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वन मंत्री सुबोध उनियाल का अजीब-ओ-गरीब बयान, बोले- हेलीकॉप्टर के पंखों से फैलती है वनाग्नि

उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने अजीब-ओ-गरीब बयान देते हुआ कहा कि जंगल की आग को हेलीकॉप्टर के पंखे फैलाने का काम करते हैं. जबकि देश-विदेश में बड़े पैमाने पर जंगलों में आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाता है.

Forest Minister Subodh Uniyal
वन मंत्री सुबोध उनियाल का अजीबोगरीब बयान
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Published : Apr 25, 2022, 4:19 PM IST

Updated : Apr 25, 2022, 6:35 PM IST

टिहरी: उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने नरेंद्रनगर में स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया. इस दौरान वनाग्नि की घटनाओं पर बोलते हुए सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वन विभाग मुस्तैदी से काम कर रहा है और सरकार जंगलों में आग लगाने वालों को बख्शेगी नहीं.

वहीं, हेलीकॉप्टर द्वारा आग बुझाने के सवाल पर वन मंत्री ने कहा कि हेलीकॉप्टर के पंखे जंगल की आग को भड़काने का काम करते हैं, ना कि बुझाने का. क्योंकि जितना पानी हेलीकॉप्टर से आग बुझाने में प्रयोग किया जाएगा, उससे ज्यादा हेलीकॉप्टर के पंखे आग भड़काने का काम करते हैं.

'हेलीकॉप्टर के पंखे से फैलती है वनाग्नि'

कैबिनेट वन मंत्री सुबोध उनियाल ने नरेंद्रनगर पहुंचकर स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया, जिसमें कई लोगों ने शिविर का लाभ उठाया. इस दौरान सुबोध उनियाल ने स्वास्थ्य शिविर में लोगों की समस्याएं भी सुनीं और मौके पर ही उनका निस्तारण किया. वहीं, विकलांग युवकों को सुविधा देने के लिए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी को तत्काल निर्देश दिए.

पढ़ें: पौड़ी में जंगल की आग हुई बेकाबू, गांवों तक पहुंची वनाग्नि, प्रशासन मॉकड्रिल में मस्त

वनाग्नि पर बोलते हुए वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जंगल में आग रोकने को लेकर सरकार पूरी तरह से तैयार है. वन विभाग की टीम आग को बुझाने में जुटी है. इसके साथ ही वन विभाग के डीएफओ और जिलाधिकारी को लेकर एक कमेटी बनाई गई है. जिसमें साफ निर्देश दिए गए हैं कि कहीं भी अगर आग लगे तो वह तत्काल टीम बनाकर उस पर नियंत्रण करने का काम करें.

कैसे मदद करते हैं हेलीकॉप्टर? जबकि देश-विदेश में बड़े पैमाने पर जंगलों में आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाता है. इससे पहले राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का टाइगर रिजर्व के एक बड़े हिस्से में भीषण आग लग गई थी, जिसे वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा बुझाने का काम किया गया.

आग बुझाने वाले एमआई-17वी एम हेलिकॉप्टर में पानी स्प्रे करने का उपकरण लगा होता है. साथ ही इसमें एक बांबी बकेट होती है. इस बकेट की क्षमता 5000 लीटर टैंक की बताई गई है. पिछले कुछ दशकों में जंगलों की या भारी आग बुझाने के लिए हेलिकॉप्टर काफी मददगार साबित होते रहे हैं. आग का फैलाव रोकने में भी इनकी भूमिका रही है.

हेलीकॉप्टर होते हैं अनुकूल? खास तौर से जंगल की आग से लड़ने के मामले में कई तरह के हेलीकॉप्टर इस्तेमाल ​किए जाते हैं. इनमें Astar 350, B2, B3, B3E, B4 और EC120 काफी चर्चित मॉडल हैं. देशों के हिसाब से हेलीकॉप्टरों के टाइप अलग हो जाते हैं. जैसे इटली और ग्रीस में Bells 205, 212, 214 और 412 हेलीकॉप्टर इस्तेमाल होते हैं. जबकि भारत में Mi सीरीज के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाता है.

टिहरी: उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने नरेंद्रनगर में स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया. इस दौरान वनाग्नि की घटनाओं पर बोलते हुए सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वन विभाग मुस्तैदी से काम कर रहा है और सरकार जंगलों में आग लगाने वालों को बख्शेगी नहीं.

वहीं, हेलीकॉप्टर द्वारा आग बुझाने के सवाल पर वन मंत्री ने कहा कि हेलीकॉप्टर के पंखे जंगल की आग को भड़काने का काम करते हैं, ना कि बुझाने का. क्योंकि जितना पानी हेलीकॉप्टर से आग बुझाने में प्रयोग किया जाएगा, उससे ज्यादा हेलीकॉप्टर के पंखे आग भड़काने का काम करते हैं.

'हेलीकॉप्टर के पंखे से फैलती है वनाग्नि'

कैबिनेट वन मंत्री सुबोध उनियाल ने नरेंद्रनगर पहुंचकर स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया, जिसमें कई लोगों ने शिविर का लाभ उठाया. इस दौरान सुबोध उनियाल ने स्वास्थ्य शिविर में लोगों की समस्याएं भी सुनीं और मौके पर ही उनका निस्तारण किया. वहीं, विकलांग युवकों को सुविधा देने के लिए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी को तत्काल निर्देश दिए.

पढ़ें: पौड़ी में जंगल की आग हुई बेकाबू, गांवों तक पहुंची वनाग्नि, प्रशासन मॉकड्रिल में मस्त

वनाग्नि पर बोलते हुए वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जंगल में आग रोकने को लेकर सरकार पूरी तरह से तैयार है. वन विभाग की टीम आग को बुझाने में जुटी है. इसके साथ ही वन विभाग के डीएफओ और जिलाधिकारी को लेकर एक कमेटी बनाई गई है. जिसमें साफ निर्देश दिए गए हैं कि कहीं भी अगर आग लगे तो वह तत्काल टीम बनाकर उस पर नियंत्रण करने का काम करें.

कैसे मदद करते हैं हेलीकॉप्टर? जबकि देश-विदेश में बड़े पैमाने पर जंगलों में आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाता है. इससे पहले राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का टाइगर रिजर्व के एक बड़े हिस्से में भीषण आग लग गई थी, जिसे वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा बुझाने का काम किया गया.

आग बुझाने वाले एमआई-17वी एम हेलिकॉप्टर में पानी स्प्रे करने का उपकरण लगा होता है. साथ ही इसमें एक बांबी बकेट होती है. इस बकेट की क्षमता 5000 लीटर टैंक की बताई गई है. पिछले कुछ दशकों में जंगलों की या भारी आग बुझाने के लिए हेलिकॉप्टर काफी मददगार साबित होते रहे हैं. आग का फैलाव रोकने में भी इनकी भूमिका रही है.

हेलीकॉप्टर होते हैं अनुकूल? खास तौर से जंगल की आग से लड़ने के मामले में कई तरह के हेलीकॉप्टर इस्तेमाल ​किए जाते हैं. इनमें Astar 350, B2, B3, B3E, B4 और EC120 काफी चर्चित मॉडल हैं. देशों के हिसाब से हेलीकॉप्टरों के टाइप अलग हो जाते हैं. जैसे इटली और ग्रीस में Bells 205, 212, 214 और 412 हेलीकॉप्टर इस्तेमाल होते हैं. जबकि भारत में Mi सीरीज के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाता है.

Last Updated : Apr 25, 2022, 6:35 PM IST
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