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महाशिवरात्रि पर ओणेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब - ओणेश्वर महादेव मंदिर में लगा शिवभक्तों का तांता

शिवरात्रि पर ओणेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी. दूर-दराज से लोग मंदिर में महादेव के दर्शन के लिए पहुंचे. मंदिर में हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन शिवरात्रि के दिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.

Oneshwar Mahadev Temple
ओणश्वर महादेव मंदिर
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Published : Mar 11, 2021, 4:48 PM IST

टिहरीः शिवरात्रि पर ओणेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी रही. ओणेश्वर महादेव मंदिर टिहरी जिले के प्रतापनगर क्षेत्र में पड़ता है. यह क्षेत्र प्रसिद्ध शिवालयों के लिए भी जाना जाता है. पहले यह मंदिर काफी पुराना था, लेकिन अब इस मंदिर को काफी भव्य बनाया गया है. शिवरात्रि पर यहां दूर-दराज क्षेत्रों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. शिवरात्रि पर्व के शुरूआत में यहां दो दिन का मेला भी आयोजित होता है.

ओणेश्वर मंदिर के गर्भगृह में विशाल शिवलिंग स्थापित है जो हमेशा चावलों से लिपटा रहता है. मान्‍यता है कि निसंतान दंपत्ति शिवरात्रि के अवसर पर रात्रि में जागरण कर हाथ में जलते दीप को लेकर संतान प्राप्ति की कामना करते हैं. शिवलिंग पर बेलपत्री और गंगाजल से श्रद्धालु पूजा करते हैं. यहां पर आज भी आम लोग अपने हाथों से जल या पूजा का सामान नहीं चढ़ा सकते हैं.

महाशिवरात्रि पर ओणेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब

ये भी पढ़ेंः 17 मई को खुलेंगे बाबा केदार के कपाट, ओंकारेश्वर मंदिर से हुई घोषणा

ग्राम पंचायत देवल के रावल ही पीढ़ियों से ओणेश्वर महादेव की सेवा करते आ रहे हैं. गर्भ गृह में श्रद्धालु द्वारा शिवलिंग पर गंगा जल, गाय का दूध, बेल पत्र, पूजा का सामान चढ़ाया जाता है. रावल द्वारा ही उसे शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है. वैसे तो मंदिर में हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है. शिवरात्रि के दिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. शिवरात्रि में यहां पर कई बार रात्रि जागरण भी होता है. यह शिवालय काफी पुराना है.

टिहरीः शिवरात्रि पर ओणेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी रही. ओणेश्वर महादेव मंदिर टिहरी जिले के प्रतापनगर क्षेत्र में पड़ता है. यह क्षेत्र प्रसिद्ध शिवालयों के लिए भी जाना जाता है. पहले यह मंदिर काफी पुराना था, लेकिन अब इस मंदिर को काफी भव्य बनाया गया है. शिवरात्रि पर यहां दूर-दराज क्षेत्रों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. शिवरात्रि पर्व के शुरूआत में यहां दो दिन का मेला भी आयोजित होता है.

ओणेश्वर मंदिर के गर्भगृह में विशाल शिवलिंग स्थापित है जो हमेशा चावलों से लिपटा रहता है. मान्‍यता है कि निसंतान दंपत्ति शिवरात्रि के अवसर पर रात्रि में जागरण कर हाथ में जलते दीप को लेकर संतान प्राप्ति की कामना करते हैं. शिवलिंग पर बेलपत्री और गंगाजल से श्रद्धालु पूजा करते हैं. यहां पर आज भी आम लोग अपने हाथों से जल या पूजा का सामान नहीं चढ़ा सकते हैं.

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ग्राम पंचायत देवल के रावल ही पीढ़ियों से ओणेश्वर महादेव की सेवा करते आ रहे हैं. गर्भ गृह में श्रद्धालु द्वारा शिवलिंग पर गंगा जल, गाय का दूध, बेल पत्र, पूजा का सामान चढ़ाया जाता है. रावल द्वारा ही उसे शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है. वैसे तो मंदिर में हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है. शिवरात्रि के दिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. शिवरात्रि में यहां पर कई बार रात्रि जागरण भी होता है. यह शिवालय काफी पुराना है.

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