतनगर सिडकुल में भी हो सकता है दिल्ली जैसा बड़ा हादसा, आग के मुहाने पर खड़ी कई फैक्ट्रियां

आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2014 से लेकर दिसंबर 2019 तक रुद्रपुर में 42 फैक्ट्रियों में आग लग चुकी है, लेकिन अग्निशमन विभाग ने इन से कोई सबक नहीं लिया.

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Published : Dec 10, 2019, 3:33 PM IST

rudrapur
रुद्रपुर

रुद्रपुर: देशभर में हो रही आगजनी की घटनाओं से प्रशासन ने आजतक कोई सबक नहीं लिया है. उधम सिंह नगर में भी प्रशासन शायद कोई बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है. ऐसा हम नहीं बल्कि उधम सिंह नगर जिला के पंतनगर स्थित सिडकुल की स्थिति बयां कर रही है. सिडकुल में इस समय करीब 266 फैक्ट्रियां चल रही है. जिसमें से 27 फैक्ट्री ऐसी हैं, जिन्होंने अग्निशमन विभाग से कोई एनओसी नहीं ली है.

विभाग की ये स्थिति तब है जब पंतनगर सिडकुल में पहले भी कई फैक्ट्रियों में आग चुकी है. इस साल की बात करें तो अभीतक पंतनगर सिडकुल में करीब दस से ज्यादा फैक्ट्रियों में आग लग चुकी है. फिर भी संबंधित विभाग के अधिकारी नींद से जागने को तैयार नहीं हैं.

आग के मुहाने कई फैक्ट्रियां

पढ़ें- पूर्व सीएम हरीश रावत और विजय बहुगुणा की गुफ्तगू करते तस्वीर वायरल

इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन फैक्ट्रियों में कर्मचारी अपनी जान हथेली पर रखकर काम कर रहे हैं. हालांकि विभाग इन फैक्ट्रियों को नोटिस भेज चुका है, लेकिन फैक्ट्री मालिक भी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. शायद विभाग के साथ वो भी किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे है.

आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2014 से लेकर दिसंबर 2019 तक रुद्रपुर में 42 फैक्ट्रियों में आग लग चुकी है.
हादसों का आंकड़ा

साल दुर्घटनाएं
2014 5
2015 8
2016 7
2017 6
2018 6
2019 10

इस बारे में फायर स्टेशन इंचार्ज पंतनगर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सिडकुल अग्निशमन केंद्र के पास छोटे-बड़े आधा दर्जन अग्निशमन वाहन हैं. इसके अलावा रेस्क्यू करने के लिए अलग से एक वाहन भी विभाग के पास है. जरुरत पड़ने पर बड़े संस्थानों से भी मदद ली जाती है. जो फैक्ट्रियां बिना एनओसी के चल रही हैं, उन्हें नोटिस भेजा गया है. यदि उन्होंने जल्द ही एनओसी नहीं ली तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी..

रुद्रपुर: देशभर में हो रही आगजनी की घटनाओं से प्रशासन ने आजतक कोई सबक नहीं लिया है. उधम सिंह नगर में भी प्रशासन शायद कोई बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है. ऐसा हम नहीं बल्कि उधम सिंह नगर जिला के पंतनगर स्थित सिडकुल की स्थिति बयां कर रही है. सिडकुल में इस समय करीब 266 फैक्ट्रियां चल रही है. जिसमें से 27 फैक्ट्री ऐसी हैं, जिन्होंने अग्निशमन विभाग से कोई एनओसी नहीं ली है.

विभाग की ये स्थिति तब है जब पंतनगर सिडकुल में पहले भी कई फैक्ट्रियों में आग चुकी है. इस साल की बात करें तो अभीतक पंतनगर सिडकुल में करीब दस से ज्यादा फैक्ट्रियों में आग लग चुकी है. फिर भी संबंधित विभाग के अधिकारी नींद से जागने को तैयार नहीं हैं.

आग के मुहाने कई फैक्ट्रियां

पढ़ें- पूर्व सीएम हरीश रावत और विजय बहुगुणा की गुफ्तगू करते तस्वीर वायरल

इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन फैक्ट्रियों में कर्मचारी अपनी जान हथेली पर रखकर काम कर रहे हैं. हालांकि विभाग इन फैक्ट्रियों को नोटिस भेज चुका है, लेकिन फैक्ट्री मालिक भी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. शायद विभाग के साथ वो भी किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे है.

आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2014 से लेकर दिसंबर 2019 तक रुद्रपुर में 42 फैक्ट्रियों में आग लग चुकी है.
हादसों का आंकड़ा

साल दुर्घटनाएं
2014 5
2015 8
2016 7
2017 6
2018 6
2019 10

इस बारे में फायर स्टेशन इंचार्ज पंतनगर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सिडकुल अग्निशमन केंद्र के पास छोटे-बड़े आधा दर्जन अग्निशमन वाहन हैं. इसके अलावा रेस्क्यू करने के लिए अलग से एक वाहन भी विभाग के पास है. जरुरत पड़ने पर बड़े संस्थानों से भी मदद ली जाती है. जो फैक्ट्रियां बिना एनओसी के चल रही हैं, उन्हें नोटिस भेजा गया है. यदि उन्होंने जल्द ही एनओसी नहीं ली तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी..

