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टिहरीः संवाद कार्यक्रम में किशोर उपाध्याय ने जानी क्षेत्र की समस्याएं

टिहरी के पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय ने 'नई टिहरी प्राकृतिक संसाधनों पर हो जनता का अधिकार' पर संवाद का आयोजन किया. संवाद कार्यक्रम में वक्ताओं ने अपनी बात रखी.

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Published : Apr 4, 2021, 8:09 AM IST

Tehri
टिहरी

टिहरीः पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय ने सर्वपक्षीय संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया. 'नई टिहरी प्राकृतिक संसाधनों पर हो जनता का अधिकार' विषय पर पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय ने सर्वपक्षीय संवाद का आयोजन हनुमान चौक पर किया. संवाद को राजनीति से दूर रखते हुए स्थानीय मुद्दों पर वक्ताओं ने चर्चा की.

वक्ताओं ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय जनता का अधिकार न होने के चलते बेरोजगार व पलायन जैसी समस्याएं सामने आ रही है. संवाद में वक्ताओं की चर्चा में निष्कर्ष निकल कर आया कि बेरोजगारी खत्म करने व पलायन को हतोत्साहित करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए. किशोर उपाध्याय ने कहा कि यहां के पानी से दिल्ली तक करोड़ों लोगों की प्यास बुझाई जा रही है. लेकिन स्थानीय लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. स्थानीय लोगों की कुर्बानी से बने टिहरी बांध से 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर देश के कई राज्यों को रोशन किया जा रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों को महंगी बिजली देकर लाखों के बिल थमाया जा रहा है. स्थानीय हितों को ध्यान में रखते हुए यहां के लोगों को बिजली व पानी के बिल नहीं दिए जाने चाहिए.

संवाद कार्यक्रम में किशोर उपाध्याय ने जानी क्षेत्र की समस्याएं.

वक्ताओं के विचारों के बाद प्रस्ताव पारित करते हुए मांग की गई कि प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार देते हुए मछलियों का आखेट का अधिकार स्थानीय लोगों को ही दिया जाना चाहिए. इसी तरह लीन पीरियड में बांधों से रेत का उठान स्थानीय लोगों को मिले. होटल और बाजार स्थानीय लोगों को दिए जाएं. टीएचडीसी के सीएसआर फंड व राज्य को टिहरी बांध से मिलने वाली बिजली की रायल्टी टिहरी जनपद के विकास पर खर्च किया जाए. बांध के ऊपर 24 घंटे आने-जाने की अनुमति स्थानीय लोगों को दी जानी चाहिए. पीने के पानी का संकट व सूखे की स्थिति पर सरकार को तुरंत राहत देनी चाहिए.

ये भी पढ़ेंः सिमली बेस अस्पताल शुरू करने की मांग ने पकड़ा जोर, 72 घंटों से भूख हड़ताल पर बैठे आंदोलनकारी

प्रति माह एक रसोई गैस सिलेंडर, बिजली-पानी निशुल्क लोगों को पर्यावरण संरक्षण के एवज में दी जाए. परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व केन्द्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण दिया जाय. आवास बनाने के लिए लकड़ी, बजरी व पत्थर निशुल्क दिया जाए. जंगली जानवरों से जनहानि पर कम से कम 25 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व फसल के नुकसान पर कम से कम 5 हजार रुपए प्रतिनाली क्षतिपूर्ति दी जाय. जड़ी-बूटियों पर स्थानीय समुदाय का अधिकार हो.

किशोर उपाध्याय ने कहा कि चार दशकों के विरोध के बाद टिहरी बांध बना. लेकिन जनता को आज भी कुछ नहीं मिला. राज्य को बने 20 साल होने के बाद भी आम लोगों को आज तक प्राकृतिक संपदाओं का अधिकार नहीं मिला है. इस मौके पर प्रतापनगर के पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी, प्रो. हर्ष डोभाल, महिपाल नेगी, शांति प्रसाद भट्ट, राजेंद्र डोभाल, नवीन सेमवाल, ममता उनियाल, आशा रावत, कुलदीप पंवार, लखवीर चौहान आदि ने विचार रखे.

टिहरीः पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय ने सर्वपक्षीय संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया. 'नई टिहरी प्राकृतिक संसाधनों पर हो जनता का अधिकार' विषय पर पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय ने सर्वपक्षीय संवाद का आयोजन हनुमान चौक पर किया. संवाद को राजनीति से दूर रखते हुए स्थानीय मुद्दों पर वक्ताओं ने चर्चा की.

वक्ताओं ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय जनता का अधिकार न होने के चलते बेरोजगार व पलायन जैसी समस्याएं सामने आ रही है. संवाद में वक्ताओं की चर्चा में निष्कर्ष निकल कर आया कि बेरोजगारी खत्म करने व पलायन को हतोत्साहित करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए. किशोर उपाध्याय ने कहा कि यहां के पानी से दिल्ली तक करोड़ों लोगों की प्यास बुझाई जा रही है. लेकिन स्थानीय लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. स्थानीय लोगों की कुर्बानी से बने टिहरी बांध से 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर देश के कई राज्यों को रोशन किया जा रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों को महंगी बिजली देकर लाखों के बिल थमाया जा रहा है. स्थानीय हितों को ध्यान में रखते हुए यहां के लोगों को बिजली व पानी के बिल नहीं दिए जाने चाहिए.

संवाद कार्यक्रम में किशोर उपाध्याय ने जानी क्षेत्र की समस्याएं.

वक्ताओं के विचारों के बाद प्रस्ताव पारित करते हुए मांग की गई कि प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार देते हुए मछलियों का आखेट का अधिकार स्थानीय लोगों को ही दिया जाना चाहिए. इसी तरह लीन पीरियड में बांधों से रेत का उठान स्थानीय लोगों को मिले. होटल और बाजार स्थानीय लोगों को दिए जाएं. टीएचडीसी के सीएसआर फंड व राज्य को टिहरी बांध से मिलने वाली बिजली की रायल्टी टिहरी जनपद के विकास पर खर्च किया जाए. बांध के ऊपर 24 घंटे आने-जाने की अनुमति स्थानीय लोगों को दी जानी चाहिए. पीने के पानी का संकट व सूखे की स्थिति पर सरकार को तुरंत राहत देनी चाहिए.

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प्रति माह एक रसोई गैस सिलेंडर, बिजली-पानी निशुल्क लोगों को पर्यावरण संरक्षण के एवज में दी जाए. परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व केन्द्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण दिया जाय. आवास बनाने के लिए लकड़ी, बजरी व पत्थर निशुल्क दिया जाए. जंगली जानवरों से जनहानि पर कम से कम 25 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व फसल के नुकसान पर कम से कम 5 हजार रुपए प्रतिनाली क्षतिपूर्ति दी जाय. जड़ी-बूटियों पर स्थानीय समुदाय का अधिकार हो.

किशोर उपाध्याय ने कहा कि चार दशकों के विरोध के बाद टिहरी बांध बना. लेकिन जनता को आज भी कुछ नहीं मिला. राज्य को बने 20 साल होने के बाद भी आम लोगों को आज तक प्राकृतिक संपदाओं का अधिकार नहीं मिला है. इस मौके पर प्रतापनगर के पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी, प्रो. हर्ष डोभाल, महिपाल नेगी, शांति प्रसाद भट्ट, राजेंद्र डोभाल, नवीन सेमवाल, ममता उनियाल, आशा रावत, कुलदीप पंवार, लखवीर चौहान आदि ने विचार रखे.

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