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भगवान बदरी विशाल के लिए 24 अप्रैल को पिरोया जाएगा तिलों का तेल - टिहरी खबर

बदरीनाथ धाम के लिए तिलों का तेल पिरोने की तिथि पहले 18 अप्रैल घोषित की गई थी. कोरोना वायरस के चलते महाराजा मनुजेंद्र शाह ने राजपुरोहित व आचार्य से मंत्रणा कर 24 अप्रैल की तिथि घोषित की है. इसी दिन गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा बदरीनाथ रवाना होगी.

बदरीनाथ धाम
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Published : Apr 18, 2020, 12:17 PM IST

Updated : May 24, 2020, 11:38 AM IST

टिहरीः प्रसिद्ध चारधाम में शुमार बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तैयारियां चल रही हैं. हालांकि इस बार कोरोना और लॉकडाउन के चलते यात्रा पर संशय बकरार है. बदरी विशाल के कपाट खोलने की तिथि 30 अप्रैल और समय ब्रह्म मुहूर्त 4:30 बजे का है. इसके लिए 24 अप्रैल को तिलों का तेल पिरोया जाएगा. इसी दिन गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा बदरीनाथ रवाना होगी.

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टिहरी राज दरबार में 24 अप्रैल को पिरोया जाएगा तिलों का तेल.

बता दें कि, परंपरा के अनुसार बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोलने की तिथि हर साल बसंत पंचमी के पावन अवसर पर नरेंद्र नगर स्थित राज दरबार में राजपुरोहित निकालते हैं. इस दौरान राजपुरोहित महाराजा की जन्म कुंडली का गहराई से अध्ययन और ग्रह नक्षत्रों की गणना करते हैं. जिसके बाद कपाट खोलने की तिथि की घोषणा की जाती है.

इस बार भी बीते 29 जनवरी 2020 को यानी बसंत पंचमी पर नरेंद्र नगर स्थित राज दरबार में राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी और आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने विधिवत पूजा अर्चना की थी. उन्होंने मंदिर के कपाट खोलने और तिलों का तेल पिरोने की तिथि निकाली थी. महाराजा मनुजेंद्र शाह ने तिथि की घोषणा की थी.

ये भी पढ़ेंः कोरोना इफेक्ट: चारधाम यात्रा पर संकट के बादल, व्यवसायियों को सता रही ये चिंता

तेल पिरोने और कलश यात्रा की तिथि में परिवर्तन

राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी ने बताया कि पहले तिलों का तेल पिरोने की तिथि 18 अप्रैल घोषित की गई थी, लेकिन कोरोना वायरस के चलते महाराजा मनुजेंद्र शाह ने राजपुरोहित व आचार्य से मंत्रणा कर 24 अप्रैल की तिथि घोषित की है. अब राज महल नरेंद्र नगर में तिलों का तेल 24 अप्रैल को पिरोया जाएगा.

मंदिर के कपाट खोलने की तिथि होती है निर्धारित

राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी ने बताया कि बसंत पंचमी पर नरेंद्र नगर स्थित राज महल में बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की जो तिथि निर्धारित की जाती है, उसमें कतई परिवर्तन नहीं किया जाता है. ऐसे में इस बार बदरीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को 4:30 बजे ब्रह्म मुहूर्त में खोले जाएंगे.

लॉकडाउन के नियमों का होगा पालनः राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी

राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी ने बताया कि तेल पिरोने से लेकर गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा में लॉकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा. सादगी के साथ तेल कलश यात्रा राज दरबार नरेंद्र नगर से बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी.

उन्होंने कहा कि आगामी 23 अप्रैल को डिमरी केंद्रीय धार्मिक पंचायत के चार प्रतिनिधि श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ऋषिकेश स्थित चंद्रभागा विश्राम गृह पहुंच जाएंगे. 24 अप्रैल को नरेंद्र नगर राज दरबार से भगवान बदरी विशाल के अभिषेक में प्रयुक्त होने वाले तिलों के तेल कलश गाडू घड़ा लेकर बदरीनाथ धाम के लिए रवाना होंगे.

