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टिहरीः किसानों की पट्टे की जमीन पर भू-माफिया बना रहे आलीशान होटल, प्रशासन बेखबर

चंबा, धनोल्टी और मसूरी के बीच किसान राज्य सरकार द्वारा दी गई पट्टों की जमीनों को बेच रहे हैं. इन जमीनों पर भू-माफिया द्वारा नियम विरुद्ध होटल बनाने का कार्य बदस्तूर जारी है.

भूमाफिया
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Published : Jan 11, 2020, 2:43 PM IST

टिहरीः जिले में राज्य सरकार द्वारा किसानों को दी गई जमीनों को भूमाफिया को बेच दी है. इन जमीनों पर होटल बना दिए गए हैं. जानकारी के अनुसार चंबा से धनोल्टी व मसूरी के बीच फलपट्टी में किसानों को पट्टे पर जमीन दी गई थी.

यहां लगभग 100 से अधिक किसानों को फल व सब्जियां उगाने के लिए पट्टे पर जमीन दी गई थी, जिस पर कई सालों तक किसानों ने फल और सब्जियां उगाई, लेकिन चंबा से धनोल्टी मसूरी के बीच कई किसानों ने सरकार द्वारा दी गई जमीनों को भूमाफिया को बेच दी है.

किसानों की पट्टे की जमीन पर भू-माफिया बना रहे आलीशान होटल.

होटल बनाने वाले भूमाफिया ने किसानों की जमीनों पर फल सब्जियां उगाने की वजह यहां कंक्रीट का जंगल खड़ा कर दिया है. किसानों की जमीनों पर अवैध तरीके से होटल बना दिए गए हैं. दूसरी ओर उद्यान विभाग के अधिकारी का कहना है कि यह जमीन किसानों को इसलिए पट्टे पर दी गई थी ताकि वे सब्जियां फल आदि उगाकर अपना रोजगार कर सकें.

साथ ही यह नियम भी था कि किसान सिर्फ इन जमीनों पर रहने के लिए एक या दो कमरे बना सकता है, परंतु यदि जमीनों पर आलीशान होटल बना दिए गए हैं तो जांच करके किसानों के पट्टे निरस्त करके अन्य किसानों को दिए जा जाएंगे.

बताते चलें कि सरकार द्वारा जो पट्टे किसानों को दिए गए हैं उन पट्टो में अधिकतर होटल बन चुके हैं लेकिन न तो जिला प्रशासन ने और न ही उद्यान विभाग ने इस ओर ध्यान दिया. सभी भूमाफिया के आगे मौन हैं.

साथ ही चंबा से धनोल्टी मसूरी के बीच कई ऐसे किसान हैं, जो आज भी खेती करना चाहते हैं परंतु उनके पास खेती और फल उगाने के लिए जमीन नहीं है.

ऐसे में सरकार को चाहिए कि जिन किसानों ने सरकार की जमीन को भूमाफिया को बेचकर होटल बनवा दिए हैं उनके पट्टों को निरस्त करते हुए ऐसे जरूरतमंद किसानों को यह जमीन के पट्टे दिए जाएं, जो खेती करना चाहते है ताकि जरूरतमंद किसान अपना रोजगार कर सके.

चम्बा-धनोल्टी और मसूरी के बीच कई किसानों ने उत्तराखंड सरकार द्वारा जमीन पट्टों को भूमाफिया को बेच रहे हैं. कई किसानों ने यह जमीन भूमाफिया को 30-30 साल की लीज पर दे दी है, तो कई किसानों ने भूमाफिया को लाखों रुपयों में यह जमीन बेच दी है.

जिन पट्टों की जमीनों पर बड़े होटल बने थे है उन जमीनों को भूमाफिया ने लाखों रुपयों में खरीदी है. एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत देश विदेशों में 'घोर लोटी आवा' संदेश दे रहे हैं ताकि पहाड़ की जल जंगल जमीन बच सके, वहीं दूसरी तरफ चम्बा धनोल्टी मसूरी के बीच भूमाफिया औने-पौन दामों में उत्तराखंड सरकार की जमीनों को नियम विरुद्ध खरीद रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः देहरादूनः मोबाइल रिकवरी सेल की बड़ी कामयाबी, खोज निकाले करोड़ों के फोन

जबकि उन जमीनों का मालिकाना हक राज्य सरकार का है. सरकार ने किसानों को सिर्फ खेत सब्जियां फल उगाने के लिए पट्टे पर दिए हैं, न कि बेचने के लिए.

