ETV Bharat / state

लंबे समय से विरान पड़े टिहरी घंटाघर को मिली 'संजीवनी', दूधिया रोशनी से जगमगाया

नगर पालिका टिहरी ने घंटाघर को अलग तरीके से सजाया है. पालिका ने घंटाघर पर चारों ओर से घड़ी लगाने के साथ-साथ इसे जगमगाती लाइटों से सजाया है, जिस कारण इन दिनों टिहरी का घंटाघर तिरगें की रोशनी में जगमगा रहा है.

author img

By

Published : Jun 5, 2019, 2:03 PM IST

Updated : Jun 5, 2019, 2:52 PM IST

दूधिया रोशनी से जगमगाया टिहरी घंटाघर.

टिहरी: इन दिनों लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है टिहरी का घंटाघर. दुधिया रोशनी में नहाया घंटाघर टिहरी ही नहीं बल्कि आस-पास के इलाकों के लिए भी खास हो गया है. दरअसल, लंबे समय से विरान पड़े घंटाघर को पालिका प्रशासन ने नया रूप दिया है, जिसके अंतर्गत घंटाघर के चारों ओर घड़ियां लगाई गई हैं. साथ ही घंटाकर को जगमगाती लाइटों से सजाया गया है, जिस कारण ये घंटाघर इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है.

दूधिया रोशनी से जगमगाया टिहरी घंटाघर.

राजशाही के दौरान बना पुरानी टिहरी का घंटाघर 2005 में टिहरी झील बनने के कारण में डूब गया था. पुरानी टिहरी की धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर को संजोने के लिए नई टिहरी शहर में बसाया गया. बौराड़ी स्टेडियम में एक घंटाघर भी बनाया गया जो कि पुरानी टिहरी की यादों को ताजा करता है. लेकिन इस घंटाघर का सही रख-रखाव न होने के कारण आज ये विरान पड़ा हुआ था. समय-समय पर शहरवासी नगर पालिका से इस घंटाघर को सही कराने की मांग करते रहे थे.

पढ़ें-ईद को लेकर पुलिस अलर्ट, नमाज के दौरान रूट रहेगा डायवर्ट

मांग को पूरा करते हुए नगर पालिका टिहरी ने घंटाघर को अलग ही तरीके से सजाया है. पालिका ने घंटाघर पर घड़ी लगाने के साथ-साथ इसे लाइट से सजाया है. जिसके कारण इन दिनों टिहरी का घंटाघर तिरगें की रोशनी में जगमगा रहा है. इसे देखने के लिए यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. साथ ही इस घंटाघर के चारों तरफ घड़ियां लगाई गई हैं जो हर एक घंटे में साइरन देती हैं. ये आवाज दूर दराज तक सुनाई देती है, जैसे पुरानी टिहरी के घंटाघर में लगी पेंडुलम घड़ी की आवाज सुनाई देती थी.

पढ़ें-चीन की तर्ज पर केदारनाथ में बनेगा कांच का पुल, देश-दुनिया में देवभूमि को मिलेगी नई पहचान

घंटाघर का इतिहास
घंटाघर टिहरी राजशाही के दौर में रियासत के वैभव का प्रतीक रहा है. टिहरी में घंटाघर का निर्माण वर्ष 1897 में तत्कालीन महाराज कीर्ति शाह ने कराया था. लंदन में बने एक घंटाघर के डिजायन पर 110 फीट ऊंचे इस घंटाघर को तैयार किया गया था. इसे बनने में तीन साल का समय लगा था. इसे उड़द की दाल के लेप से बनाया गया है.

पढ़ें-जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने राहुल गांधी का किया समर्थन, EVM को कठघरे में किया खड़ा

टिहरी एकता मंच के अध्यक्ष आकाश ने नई टिहरी में बने घंटाघर पर चमचमाती लाइटों और घड़ियों के चलने पर खुशी जाहिर की है. उनका कहना है कि यह एक पुरानी टिहरी की धरोहर है. जिसे सजाया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि घंटाघर के कारण पर्यटन नगरी में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं. वहीं नगरपालिका अध्यक्ष सीमा कृशाली ने कहा कि उनकी सबसे पहली प्राथमिकता ये थी कि वे घंटाघर को सही कराएं. जिससे यहां लोगों का आना जाना शुरू हो सके.

टिहरी: इन दिनों लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है टिहरी का घंटाघर. दुधिया रोशनी में नहाया घंटाघर टिहरी ही नहीं बल्कि आस-पास के इलाकों के लिए भी खास हो गया है. दरअसल, लंबे समय से विरान पड़े घंटाघर को पालिका प्रशासन ने नया रूप दिया है, जिसके अंतर्गत घंटाघर के चारों ओर घड़ियां लगाई गई हैं. साथ ही घंटाकर को जगमगाती लाइटों से सजाया गया है, जिस कारण ये घंटाघर इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है.

दूधिया रोशनी से जगमगाया टिहरी घंटाघर.

राजशाही के दौरान बना पुरानी टिहरी का घंटाघर 2005 में टिहरी झील बनने के कारण में डूब गया था. पुरानी टिहरी की धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर को संजोने के लिए नई टिहरी शहर में बसाया गया. बौराड़ी स्टेडियम में एक घंटाघर भी बनाया गया जो कि पुरानी टिहरी की यादों को ताजा करता है. लेकिन इस घंटाघर का सही रख-रखाव न होने के कारण आज ये विरान पड़ा हुआ था. समय-समय पर शहरवासी नगर पालिका से इस घंटाघर को सही कराने की मांग करते रहे थे.

