टिहरीः उत्तराखंड के दो गांव जड़धार और चोपड़ियाल गांव का राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2023 के लिए चयन हुआ है. आगामी 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर स्वच्छ और हरित, ऊर्जा स्वराज और कार्बन न्यूट्रल की श्रेणी में टिहरी जिले के इन दोनों गांव को भारत सरकार की ओर से सम्मानित किया जाएगा.
भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अपर सचिव नरेश पाल गंगवार की ओर से जारी पत्र में चंबा ब्लॉक के जड़धार गांव और चोपड़ियाल गांव को स्वच्छता और हरित श्रेणी में राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2023 पुरस्कार दिए जाने का निर्णय लिया गया है. देशभर के ऐसे गांव जहां स्वच्छ और हरित, ऊर्जा स्वराज, और कार्बन न्यूट्रल अर्थात प्रदूषण न्यून करने, पर्यावरण संरक्षण और साफ-सफाई के लिए विशेष काम किए गए हैं, उन्हें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय 5 जून को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में सम्मानित करेगा.
जड़धार गांव की प्रधान प्रीति जड़धार और बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता विजय जड़धारी ने बताया कि ग्रामीणों की सामूहिक भागीदारी से यह मुकाम हासिल हुआ है. ग्रामीणों ने 6 वर्ग किमी में बांज, बुरांश, काफल, भमोरा का मिश्रित जंगल विकसित कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है. गांव की जनसंख्या 2500 से ऊपर है. सभी ग्रामीण जरूरत के अनुरूप जंगल का प्रयोग करते हैं. मिश्रित जंगल होने के कारण वनाग्नि की न्यूनतम घटनाएं होती हैं.
वहीं, चोपड़िया गांव की प्रधान सीमा डबराल ने पुरस्कार के लिए चयन होने पर खुशी जताते हुए कहा कि उनका गांव पहले ही सब्जी और फलोत्पादन के लिए मशहूर है. ग्राम प्रधान बनने के बाद लगातार वनीकरण, पर्यावरण संरक्षण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और सस्टेनेबल डेवलपमेंट से गांवों को आगे बढ़ाया है. मनरेगा, वन विभाग और हिमोत्थान परियोजना से 7 किमी क्षेत्र में सघन वनीकरण कार्य किया है. गांव के करीब 300 परिवार पर्यावरण संरक्षण के लिए जुटे है.
सीडीओ मनीष कुमार का कहना है कि उत्तराखंड के टिहरी जिले के जड़धार और चोपड़ियाल गांव का चयन पर्यावरण, स्वच्छता के लिए हुआ है. सामूहिक भागीदारी से यह संभव हुआ है. 5 जून को नई दिल्ली में दोनों ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा. यह अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणा का काम करेगा.
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