टिहरी: राष्ट्रीयकृत बैंकों के एटीएम से कैश निकालने वाले कंपनी के कर्मचारी को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने सात वर्ष का कारावास और बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. 2016 में नई टिहरी, बौराड़ी और घनसाली में राष्ट्रीयकृत बैंकों के अलग-अलग एटीएम से कैश डालने वाली कंपनी के कर्मचारी ने ही 26,55,500 रुपये निकाल लिए थे.
सहायक अभियोजन अधिकारी सीमा रानी ने बताया कि जनवरी 2016 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की बौराड़ी और घनसाली ब्रांच से, ओबीसी बैंक नई टिहरी, बैंक ऑफ महाराष्ट्र नई टिहरी ब्रांच के अलग-अलग एटीएम से जावेद अहमद, निवासी सेक्टर 9बी बौराड़ी, नई टिहरी ने 26 लाख 55 हजार 500 रुपये निकाल लिए थे. जावेद अहमद एटीएम में कैश डालने वाली कंपनी का ही कर्मचारी था और एटीएम में कैश रखने समय ही उसने अलग-अलग दिनों में कैश निकाला था.
ये भी पढ़ें: Haridwar Molesting Case: लोगों ने मनचले की जमकर की धुनाई, अपार्टमेंट में नाबालिग को दोबारा छेड़ने पहुंचा था
एटीएम में कैश डालने वाली कंपनी मैनेजमेंट ऑफ एसआईएस कैश सर्विसेज के अधिकारी अनिल बिष्ट ने जब एटीएम का ऑडिट किया तो उसमें अलग-अलग एटीएम से धनराशि कम होने की जानकारी मिली. तब जाकर गबन का पता चला. जिसके बाद अनिल बिष्ट ने कैश डालने के लिए नियुक्त कर्मचारी जावेद अहमद से संपर्क किया तो वह नई टिहरी से फरार हो गया.
10 जनवरी 2016 को नई टिहरी कोतवाली में अनिल बिष्ट ने जावेद अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने जावेद को 7 वर्ष का कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. दूसरे अभियुक्त नरेंद्र कुमार को अदालत ने साक्ष्य न मिलने के कारण दोषमुक्त कर दिया.