आखिर सवाल उठ रहा है कि जिला प्रशासन और उद्यान विभाग इन भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है और ऐसे किसानों से सरकारी जमीन वापस क्यों नहीं ले रहे है, जो पट्टे की सरकारी जमीनों को बेच रहे हैं.

टिहरीः जिले में राज्य सरकार द्वारा किसानों को दी गई जमीनों को भूमाफिया को बेच दी है. इन जमीनों पर होटल बना दिए गए हैं. जानकारी के अनुसार चंबा से धनोल्टी व मसूरी के बीच फलपट्टी में किसानों को पट्टे पर जमीन दी गई थी.

यहां लगभग 100 से अधिक किसानों को फल व सब्जियां उगाने के लिए पट्टे पर जमीन दी गई थी, जिस पर कई सालों तक किसानों ने फल और सब्जियां उगाई, लेकिन चंबा से धनोल्टी मसूरी के बीच कई किसानों ने सरकार द्वारा दी गई जमीनों को भूमाफिया को बेच दी है.

किसानों की पट्टे की जमीन पर भू-माफिया बना रहे आलीशान होटल.

होटल बनाने वाले भूमाफिया ने किसानों की जमीनों पर फल सब्जियां उगाने की वजह यहां कंक्रीट का जंगल खड़ा कर दिया है. किसानों की जमीनों पर अवैध तरीके से होटल बना दिए गए हैं. दूसरी ओर उद्यान विभाग के अधिकारी का कहना है कि यह जमीन किसानों को इसलिए पट्टे पर दी गई थी ताकि वे सब्जियां फल आदि उगाकर अपना रोजगार कर सकें.

साथ ही यह नियम भी था कि किसान सिर्फ इन जमीनों पर रहने के लिए एक या दो कमरे बना सकता है, परंतु यदि जमीनों पर आलीशान होटल बना दिए गए हैं तो जांच करके किसानों के पट्टे निरस्त करके अन्य किसानों को दिए जा जाएंगे.

बताते चलें कि सरकार द्वारा जो पट्टे किसानों को दिए गए हैं उन पट्टो में अधिकतर होटल बन चुके हैं लेकिन न तो जिला प्रशासन ने और न ही उद्यान विभाग ने इस ओर ध्यान दिया. सभी भूमाफिया के आगे मौन हैं.

साथ ही चंबा से धनोल्टी मसूरी के बीच कई ऐसे किसान हैं, जो आज भी खेती करना चाहते हैं परंतु उनके पास खेती और फल उगाने के लिए जमीन नहीं है.

ऐसे में सरकार को चाहिए कि जिन किसानों ने सरकार की जमीन को भूमाफिया को बेचकर होटल बनवा दिए हैं उनके पट्टों को निरस्त करते हुए ऐसे जरूरतमंद किसानों को यह जमीन के पट्टे दिए जाएं, जो खेती करना चाहते है ताकि जरूरतमंद किसान अपना रोजगार कर सके.

चम्बा-धनोल्टी और मसूरी के बीच कई किसानों ने उत्तराखंड सरकार द्वारा जमीन पट्टों को भूमाफिया को बेच रहे हैं. कई किसानों ने यह जमीन भूमाफिया को 30-30 साल की लीज पर दे दी है, तो कई किसानों ने भूमाफिया को लाखों रुपयों में यह जमीन बेच दी है.

जिन पट्टों की जमीनों पर बड़े होटल बने थे है उन जमीनों को भूमाफिया ने लाखों रुपयों में खरीदी है. एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत देश विदेशों में 'घोर लोटी आवा' संदेश दे रहे हैं ताकि पहाड़ की जल जंगल जमीन बच सके, वहीं दूसरी तरफ चम्बा धनोल्टी मसूरी के बीच भूमाफिया औने-पौन दामों में उत्तराखंड सरकार की जमीनों को नियम विरुद्ध खरीद रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः देहरादूनः मोबाइल रिकवरी सेल की बड़ी कामयाबी, खोज निकाले करोड़ों के फोन

जबकि उन जमीनों का मालिकाना हक राज्य सरकार का है. सरकार ने किसानों को सिर्फ खेत सब्जियां फल उगाने के लिए पट्टे पर दिए हैं, न कि बेचने के लिए.

आखिर सवाल उठ रहा है कि जिला प्रशासन और उद्यान विभाग इन भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है और ऐसे किसानों से सरकारी जमीन वापस क्यों नहीं ले रहे है, जो पट्टे की सरकारी जमीनों को बेच रहे हैं.

