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टिहरी: ग्रामीणों ने जेसीबी रोककर खनन पर उठाए सवाल, कहा- खेती नहीं होने देंगे बर्बाद - उत्तराखंड लेटेस्ट न्यूज

टिहरी के प्रतापनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत भरपूर स्यालगी में ग्रामीणों ने रोकी खनन करने जा रही जेसीबी मशीन को रोककर जमकर हंगामा किया. ग्रामीणों का आरोप है कि खनन माफिया उनके खेतों को बर्बाद कर रहे हैं.

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ग्रामीणों ने जेसीबी रोककर खनन पर उठाये सवाल
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Published : Jun 1, 2022, 7:27 PM IST

टिहरी: जहां प्रदेश सरकार खनन माफिया पर नकेल कसने के काम कर रही है. वहीं, टिहरी जिले में खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं. इसकी बानगी प्रतापनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत भरपूर स्यालगी में देखने को मिलती है. जहां गुपचुप तरीके से ग्रामीणों के खेतों से नदी में जाने के लिए जेसीबी और पोकलैंड मशीन से रास्ता बनाया रहा था. ऐसे में ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर इस कार्य को रुकवा दिया.

ग्रामीणों का कहना है कि बिना अनुमति के जेसीबी को उनके खेतों में उतारा गया. खनन माफिया ने उनके रास्ते, नहर, खेती और ग्राम पंचायत की भूमि को तबाह कर दिया है. वहीं, ग्रामीणों के विरोध के बाद भी कोई ठेकेदार मौके पर नहीं आया. ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत की अनुमति के बिना ही ग्राम पंचायत की भूमि पर अवैध रूप से कटान किया गया है और नदी पर जाने के लिए रास्ता बनाया जा रहा है.

पढ़ें- करोड़ों की संपत्ति की मालकिन हैं BJP उम्मीदवार कल्पना सैनी, काफिले में ये लग्जरी गाड़ी भी शामिल

वहीं, ग्रामीणों ने इसकी सूचना प्रतापनगर एसडीएम को भी दी. लेकिन मौके पर कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा. ऐसे में ग्रामीणों के द्वारा हंगामा करने के बाद मौके पर पटवारी और स्वास्थ्य विभाग का एक कर्मचारी मौके पर पहुंचा और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की.

इसी बीच ग्रामीणों ने मौके पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी के उपस्थिति पर सवाल उठाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यह सेवा नियामवली का उल्लंघन है और खनन के मामले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी का क्या काम. वहीं, जब ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर एसडीएम प्रतापनगर से जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि वह अभी चारधाम यात्रा ड्यूटी में तैनात है. यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है.

टिहरी: जहां प्रदेश सरकार खनन माफिया पर नकेल कसने के काम कर रही है. वहीं, टिहरी जिले में खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं. इसकी बानगी प्रतापनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत भरपूर स्यालगी में देखने को मिलती है. जहां गुपचुप तरीके से ग्रामीणों के खेतों से नदी में जाने के लिए जेसीबी और पोकलैंड मशीन से रास्ता बनाया रहा था. ऐसे में ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर इस कार्य को रुकवा दिया.

ग्रामीणों का कहना है कि बिना अनुमति के जेसीबी को उनके खेतों में उतारा गया. खनन माफिया ने उनके रास्ते, नहर, खेती और ग्राम पंचायत की भूमि को तबाह कर दिया है. वहीं, ग्रामीणों के विरोध के बाद भी कोई ठेकेदार मौके पर नहीं आया. ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत की अनुमति के बिना ही ग्राम पंचायत की भूमि पर अवैध रूप से कटान किया गया है और नदी पर जाने के लिए रास्ता बनाया जा रहा है.

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वहीं, ग्रामीणों ने इसकी सूचना प्रतापनगर एसडीएम को भी दी. लेकिन मौके पर कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा. ऐसे में ग्रामीणों के द्वारा हंगामा करने के बाद मौके पर पटवारी और स्वास्थ्य विभाग का एक कर्मचारी मौके पर पहुंचा और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की.

इसी बीच ग्रामीणों ने मौके पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी के उपस्थिति पर सवाल उठाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यह सेवा नियामवली का उल्लंघन है और खनन के मामले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी का क्या काम. वहीं, जब ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर एसडीएम प्रतापनगर से जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि वह अभी चारधाम यात्रा ड्यूटी में तैनात है. यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है.

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