Intro:Pkg कम्पलीट

Summry - आगजनी की घटनाओं से हो रही लोगों की मौत प्रशासन को कितना गंभीर करती है इसकी बानगी उधम सिंह नगर जिला मुख्यालय पंतनगर स्थित सिडकुल में देखने को मिल रही है जहां पर 266 रनिंग फैक्ट्रियां संचालित हो रही है जिसमें से 27 बिना फायर एनओसी के ही धड़ल्ले से चल रही है। प्रबन्धक नोटिस देने के बाद भी आँखे बंद किये हुए है।

एंकर - दो दिन पहले दिल्ली में हुए अग्निकांड से उधम सिंह नगर जिला प्रशासन कितनी सिख ले रहा है। इसकी बानगी पन्तनगर सिडकुल फेक्ट्रियो में देखने को मिल रही जहा पर 27 ऐसी कंपनियां है जो फायर की एनओसी के बिना ही संचालित हो रही है। इस वर्ष सिडकुल की 10 फेक्ट्रियो में आगजनी की घटनाएं भी हो चूकि है। ऐसे में हादसों से सबक लेने के बजाय फेक्ट्री प्रबन्धक ओर जिला प्रशासन हाथ पर हाथ धरा बैठा है।

Body:वीओ - दिल्ली में हुए भीषण अग्निकांड के बाद उधम सिंह नगर में ऐसे हादसों से निपटने के लिए किस तरह से तैयारी की गई है इसकी बानगी जिला मुख्यालय रुद्रपुर के सिडकुल स्थित फैक्ट्रियों में साफ देखने को मिल रहा है जहां पर फायर के मानकों को दरकिनार करते हुए धड़ल्ले से फैक्ट्रियों का संचालन किया जा रहा है बावजूद इसके श्रमिक जान हथेली में लेते हुए फैक्ट्रियों में काम करने को मजबूर हैं। आलम यह है कि सिडकुल की 266 रनिंग फैक्ट्रियों में से 27 बिना फायर एनओसी के संचालित की जा रही हैं। यही नही विभाग द्वारा 27 कंपनियों को नोटिस जारी करने के बाद भी मिल प्रबन्धको के कानों में जू रेंगने को तैयार नही। 2018 से अब तक फेक्ट्री प्रबन्धको द्वारा अग्निशमन विभाग को नोटिस का जवाब देना मुनासिफ भी नही समझा है। आकड़ो में नज़र दौड़ाई जाए तो इस वर्ष 2014 से लेकर वर्ष 2019 तक 42 अग्नि कांड कम्पनियों में हो चूके है। सबसे ज्यादा अग्निकांड 2019 में सिडकुल पन्तनगर क्षेत्र में स्थित फेक्ट्रियो में हुए है। इस वर्ष अब तक 10 अग्निकांड हो चूके है। हालांकि किसी भी अग्निकांड में किसी श्रमिक की मौत की सूचना नही है लेकिन कई अग्निकांडों में श्रमिकों के घायल होने की सूचना है। वर्ष 2014 से 2019 तक सिडकुल पन्तनगर में वर्ष वार अग्निकांड -

वर्ष 2014 - 5
वर्ष 2015 - 8
वर्ष 2016 - 7
वर्ष 2017 - 6
वर्ष 2018 - 6
वर्ष 2019 में 10 अग्निकांड हो चूके है।

बाइट - एनएस बिष्ट, फायर स्टेशन इंचार्ज पन्तनगर।


वीओ - हालांकि अग्निशमन विभाग ऐसे हादसों से निपटने के लिए अपनी पूरी तैयारी की बात कह रहा है। अग्निशमन केंद्र सिडकुल के पास छोटे बड़े आधा दर्जन अग्निशमन वाहनों मौजूद है साथ ही एक रेस्क्यू करने के लिए वाहन मौजुढाई। यही जरूरत पड़ने पड़ बड़े संस्थानों से उनकी फायर के वाहनों की मदद भी ली जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसी फेक्ट्रियो के खिलाफ विभाग सख्त कार्यवाही करेगा जो नोटिस देने के बाद भी एनओसी लेने को तैयार नही।

बाइट - एनएस बिष्ट, फायर स्टेशन इंचार्ज पन्तनगर।

फाइनल वीओ - कहते है हादसे बता कर नही होते लेकिन पन्तनगर सिडकुल स्थित 27 कंपनिया किसी हादसे का इंतज़ार कर रही है। बावजूद इस के प्रशासन हाथ पर हाथ धरा बैठा है।

राकेश रावत ईटीवी भारत रूद्रपुर।
Conclusion:
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