टिहरी: पुनर्वास ऑफिस के बाहर विस्थापन की मांग को लेकर बैठी महिलाओं ने धरना समाप्त कर दिया है. गांव की महिलाएं बीते ढाई महीने से विस्थापन की मांग को लेकर पुनर्वास ऑफिस के बाहर दिन रात दिन धरने पर बैठी थी. महिलाओं का कहना है कि टिहरी झील के कारण रौलाकोट के 17 और भल्डियाना के 6 परिवारों को विस्थापन से छोड़ दिया गया है, जबकि गांव के अन्य लोगों को पुनर्वास विभाग द्वारा विस्थापित कर दिया गया है. वहीं महिलाओं ने डीएम डॉ. सौरभ गहरवाल से मुलाकात की. डीएम के आश्वासन के बाद महिलाओं ने धरना समाप्त करने का निर्णय लिया.
महिलाओं ने कहा कि बांध प्रभावितों को पुनर्वास विभाग द्वारा देहरादून, कारगी, बंजारावाला, प्रतीतनगर, केदारपुरम, देहराखास, ऋषिकेश, भानियावाला, पथरी, पशुलोक और श्यामपुर में आवासीय व खेती की जमीन देकर विस्थापित कर दिया गया है. वहीं हमें अपने हाल पर छोड़ दिया गया है. साथ ही महिलाओं ने कहा कि हमारी कुछ जमीन सरकारी कार्य के लिए लोक निर्माण विभाग ने सड़क बनाने के लिए ले ली और शेष खेती की जमीन टिहरी डैम के झील में डूब गई है. अब हमारे पास खेती करने के लायक खेत तक नहीं बचे हैं. टिहरी बांध की झील के कारण रौलाकोट और भल्डियाना गांव के छूटे परिवारों की जमीन झील में डूब गई है, जिसके बदले ग्रामीणों को मुआवजे के नाम पर कुछ नहीं मिला.
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ऐसे में रौलाकोट भल्डियाना के ग्रामीण झील में डूबी जल-जंगल-जमीन के बदले विस्थापन की मांग कर रहे हैं. साथ ही विस्थापन की मांग को लेकर टिहरी जिला मुख्यालय के पुनर्वास विभाग के मुख्य दरवाजे पर 31 अक्टूबर 2022 से धरने पर महिलाएं विस्थापन की मांग को लेकर सर्द मौसम में धरने पर बैठी थी. वहीं महिलाओं ने डीएम डॉ. सौरभ गहरवाल से मुलाकात की. डीएम के आश्वासन के बाद महिलाओं ने धरना समाप्त करने का निर्णय लिया.