Intro:टिहरी एक्सकुलुसिव न्यूज़

चम्बा धनोल्टी मसूरी के बीच किसान बेच रहे है उत्तराखण्ड सरकार के द्वारा दी गई पट्टो की जमीनों को नियम विरुध होटल बनाने वाले भूमाफियाओं को

Body:टिहरी जिले में उत्तराखंड सरकार के द्वारा चंबा से धनोल्टी मसूरी के बीच फल पट्टी में किसानों को पट्टे पर जमीन दी गई थी जिसमें लगभग 100 से अधिक किसानों को पट्टे पर जमीन दी गई और इन जमीनों पर फल सब्जियां उगाने के लिए किसानों को पट्टे पर दी गई जिस पर कई सालों तक किसानों ने फल और सब्जियां उगाई लेकिन चंबा से धनोल्टी मसूरी के बीच कई किसानों ने उत्तराखंड सरकार के द्वारा दी गई पट्टे की जमीनों को होटल बनाने वाले भूमाफियाओं को बेच दी हैं
होटल बनाने वाले भूमाफियाओं ने इन किसानों की जमीनों पर फल सब्जियां उगाने की वजह यहां पर कंक्रीट का जंगल खड़ा कर दिया किसानों की जमीनों पर अवैध तरीके से होटल बना दिए गए हैं

जबकि उद्यान विभाग के अधिकारी का कहना है कि यह जमीन किसानों को इसलिए पट्टे पर दी गई थी कि किसान इन खेतो पर सब्जियां फल आदि उगा कर अपना रोजगार कर सकेंगे और यह भी नियम था कि किसान सिर्फ इन जमीनों पर रहने के लिए एक या दो कमरे बना सकता है परंतु अगर ऐसा है कि किसानों की जमीनों पर आलीशान होटल बना दिए गए हैं तो इन किसानों की जमीनों पर की जांच करके किसानों के पट्टे निरस्त करके अन्य किसानों को दिए जा सकेंगे

आपको बताते चलें कि सरकार के द्वारा जो पट्टे किसानों को दिए गए हैं उन पट्टो में अधिकतर जमीनों पर होटल बन चुके हैं लेकिन ना तो जिला प्रशासन ने और ना ही उद्यान विभाग ने इस और ध्यान दिया ओर न कार्यवाही की सब भूमाफियाओं के आगे मोन है,


साथ ही आपको बता दें कि चंबा से धनोल्टी मसूरी के बीच कई ऐसे किसान हैं जो आज भी खेती करना चाहते हैं परंतु उनके पास खेती और फल उगाने के लिए जमीन नहीं है ऐसे में सरकार को चाहिए कि जिन किसानों ने सरकार की जमीन को भूमाफियाओं को बेचकर होटल बनवा दिए हैं उनके पट्टों को निरस्त करते हुए ऐसे जरूरतमंद किसानों को यह जमीन के पट्टे दिए जाय जो खेती करना चाहते है ताकि जरूरतमंद किसान अपना रोजगार कर सके,

चम्बा धनोल्टी मसूरी के बीच कई किसानो ने उत्तराखंड सरकार के द्वारा जमीन के पट्टो को भूमाफियाओं को बेच रहे है कई किसानों ने यह जमीन भूमाफियाओं को 30-30 साल की लीज पर दे दी है तो कई किसानों ने भूमाफियाओं को लाखो रुपयों में यह जमीन बेच दी है ,जिन जिन पट्टो की जमीनों पर बड़े बड़े होटल बन थे है उन जमीनों को भूमाफियाओं ने लाखों रुपयों में खरीदी है,

Conclusion:एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री तिर्वेंद्र सिंह रावत देश विदेशों में घोर लोटी आवा संदेश दे रहे है ताकि पहाड़ की जल जंगल जमीन बच सके

वही दूसरी तरफ चम्बा धनोल्टी मसूरी के बीच भूमाफि ओने पोन दामो में उत्तराखण्ड सरकार की जमीनों को नियम विरुध खरीद रहे है ,जबकि उन जमीनों का मालिकाना हक उत्तराखण्ड सरकार का है,उत्तराखण्ड सरकार ने किसानों को सिर्फ खेत सब्जियां फल उगाने के लिए पट्टे पर दिए है ना कि बेचने के लिए,

आखिर सवाल उठ रहा है कि जिलाप्रशासन ओर उद्यान विभाग इन भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही क्यों नही कर रहा है ओर ऐसे किसानों से सरकारी जमीन वापस क्यों नही ले रहे है जो पट्टे की सरकारी जमीनों को बेच रहे है,

बाइट ड़ी के तिवारी उद्यान बिभाग अधिकारी
पीटीसी अरविंद नौटियाल

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