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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन से जुड़ी अच्छी खबर, 16 में से 14 टनल पर कार्य शुरू - srinagar latest news

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन से जुड़ी अच्छी खबर है. यहां 16 में से 14 टनलों पर कार्य शुरू हो गया है.

rishikesh karnprayag railline
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Published : Dec 2, 2020, 6:21 PM IST

श्रीनगर गढ़वालः कर्णप्रयाग रेलवे लाइन को लेकर अच्छी खबर है. ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन के बीच बनाई जा रही रेलवे लाइन की 16 टनलों में से 14 टनलों का कार्य शुरू हो गया है. यहां मशीनों का डिपोलराइजेशन कर दिया गया है. तीर्थनगरी ऋषिकेश से देवप्रयाग तक टनलों के निर्माण का समय दिसम्बर 2024 रखा गया है. जबकि देवप्रयाग से कर्णप्रयाग तक टनलों के निर्माण का समय दिसम्बर 2025 तक रखा गया है. वहीं, टनल नम्बर 15 घोलतीर से गौचर ओर टनल नम्बर 8 सौड़ से जनासू में कार्य अंडर प्रोसेज है. जिनमें जल्द कार्य शुरू किया जाएगा. बाकी 14 टनल अपना रूप लेने लगी है.

रेलवे लाइन के 14 टनल पर कार्य शुरू.

इसके साथ-साथ ऋषिकेष कर्णप्रयाग रेलवे मार्ग के तहत बनने वाले 12 रेलवे स्टेशनों में से 10 स्टेशन पुलों के ऊपर और सुरंग के अंदर होंगे. इन स्टेशनों के प्लेट फॉर्म वाला हिस्सा खुली जमीन पर दिखाई देगा. 125.20 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलमार्ग परियोजना का 84.24 भाग भूमिगत है, जो टनलों के जरिए सुचारू होगा. इसमें 16 टनलों का निर्माण प्रस्तावित है. जिनमें से 14 टनलों पर कार्य शुरू कर दिया गया है. इसके साथ-साथ 12 स्टेशनों में से शिवपुरी और ब्यासी स्टेशनों का कुछ भाग खुला रहेगा. सेस भाग सुरंग के अंदर और पुल के ऊपर रहेगा. देवप्रयाग, घोलतीर, गौचर और सिवाई (कर्णप्रयाग) स्टेशन आंशिक रूप से भूमिगत होंगे. जबकि धारी देवी स्टेशन का कुछ हिस्सा पुल के ऊपर होगा. श्रीनगर स्टेशन पूरी तरह खुले स्थान पर रहेगा.

पढ़ेंः जॉलीग्रांट एयरपोर्ट में घुसे गुलदार को किया रेस्क्यू, प्रशासन ने ली राहत की सांस

रेलवे विकास निगम के वरिष्ठ उपमहाप्रबंधक पीपी बडोगा ने ईटीवी से खास बातचीत में बताया कि टनल नम्बर 15 और टनल नम्बर 8 को छोड़कर सभी टनलों में काम शुरू कर दिया गया है. सभी कार्यदायी संस्थाओं को समय पर कार्य करने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि डबल लाइन वाले रेलवे स्टेशनों के लिए 1200 से 1400 मीटर लंबा स्थान चाहिए होता है, इसके लिए श्रीनगर ही एक मात्र ऐसा रेलवे स्टेशन हैं. जहां पूरी जगह मिल रही है. जगह की कमी को देखते हुए रेलवे स्टेशनों का डिजाइन इस प्रकार किया जा रहा है कि इसका कुछ हिस्सा सुरंग के अंदर होगा.

श्रीनगर गढ़वालः कर्णप्रयाग रेलवे लाइन को लेकर अच्छी खबर है. ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन के बीच बनाई जा रही रेलवे लाइन की 16 टनलों में से 14 टनलों का कार्य शुरू हो गया है. यहां मशीनों का डिपोलराइजेशन कर दिया गया है. तीर्थनगरी ऋषिकेश से देवप्रयाग तक टनलों के निर्माण का समय दिसम्बर 2024 रखा गया है. जबकि देवप्रयाग से कर्णप्रयाग तक टनलों के निर्माण का समय दिसम्बर 2025 तक रखा गया है. वहीं, टनल नम्बर 15 घोलतीर से गौचर ओर टनल नम्बर 8 सौड़ से जनासू में कार्य अंडर प्रोसेज है. जिनमें जल्द कार्य शुरू किया जाएगा. बाकी 14 टनल अपना रूप लेने लगी है.

रेलवे लाइन के 14 टनल पर कार्य शुरू.

इसके साथ-साथ ऋषिकेष कर्णप्रयाग रेलवे मार्ग के तहत बनने वाले 12 रेलवे स्टेशनों में से 10 स्टेशन पुलों के ऊपर और सुरंग के अंदर होंगे. इन स्टेशनों के प्लेट फॉर्म वाला हिस्सा खुली जमीन पर दिखाई देगा. 125.20 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलमार्ग परियोजना का 84.24 भाग भूमिगत है, जो टनलों के जरिए सुचारू होगा. इसमें 16 टनलों का निर्माण प्रस्तावित है. जिनमें से 14 टनलों पर कार्य शुरू कर दिया गया है. इसके साथ-साथ 12 स्टेशनों में से शिवपुरी और ब्यासी स्टेशनों का कुछ भाग खुला रहेगा. सेस भाग सुरंग के अंदर और पुल के ऊपर रहेगा. देवप्रयाग, घोलतीर, गौचर और सिवाई (कर्णप्रयाग) स्टेशन आंशिक रूप से भूमिगत होंगे. जबकि धारी देवी स्टेशन का कुछ हिस्सा पुल के ऊपर होगा. श्रीनगर स्टेशन पूरी तरह खुले स्थान पर रहेगा.

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रेलवे विकास निगम के वरिष्ठ उपमहाप्रबंधक पीपी बडोगा ने ईटीवी से खास बातचीत में बताया कि टनल नम्बर 15 और टनल नम्बर 8 को छोड़कर सभी टनलों में काम शुरू कर दिया गया है. सभी कार्यदायी संस्थाओं को समय पर कार्य करने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि डबल लाइन वाले रेलवे स्टेशनों के लिए 1200 से 1400 मीटर लंबा स्थान चाहिए होता है, इसके लिए श्रीनगर ही एक मात्र ऐसा रेलवे स्टेशन हैं. जहां पूरी जगह मिल रही है. जगह की कमी को देखते हुए रेलवे स्टेशनों का डिजाइन इस प्रकार किया जा रहा है कि इसका कुछ हिस्सा सुरंग के अंदर होगा.

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