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टिहरी: आजादी के 7 दशक बाद भी ये गांव संचार सुविधाओं से वंचित - आजादी के 7 दशक बाद भी ये गांव संचार सुविधाओं से मरहूम

आजादी के 7 दशक बाद भी पिंसवाड गांव में नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से ग्रामीणों को 10 किलोमीटर का सफर तय कर बातचीत करना पड़ता है.

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टिहरी का ये गांव संचार सुविधा से मरहूम
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Published : Jul 22, 2020, 4:01 PM IST

टिहरी: आजादी के बाद देश-प्रदेश का विकास तो हुआ है. लेकिन ग्रामीण अंचल के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. टिहरी जिले का सीमांत गांव पिंसवाड आजादी के 7 दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. आपदा की दृष्टि से संवेदनशील और 1000 की आबादी वाली पिंसवाड गांव में मोबाइल टावर की सुविधा नहीं होने के चलते ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

पिंसवाड गांव में नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध नहीं.

पिंसवाड के ग्रामीणों जब भी किसी से बात करनी होती है तो उन्हें 10 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. तब जाकर उनके मोबाइल में नेटवर्क आते हैं. ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत कराया है और आंदोलन भी किया है. लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. नेटवर्क न होने के कारण लोगों को फोन करने के लिए करीब 10 किलोमीटर की दूरी नापनी पड़ती है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड, आपदा और तबाही, जानिए बादल फटने की वजह

पिंसवाड के ग्राम प्रधान का कहना है कि कोरोना के चलते स्कूल बंद हैं और बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस चल रहे हैं. लेकिन नेटवर्क न होने के कारण गांव के बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके बावजूद भी यहां पर मोबाइल नेटवर्क की कोई भी सुविधा नहीं है. जिसकी वजह से ग्रामीण और आने वाले पर्यटक परेशान होते हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की वजह इलाका पिछड़ता जा रहा है. यदि प्रशासन जल्द ही यहां पर मोबाइल टावर की सुविधा उपलब्ध नहीं कराता है तो उसके लिए सभी ग्रामीण एकजुट होकर जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन कर भूख हड़ताल करेंगे.

टिहरी: आजादी के बाद देश-प्रदेश का विकास तो हुआ है. लेकिन ग्रामीण अंचल के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. टिहरी जिले का सीमांत गांव पिंसवाड आजादी के 7 दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. आपदा की दृष्टि से संवेदनशील और 1000 की आबादी वाली पिंसवाड गांव में मोबाइल टावर की सुविधा नहीं होने के चलते ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

पिंसवाड गांव में नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध नहीं.

पिंसवाड के ग्रामीणों जब भी किसी से बात करनी होती है तो उन्हें 10 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. तब जाकर उनके मोबाइल में नेटवर्क आते हैं. ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत कराया है और आंदोलन भी किया है. लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. नेटवर्क न होने के कारण लोगों को फोन करने के लिए करीब 10 किलोमीटर की दूरी नापनी पड़ती है.

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पिंसवाड के ग्राम प्रधान का कहना है कि कोरोना के चलते स्कूल बंद हैं और बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस चल रहे हैं. लेकिन नेटवर्क न होने के कारण गांव के बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके बावजूद भी यहां पर मोबाइल नेटवर्क की कोई भी सुविधा नहीं है. जिसकी वजह से ग्रामीण और आने वाले पर्यटक परेशान होते हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की वजह इलाका पिछड़ता जा रहा है. यदि प्रशासन जल्द ही यहां पर मोबाइल टावर की सुविधा उपलब्ध नहीं कराता है तो उसके लिए सभी ग्रामीण एकजुट होकर जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन कर भूख हड़ताल करेंगे.

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