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बदरीनाथ मंदिर की तर्ज पर ऊर्जा द्वार तैयार, त्रिहरी जलशक्ति संग्रहालय में संरक्षित रहेंगी स्मृतियां

टिहरी बांध के व्यू प्वाइंट पर त्रिहरी जलशक्ति संग्रहालय का निर्माण किया गया है. भूमिगत पावर हाउस के प्रवेश द्वार को भगवान बदरी विशाल के द्वार की तर्ज पर तैयार किया गया है.

trihari jal shakti museum
त्रिहरी जलशक्ति संग्रहालय
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Published : Apr 25, 2021, 12:36 PM IST

टिहरीः पुरानी टिहरी के घंटाघर समेत बांध निर्माण के दौरान महत्वपूर्ण घटनाओं को चिर स्थाई बनाए रखने के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने एक पहल की है. इसके तहत बांध के व्यू प्वाइंट पर त्रिहरी जल शक्ति संग्रहालय का निर्माण किया गया है. अब देश-विदेश के लोग इस संग्रहालय में टिहरी शहर समेत बांध के इतिहास की जानकारी ले सकेंगे. इतना ही नहीं टीएचडीसी ने बांध के भूमिगत पावर हाउस को जाने वाले प्रवेश द्वार को भगवान बदरी विशाल के मंदिर की तर्ज पर बनाकर ऊर्जा द्वार का नाम से इंगित किया है. इन दोनों कार्यों का टीएचडीसी के सीएमडी ने वर्चुअल लोकार्पण किया.

trihari jal shakti museum
त्रिहरी जलशक्ति संग्रहालय.

टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक वीके बडोनी ने बताया कि शुक्रवार शाम को सीएमडी डीवी सिंह, निदेशक (कार्मिक) विजय गोयल ने आनलाइन दोनों महत्वपूर्ण कार्यों का लोकार्पण किया. त्रिहरी जल शक्ति संग्रहालय में स्वागत कक्ष, फोटो गैलरी समेत स्मारिका स्थल, प्रेक्षागृह, विश्राम कक्ष बनाए गए हैं. साथ ही पुरानी टिहरी के घंटाघर की तर्ज पर घंटाघर का निर्माण आधुनिक तरीके से किया गया है. फोटो गैलरी में पुरानी टिहरी के दुर्लभ फोटो, बांध निर्माण के शुरूआत से वर्तमान दौर के कार्यों की जानकारी मिलेगी. इससे पुरानी टिहरी और बांध निर्माण की यादें जुडी रहेंगी.

trihari jal shakti museum
बदरीनाथ मंदिर की तर्ज पर बना ऊर्जा द्वार.

ये भी पढ़ेंः रंग-बिरंगी तितलियों का संसार देखना चाहते हैं तो चले आइए यहां

वहीं, भूमिगत पावर हाउस के प्रवेश द्वार (ऊर्जा द्वार) को भी भगवान बदरी विशाल के मंदिर की भांति सजाया गया है. इसका मकसद लोगों को भगवान बदरी विशाल के स्थली का अहसास कराना है. सीएमडी ने कार्मिकों को शुभकामनाएं देते हुए टीएचडीसी को और ऊंचाई पर ले जाने को कहा. साथ ही दोनों स्मारकों को नियमित अनुरक्षण करने के निर्देश भी दिए.

टिहरीः पुरानी टिहरी के घंटाघर समेत बांध निर्माण के दौरान महत्वपूर्ण घटनाओं को चिर स्थाई बनाए रखने के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने एक पहल की है. इसके तहत बांध के व्यू प्वाइंट पर त्रिहरी जल शक्ति संग्रहालय का निर्माण किया गया है. अब देश-विदेश के लोग इस संग्रहालय में टिहरी शहर समेत बांध के इतिहास की जानकारी ले सकेंगे. इतना ही नहीं टीएचडीसी ने बांध के भूमिगत पावर हाउस को जाने वाले प्रवेश द्वार को भगवान बदरी विशाल के मंदिर की तर्ज पर बनाकर ऊर्जा द्वार का नाम से इंगित किया है. इन दोनों कार्यों का टीएचडीसी के सीएमडी ने वर्चुअल लोकार्पण किया.

trihari jal shakti museum
त्रिहरी जलशक्ति संग्रहालय.

टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक वीके बडोनी ने बताया कि शुक्रवार शाम को सीएमडी डीवी सिंह, निदेशक (कार्मिक) विजय गोयल ने आनलाइन दोनों महत्वपूर्ण कार्यों का लोकार्पण किया. त्रिहरी जल शक्ति संग्रहालय में स्वागत कक्ष, फोटो गैलरी समेत स्मारिका स्थल, प्रेक्षागृह, विश्राम कक्ष बनाए गए हैं. साथ ही पुरानी टिहरी के घंटाघर की तर्ज पर घंटाघर का निर्माण आधुनिक तरीके से किया गया है. फोटो गैलरी में पुरानी टिहरी के दुर्लभ फोटो, बांध निर्माण के शुरूआत से वर्तमान दौर के कार्यों की जानकारी मिलेगी. इससे पुरानी टिहरी और बांध निर्माण की यादें जुडी रहेंगी.

trihari jal shakti museum
बदरीनाथ मंदिर की तर्ज पर बना ऊर्जा द्वार.

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वहीं, भूमिगत पावर हाउस के प्रवेश द्वार (ऊर्जा द्वार) को भी भगवान बदरी विशाल के मंदिर की भांति सजाया गया है. इसका मकसद लोगों को भगवान बदरी विशाल के स्थली का अहसास कराना है. सीएमडी ने कार्मिकों को शुभकामनाएं देते हुए टीएचडीसी को और ऊंचाई पर ले जाने को कहा. साथ ही दोनों स्मारकों को नियमित अनुरक्षण करने के निर्देश भी दिए.

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