टिहरी: बांध परियोजना से प्रभावित 415 परिवारों के विस्थापन (415 families affected by Tehri Lake) की जिम्मेदार पुनर्वास विभाग की है और टीएचडीसी (THDC) विभागीय डिमांड के अनुसार ही धनराशि उपलब्ध कराएगा. टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक ने बताया कि चिन्हित 415 परिवारों के विस्थापन के लिए युद्धस्तर पर कार्रवाई की जा रही है. अब तक नंदगांव के 24 पूर्ण और 185 आंशिक प्रभावित परिवारों के लिए टीएचडीसी ने 28 करोड़ की धनराशि पुनर्वास विभाग को दे दी है, लेकिन पुनर्वास ने महज 9 करोड़ रुपये की बांटे हैं.
उन्होंने कहा कि पुनर्वास विभाग जैसे ही डिमांड भेजेगा, स्वीकृत 252 करोड़ रुपये अवमुक्त किए जाएंगे. यह धनराशि सरकारी बैंक में योजना के लिए जमा है. उन्होंने कहा कि सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज के निर्देश के क्रम में विस्थापन की कार्रवाई की जा रही है. मीडिया से मुखातिब होते हुए टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक यूके सक्सेना (Executive Director UK Saxena) ने सम्पाश्र्विक क्षतिनीति को लेकर पुनर्वास संंबंधी प्रकरणों की जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि पूर्ण प्रभावित परिवारों को 74.40 लाख की धनराशि दी जा रही है जबकि आंशिक प्रभावित परिवारों को जमीन के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि संयुक्त सर्वेक्षण समिति की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है. बांध के जलस्तर आरएल 835 मीटर तक का पुनर्वास टीएचडीसी ने 1998 की पुनर्वास नीति के अनुसार किया है, लेकिन अब जमीन देने का प्रावधान नहीं है.
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वहीं, नंदगांव के 14 पूर्ण विस्थापित परिवारों को पुनर्वास की धनराशि दे दी है लेकिन अभी भी 10 परिवारों ने यह धनराशि नहीं ली है. इसके अलावा सैकड़ों आंशिक प्रभावित परिवार हैं. अब टीएचडीसी ने नीति में बदलाव कर जितनी जमीन ली जा रही है, उतनी भूमि की रजिस्ट्री कराई जा रही है. अधीशासी निदेशक ने कहा कि पुनर्वास विभाग विस्थापितों की रजिस्ट्री नहीं करा पा रहा है, पैसे की कोई कमी नहीं है.
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज के निर्देश हैं कि जितने परिवार खतरे की जद में, उनका मुआवजा भुगतान कर सुरक्षित स्थान पर भेजा जाए. इसके अलावा तिवाड़ गांव और पयाल गांव के आंदोलन को लेकर मीक्षा की जा रही है. जल्द ही बैठक कर इस मामले में निर्णय लिया जाएगा.