ETV Bharat / state

टिहरी झील का जलस्तर कम होने से खौफ में ग्रामीण, मंडरा रहा भू-स्खलन का खतरा - टिहरी ईटीवी भारत न्यूज

टिहरी झील का जलस्तर कम होने से आस-पास के गांव में भू-स्खलन का खतरा बढ़ गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि न सरकार और न ही प्रशासन, विस्थापन की मांग पर अमल कर रहा है.

टिहरी झील का जलस्तर कम होने से खौफ में ग्रामीण
author img

By

Published : Nov 23, 2019, 11:23 AM IST

Updated : Nov 23, 2019, 12:06 PM IST

टिहरी: झील का जलस्तर कम होने से आस-पास भू-स्खलन का खतरा मंडराने लगा है. झील के आसपास के गांवों के लिए टिहरी झील नासूर बनती जा रही है. गांववाले खौफ के साए में जी रहे हैं. ग्रामीण लगातार सरकार और प्रशासन से विस्थापन की मांग कर रहे हैं. लेकिन पुनर्वास विभाग और टीएचडीसी ने इस मामले में अभी तक चुप्पी साधी हुई है. ग्रामीणों का आरोप है कि ये दोनों विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

टिहरी झील का जलस्तर कम होने से खौफ में ग्रामीण


ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में वे रातभर जागते रहते हैं कि कब आपदा आ जाए. ग्रामीणों ने कहा कि विस्थापन की मांग को 3 साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक पुनर्वास विभाग ओर टीएचडीसी द्वारा झील के आसपास बसे गांवों का विस्थापन नहीं किया गया. ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्दी ही पुनर्वास की कार्रवाई शुरू नहीं की गई तो उन्हें पुनर्वास और टीएचडीसी विभाग के खिलाफ आंदोलन करना पड़ेगा.

पढ़ेंः सरकार की योजनाओं पर अधिकारी लगा रहे पलीता, कैसे दोगुनी होगी किसानों की आय?

इस मामले में जिलाधिकारी डॉ. षणमुगम का कहना है कि झील के आस-पास ग्रामीण इलाकों में आपदा को लेकर पहले से ही अलर्ट पर हैं. सभी उपजिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. उनके पास ग्रामीणों की जो भी फाइल आएगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी.

टिहरी: झील का जलस्तर कम होने से आस-पास भू-स्खलन का खतरा मंडराने लगा है. झील के आसपास के गांवों के लिए टिहरी झील नासूर बनती जा रही है. गांववाले खौफ के साए में जी रहे हैं. ग्रामीण लगातार सरकार और प्रशासन से विस्थापन की मांग कर रहे हैं. लेकिन पुनर्वास विभाग और टीएचडीसी ने इस मामले में अभी तक चुप्पी साधी हुई है. ग्रामीणों का आरोप है कि ये दोनों विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

टिहरी झील का जलस्तर कम होने से खौफ में ग्रामीण


ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में वे रातभर जागते रहते हैं कि कब आपदा आ जाए. ग्रामीणों ने कहा कि विस्थापन की मांग को 3 साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक पुनर्वास विभाग ओर टीएचडीसी द्वारा झील के आसपास बसे गांवों का विस्थापन नहीं किया गया. ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्दी ही पुनर्वास की कार्रवाई शुरू नहीं की गई तो उन्हें पुनर्वास और टीएचडीसी विभाग के खिलाफ आंदोलन करना पड़ेगा.

पढ़ेंः सरकार की योजनाओं पर अधिकारी लगा रहे पलीता, कैसे दोगुनी होगी किसानों की आय?

इस मामले में जिलाधिकारी डॉ. षणमुगम का कहना है कि झील के आस-पास ग्रामीण इलाकों में आपदा को लेकर पहले से ही अलर्ट पर हैं. सभी उपजिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. उनके पास ग्रामीणों की जो भी फाइल आएगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:टिहरी

टिहरी बांध की झील का जलस्तर काम होने से झील के आसपास होने लगा है भूस्खलन Body:टिहरी बांध की झील के आसपास रहने वाले गाव के ग्रामीणो के लिए टिहरी बांध की झील नासूर बन रही है हर दिन झील के कारण गाँव के आसपास लगातार भूस्खलन हो रहा है जिससे गाव के लोग डरे ओर सहमे हुए है,गाव के लोग लगातार विस्थापन की माग करते आ रहे है परन्तु पुनर्वास बिभाग ओर टीएचडीसी के द्वारा गाव का विस्थापन नही किया जा रहा है,

उप्पू गाव के ग्रामीण खेम सिंह ने कहा कि पुनर्वास बिभाग ओर टीएचडीसी बिभाग के अधिकारियों को इस ओर कोई ध्यान नही दे रही है जबकि टिहरी झील के कारण लगातार भूस्खलन हो रहा है टिहरी झील का जलस्तर जब काम होता है उस दौरान भी भूस्खलन होता है और जब जलस्तर बढ़ता है तब भी डर के साये में रहते है,की कब कोई बड़ी आपदा आ जाय, बरसात के दिनों ग्रामीण रातभर जागते रहते है,लेकिन किसी ने झील के आसपास बसे गाव की शुद्ध नही ली,

3 साल हो गए है अभी तक पुनर्वास बिभाग ओर टीएचडीसी के द्वारा झील के आसपास बसे गाव का विस्थापन की कोई कार्यवाही नही की गई जिससे ग्रमीण परेशान है,

अगर जल्दी ही पुनर्वास की कार्यवाही नही की गई तो ग्रामिणो को पुनर्वास बिभाग ओर टीएचडीसी के खिलाफ सड़को पर उतरकर धरना प्रदर्शन करना पड़ेगाConclusion:वही एडवोकेट शांति भट्ट ने कहा कि उत्तराखण्ड के 400 के लगभग ऐसे गाव है जो आपदा की जद में है लेकिन सरकार ने उनकी सुरक्षा के बारे में कोई ठोस कार्यवाही नही की जिससे इन परिवारों को अन्य जगह विस्थापित किया जाय,

साथ ही टिहरी झील के आसपास 415 परिवार ऐसे है टिहरी बांध की झील के कारण जमीनों में भूस्खलन ओर मकानों में दरार पड़ चुकी है सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 20 मार्च 2011 को एक कमेटी गठित की गई थी,जो गाव में जाकर निरीक्षण कर ओर उस आधार पर विस्थापन की कार्यवाही करें ,परन्तु उनपर भी कोई कार्यवाही नही की गई जिससे गाव के लोग आज भी चिंतित है,

उत्तराखंड सरकार को चाहिए कि वह केंद्र सरकार से बजट की मांग करे साथ ही जो टिहरी झील से प्रभावित परिवारों के लिए जमीन की मांग करे जिससे ग्रामीण और सुरक्षित रह सके,

वही जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा को देखते हुए हम पहले से अलर्ट है और सभी उपजिलाधिकारी को सतर्क रहने के निर्देश दिए है साथ ही ग्रामिणो की जो भी फ़ाइल मेरे पास आएगी उसकी जांच करके उसकी मदद की जाएगी

बाइट खेम सिंह उप्पू ग्रामीण
बाइट शांति भट्ट एडवोकेट
बाइट डॉ वी षणमुगम जिलाधिकारी टिहरी
Last Updated : Nov 23, 2019, 12:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.