हरिद्वार/ऋषिकेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से 'मेरा बूथ, सबसे मजबूत' कार्यक्रम के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों, वॉलंटियर्स और समर्थकों को संबोधित किया. इस दौरान देशभर के करीब 15,000 केंद्रों पर पीएम ने सीधा संवाद किया. लाइव संवाद कार्यक्रम में पहुंचे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी की यही खासियत है कि वो अपने हर कार्यकर्ता को महत्व देता है. इसलिए खुद पीएम मोदी ने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ संवाद किया है.
लाइव संवाद कार्यक्रम में पहुंचे सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पीएम से बात करके बीजेपी कार्यकर्ता और देश की जनता खासी उत्साहित है. उन्होंने कहा भले ही हरिद्वार के कार्यकर्ताओं से पीएम ने कोई सवाल न पूछा हो, लेकिन सभी में काफी उत्साह है. सीएम ने कहा कि पीएम ने करीब 2 करोड़ लोगों से सीधा संवाद किया है, जो काफी सराहनीय है.
वहीं वायु सेना की कार्रवाई पर सीएम ने कहा भारतीय सेना ने पीओके में जाकर आतंकियों को जैसे सबक सिखाया है उससे आतंक को श्रेय देने वाली शक्तियां डरी हुई हैं. इस एयर अटैक से हमारी सेना का मनोबल भी काफी बढ़ा है. हरिद्वार में प्रधानमंत्री के लाइव संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र, हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल समेत कई बीजेपी नेता मौजूद रहे.
हरिद्वार के साथ ही ऋषिकेश में भी पीएम मोदी का सीधा संवाद कार्यक्रम हुआ. इसमें भी बीजेपी के कई कार्यकर्ता, वॉलंटियर्स और समर्थकों ने भाग लिया. ऋषिकेश में हुए कार्यक्रम में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे.
बता दें कि गुरुवार को पीएम मोदी ने दोपहर 12 बजे देशभर के लगभग एक करोड़ से ज्यादा लोगों से नमो एप से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पार्टी कार्यकर्ता, विशिष्ट नागरिकों से संवाद किया. यह संवाद बीजेपी के सभी मंडलों, जिलों एवं महानगरों पर आयोजित किया गया. नमो एप के अलावा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण पार्टी के फेसबुक पेज, ट्विटर हैंडल्स, यूट्यूब चैनल्स में भी किया गया.
पीएम नरेंद्र मोदी के संवाद कार्यक्रम में पहुंचे बूथ स्तर के भाजपा कार्यकर्ताओं में नरेंद्र मोदी को सुनने को लेकर काफी उत्साह था. उन्होंने कहा कि जिन जिलों से पीएम ने सवाल पूछे उन जिलों में उत्साह ज्यादा है जबकि जिनका नंबर नहीं आया है उन्हें थोड़ी मायूसी जरूर है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि उत्तराखंड के विषय में सवाल जरूर पूछा जाना चाहिए था. लेकिन पूरे देश से सवाल सीमित संख्या में ही पूछे जा सकते हैं. इसलिए ये संभव नहीं हो पाया.