श्री बदरी केदार मंदिर कमेटी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया कि 26 अप्रैल को श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिमर में तेल कलश की पूजा-अर्चना होगी. नृसिंह मंदिर जोशीमठ, योग ध्यान बदरी, पांडुकेश्वर होते हुए 29 अप्रैल को गाडू घड़ा बदरीनाथ धाम पहुंचेगा. 30 अप्रैल को ब्रह्म मुहूर्त 4:30 बजे धाम के कपाट खोले जाएंगे.

टिहरीः प्रसिद्ध चारधाम में शुमार बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तैयारियां चल रही हैं. हालांकि इस बार कोरोना और लॉकडाउन के चलते यात्रा पर संशय बकरार है. बदरी विशाल के कपाट खोलने की तिथि 30 अप्रैल और समय ब्रह्म मुहूर्त 4:30 बजे का है. इसके लिए 24 अप्रैल को तिलों का तेल पिरोया जाएगा. इसी दिन गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा बदरीनाथ रवाना होगी.

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टिहरी राज दरबार में 24 अप्रैल को पिरोया जाएगा तिलों का तेल.

बता दें कि, परंपरा के अनुसार बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोलने की तिथि हर साल बसंत पंचमी के पावन अवसर पर नरेंद्र नगर स्थित राज दरबार में राजपुरोहित निकालते हैं. इस दौरान राजपुरोहित महाराजा की जन्म कुंडली का गहराई से अध्ययन और ग्रह नक्षत्रों की गणना करते हैं. जिसके बाद कपाट खोलने की तिथि की घोषणा की जाती है.

इस बार भी बीते 29 जनवरी 2020 को यानी बसंत पंचमी पर नरेंद्र नगर स्थित राज दरबार में राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी और आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने विधिवत पूजा अर्चना की थी. उन्होंने मंदिर के कपाट खोलने और तिलों का तेल पिरोने की तिथि निकाली थी. महाराजा मनुजेंद्र शाह ने तिथि की घोषणा की थी.

ये भी पढ़ेंः कोरोना इफेक्ट: चारधाम यात्रा पर संकट के बादल, व्यवसायियों को सता रही ये चिंता

तेल पिरोने और कलश यात्रा की तिथि में परिवर्तन

राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी ने बताया कि पहले तिलों का तेल पिरोने की तिथि 18 अप्रैल घोषित की गई थी, लेकिन कोरोना वायरस के चलते महाराजा मनुजेंद्र शाह ने राजपुरोहित व आचार्य से मंत्रणा कर 24 अप्रैल की तिथि घोषित की है. अब राज महल नरेंद्र नगर में तिलों का तेल 24 अप्रैल को पिरोया जाएगा.

मंदिर के कपाट खोलने की तिथि होती है निर्धारित

राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी ने बताया कि बसंत पंचमी पर नरेंद्र नगर स्थित राज महल में बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की जो तिथि निर्धारित की जाती है, उसमें कतई परिवर्तन नहीं किया जाता है. ऐसे में इस बार बदरीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को 4:30 बजे ब्रह्म मुहूर्त में खोले जाएंगे.

लॉकडाउन के नियमों का होगा पालनः राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी

राजपुरोहित संपूर्णानंद जोशी ने बताया कि तेल पिरोने से लेकर गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा में लॉकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा. सादगी के साथ तेल कलश यात्रा राज दरबार नरेंद्र नगर से बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी.

उन्होंने कहा कि आगामी 23 अप्रैल को डिमरी केंद्रीय धार्मिक पंचायत के चार प्रतिनिधि श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ऋषिकेश स्थित चंद्रभागा विश्राम गृह पहुंच जाएंगे. 24 अप्रैल को नरेंद्र नगर राज दरबार से भगवान बदरी विशाल के अभिषेक में प्रयुक्त होने वाले तिलों के तेल कलश गाडू घड़ा लेकर बदरीनाथ धाम के लिए रवाना होंगे.

श्री बदरी केदार मंदिर कमेटी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया कि 26 अप्रैल को श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिमर में तेल कलश की पूजा-अर्चना होगी. नृसिंह मंदिर जोशीमठ, योग ध्यान बदरी, पांडुकेश्वर होते हुए 29 अप्रैल को गाडू घड़ा बदरीनाथ धाम पहुंचेगा. 30 अप्रैल को ब्रह्म मुहूर्त 4:30 बजे धाम के कपाट खोले जाएंगे.

Last Updated : May 24, 2020, 11:38 AM IST
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