टिहरी: झील का जलस्तर कम होने से आस-पास भू-स्खलन का खतरा मंडराने लगा है. झील के आसपास के गांवों के लिए टिहरी झील नासूर बनती जा रही है. गांववाले खौफ के साए में जी रहे हैं. ग्रामीण लगातार सरकार और प्रशासन से विस्थापन की मांग कर रहे हैं. लेकिन पुनर्वास विभाग और टीएचडीसी ने इस मामले में अभी तक चुप्पी साधी हुई है. ग्रामीणों का आरोप है कि ये दोनों विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में वे रातभर जागते रहते हैं कि कब आपदा आ जाए. ग्रामीणों ने कहा कि विस्थापन की मांग को 3 साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक पुनर्वास विभाग ओर टीएचडीसी द्वारा झील के आसपास बसे गांवों का विस्थापन नहीं किया गया. ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्दी ही पुनर्वास की कार्रवाई शुरू नहीं की गई तो उन्हें पुनर्वास और टीएचडीसी विभाग के खिलाफ आंदोलन करना पड़ेगा.
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इस मामले में जिलाधिकारी डॉ. षणमुगम का कहना है कि झील के आस-पास ग्रामीण इलाकों में आपदा को लेकर पहले से ही अलर्ट पर हैं. सभी उपजिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. उनके पास ग्रामीणों की जो भी फाइल आएगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी.