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भारत-नेपाल के संबंधों को मजबूत करेगी 'भगवान राम की बारात', जनकपुर में होगा भव्य स्वागत - Uttarakhand Tourism Minister Satpal Maharaj

कैबिनेट मंत्री की पहल पर संस्कृति विभाग द्वारा भगवान राम की बारात का आयोजन किया जा रहा है. राम की तपस्थली देवप्रयाग स्थित रघुनाथ मन्दिर से नेपाल के जनकपुरी तक भगवान राम की बारात निकाली गई.

Devprayag
भगवान राम की बारात.
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Published : Nov 30, 2019, 2:24 PM IST

देवप्रयाग: भारत और नेपाल के रिश्तों को मजबूत बनाने के लिये पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने खास पहल की है. कैबिनेट मंत्री की पहल पर संस्कृति विभाग द्वारा भगवान राम की बारात का आयोजन किया जा रहा है. राम की तपस्थली देवप्रयाग स्थित रघुनाथ मन्दिर से नेपाल के जनकपुरी तक भगवान राम की बारात निकाली गई. वहीं बारात का नेपाल सरकार द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा.

गौर हो कि भगवान राम की बारात के आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारत-नेपाल के बीच सौहार्द और मैत्री सम्बन्ध बनाए रखना है. उत्तराखण्ड सांस्कृतिक साहित्य एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष घनानन्द के नेतृत्व में देवप्रयाग से पारंपरिक रीति- रिवाजों से बारात ने नेपाल के लिए प्रस्थान किया.

भगवान राम की बारात

पढ़ें-रुद्रपुर: हरियाणा से आई आयकर विभाग की टीम ने कंपनी पर मारा छापा

देवप्रयाग से शुरू हुई भगवान राम की बारात उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों से होते हुए नेपाल पहुंचेगी. जहां नेपाल सरकार द्वारा बारात का भव्य स्वागत किया जायेगा. बता दें कि देवप्रयाग नेपाल के लोगों का भी मुख्य तीर्थ स्थान है. गोरखा शासन काल में यहां रघुनाथ मंदिर का मुख्य द्वार अमरसिंह थापा ने बनवाया था.



देवप्रयाग: भारत और नेपाल के रिश्तों को मजबूत बनाने के लिये पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने खास पहल की है. कैबिनेट मंत्री की पहल पर संस्कृति विभाग द्वारा भगवान राम की बारात का आयोजन किया जा रहा है. राम की तपस्थली देवप्रयाग स्थित रघुनाथ मन्दिर से नेपाल के जनकपुरी तक भगवान राम की बारात निकाली गई. वहीं बारात का नेपाल सरकार द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा.

गौर हो कि भगवान राम की बारात के आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारत-नेपाल के बीच सौहार्द और मैत्री सम्बन्ध बनाए रखना है. उत्तराखण्ड सांस्कृतिक साहित्य एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष घनानन्द के नेतृत्व में देवप्रयाग से पारंपरिक रीति- रिवाजों से बारात ने नेपाल के लिए प्रस्थान किया.

भगवान राम की बारात

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देवप्रयाग से शुरू हुई भगवान राम की बारात उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों से होते हुए नेपाल पहुंचेगी. जहां नेपाल सरकार द्वारा बारात का भव्य स्वागत किया जायेगा. बता दें कि देवप्रयाग नेपाल के लोगों का भी मुख्य तीर्थ स्थान है. गोरखा शासन काल में यहां रघुनाथ मंदिर का मुख्य द्वार अमरसिंह थापा ने बनवाया था.



Intro:Body:स्टोरी नाम-- RAM BARAAT JAYEGI NEPAL

MOHAN KUMAR



Anchor/vishal/byte - भारत और नेपाल के रिश्तों को मजबूत बनाने के लिये पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पहल पर संस्कृति विभाग द्वारा भगवान राम की बारात का आयोजन किया जा रहा है। राम की तपस्थली देवप्रयाग स्थित रघुनाथ मन्दिर से नेपाल के जनकपुरी तक राम बारात निकाली जायेगी। जिसका उद्वेश्य नेपाल के साथ सौहार्द और मैत्री सम्बन्ध बनाना है। उत्तराखण्ड सांस्कृतिक साहित्य एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष घनानन्द के नेतृत्व में देवप्रयाग से पारंपरिक रिति रिवाजों ढोल दमाऊ और रणसिंघो की गूंज के साथ राम बारात ने नेपाल के जनकपुर के लिये प्रस्थान किया। देवप्रयाग से शुरू हुई राम बारात उत्तराखण्ड़ के विभिन्न स्थानों को होते हुए नेपाल तक पहुॅचेगी। जहाॅ नेपाल सरकार द्वारा राम बारात का भव्य स्वागत किया जायेगा। बता दें कि देवप्रयाग नेपाल के लोगो का भी मुख्य तीर्थ स्थान है। गोरखा शासन काल में यहाॅ रघुनाथ मंदिर का मुख्य द्वार अमरसिंह थापा ने बनवाया था।


बाइट-1-घनानंद उपाध्यक्ष सांस्कृतिक साहित्य एवं कला परिषद उत्तराखण्डConclusion:
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