पढ़ें-ईद को लेकर पुलिस अलर्ट, नमाज के दौरान रूट रहेगा डायवर्ट

मांग को पूरा करते हुए नगर पालिका टिहरी ने घंटाघर को अलग ही तरीके से सजाया है. पालिका ने घंटाघर पर घड़ी लगाने के साथ-साथ इसे लाइट से सजाया है. जिसके कारण इन दिनों टिहरी का घंटाघर तिरगें की रोशनी में जगमगा रहा है. इसे देखने के लिए यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. साथ ही इस घंटाघर के चारों तरफ घड़ियां लगाई गई हैं जो हर एक घंटे में साइरन देती हैं. ये आवाज दूर दराज तक सुनाई देती है, जैसे पुरानी टिहरी के घंटाघर में लगी पेंडुलम घड़ी की आवाज सुनाई देती थी.

पढ़ें-चीन की तर्ज पर केदारनाथ में बनेगा कांच का पुल, देश-दुनिया में देवभूमि को मिलेगी नई पहचान

घंटाघर का इतिहास
घंटाघर टिहरी राजशाही के दौर में रियासत के वैभव का प्रतीक रहा है. टिहरी में घंटाघर का निर्माण वर्ष 1897 में तत्कालीन महाराज कीर्ति शाह ने कराया था. लंदन में बने एक घंटाघर के डिजायन पर 110 फीट ऊंचे इस घंटाघर को तैयार किया गया था. इसे बनने में तीन साल का समय लगा था. इसे उड़द की दाल के लेप से बनाया गया है.

पढ़ें-जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने राहुल गांधी का किया समर्थन, EVM को कठघरे में किया खड़ा

टिहरी एकता मंच के अध्यक्ष आकाश ने नई टिहरी में बने घंटाघर पर चमचमाती लाइटों और घड़ियों के चलने पर खुशी जाहिर की है. उनका कहना है कि यह एक पुरानी टिहरी की धरोहर है. जिसे सजाया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि घंटाघर के कारण पर्यटन नगरी में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं. वहीं नगरपालिका अध्यक्ष सीमा कृशाली ने कहा कि उनकी सबसे पहली प्राथमिकता ये थी कि वे घंटाघर को सही कराएं. जिससे यहां लोगों का आना जाना शुरू हो सके.

Intro:पुरानी टिहरी के घंटाघर की तर्ज पर बने नई टिहरी के घंटाघर को सजाया गया चमचमाती लाइटो से,जिसे देखने के लिए उमड़ रही है भीड़,


Body:राजशाही के दौर का बना पुरानी टिहरी के घंटाघर 2005 में टिहरी झील बनने के कारण में डूब गया था, ओर पुरानी टिहरी में जो भी धरोहर ,धार्मिक स्थल,आदि थे उनको नई टिहरी शहर में बनाया गया उनमे एक पुरानी टिहरी का घंटाघर भी था जिसे नई टिहरी के बौराड़ी स्टेडियम में बनाया गया, परन्तु इस घंटाघर का रख रखाव सही होने के कारण यह बीरान पड़ा हुआ था ओर इस घंटाघर को सही करने की मांग शहरवासियों के द्वारा समय समय पर नगर पालिका टिहरी से करते रहे,जिस पर नगरपालिका टिहरी ने इस घंटाघर पर घड़ी लगाने के साथ साथ इसे लाइट से सजाया गया है जिसमे भारत के तिरंगे की तरह लाइट चमचमाती हुई दिखती है,जिसे देखने के लिए नई टिहरी के लोग उमड़ने लगे है साथ ही इस घंटाघर में चारो तरफ से घड़िया लग गई है जो हर एक घंटे में साइरन देती है,इन आवाज दूर दराज तक सुनाई देती है जैसे पुरानी टिहरी के घंटाघर में लगी पेंडुलम घड़ी की आवाज सुनाई देती थी,

घंटाघर का इतिहास

राजशाही के दौर का टिहरी रियासत के वैभव का प्रतीक रहा घंटाघर को 20 जून 1897 में महाराजा कीर्तिशाह ने लंदन में बने एक घंटाघर की तर्जपर 110 फीट ऊंचे घंटाघर का निर्माण बिर्टिश महारानी विक्टोरिया की हीरक जयंती पर बनाया इसका निर्माण उडद की डाल लेप से बनाया गया था




Conclusion:टिहरी के एकता मंच के अध्यक्ष आकाश ने नई टिहरी में बने घंटाघर पर चम चमती लाइट ओर घड़िया के चलने पर हर घंटे का एहसास होने पर खुशी जाहिर की ओर कह की यह एक पुरानी टिहरी मि धरोहर है इसे सजाया गया है जिससे पर्यटन नगरी में आ रहे पर्यटक गदगद हो रहे है,

वही नगरपालिका अध्यक्ष सीमा कृशाली ने कहा कि मेरी सबसे पहली प्राथमिकता यही थी कि में घंटाघर को सही करु जिससे लोगो का यह आना जाना शुरू हो और पर्यटक यह आकर रुके,

बाइट आकाश अध्यक्ष एकता मंच
बाइट सीमा कृशाली अध्यक्ष नगरपालिका टिहरी
पीटीसी अरविंद नौटियाल

इस न्यूज़ की विसुअल लाइव यू से स्लग के नाम से भेजे है,
Last Updated : Jun 5, 2019, 2:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.