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श्मशान घाट निर्माण में घपला, ठेकेदार कर रहे मानकों की अनदेखी

टिहरी के प्रतापनगर में सिंचाई विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जलकुर नदी पर बन रहे श्मशान घाट के निर्माण में मानकों की अनदेखी की जा रही है.

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Published : Oct 3, 2019, 2:46 PM IST

टिहरी

प्रतापनगर: सिंचाई विभाग बिलियार तोक में जलकुर नदी के तट पर दोनों ओर श्मशान घाट का निर्माण करवा रहा है. इन घाटों का निर्माण नियम और कानून को ताक पर रखकर किया जा रहा है. जिसमें ठेकेदार की बड़ी लापरवाही सामने आई है.

भदूरा श्मशान घाट और रौनद रमोली घाट पर चबूतरे का निर्माण किया जा रहा है. ठेकेदार ने एक ओर सिर्फ चार बीम बनाकर छत का निर्माण किया जबकि दूसरी छोर 6 बीम बनाकर छत तैयार की है. लेकिन घाटों पर जो निर्माण किया जा रहा है कि वह पूरी तरह मानकों की अनदेखी कर रहा है. आलम यह है कि बरसात में नदी का पानी बढ़ने पर श्मशान घाट की छतरी क्षतिग्रस्त हो गई है.

यहां श्मशान घाट निर्माण में भी घपला

स्थानीय लोगों ने बताया कि श्मशान घाट पर बने चबूतरे की छत के क्षतिग्रस्त होने के करीब 10-15 लोग चोटिल होने से बाल-बाल बचे. लोगों का कहना है कि छतरी के नीचे खतरा लगातार बना हुआ है. लोगों का आरोप है कि इस घटना के बारे में अवगत कराने के बाद भी सिंचाई विभाग ने अब तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है.

पढ़ें- ईटीवी भारत की ओर से देश के सर्वश्रेष्ठ गायकों ने बापू को दी संगीतमय श्रद्धांजलि

वहीं, सिंचाई विभाग के एक्सईएन वीके सिंह का कहना है कि इस मामले की जांच कर ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी.

प्रतापनगर: सिंचाई विभाग बिलियार तोक में जलकुर नदी के तट पर दोनों ओर श्मशान घाट का निर्माण करवा रहा है. इन घाटों का निर्माण नियम और कानून को ताक पर रखकर किया जा रहा है. जिसमें ठेकेदार की बड़ी लापरवाही सामने आई है.

भदूरा श्मशान घाट और रौनद रमोली घाट पर चबूतरे का निर्माण किया जा रहा है. ठेकेदार ने एक ओर सिर्फ चार बीम बनाकर छत का निर्माण किया जबकि दूसरी छोर 6 बीम बनाकर छत तैयार की है. लेकिन घाटों पर जो निर्माण किया जा रहा है कि वह पूरी तरह मानकों की अनदेखी कर रहा है. आलम यह है कि बरसात में नदी का पानी बढ़ने पर श्मशान घाट की छतरी क्षतिग्रस्त हो गई है.

यहां श्मशान घाट निर्माण में भी घपला

स्थानीय लोगों ने बताया कि श्मशान घाट पर बने चबूतरे की छत के क्षतिग्रस्त होने के करीब 10-15 लोग चोटिल होने से बाल-बाल बचे. लोगों का कहना है कि छतरी के नीचे खतरा लगातार बना हुआ है. लोगों का आरोप है कि इस घटना के बारे में अवगत कराने के बाद भी सिंचाई विभाग ने अब तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है.

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वहीं, सिंचाई विभाग के एक्सईएन वीके सिंह का कहना है कि इस मामले की जांच कर ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:प्रताप नगर एक बार फिर सामने आए सिंचाई विभाग की मनमानीBody:प्रतापनगर ।
एक बार फिर सामने आई सिंचाई विभाग की मनमानी ।
मामला प्रताप नगर के शिरकोली घाट का है जो बिलियार नामे तोक में पड़ता है यह घाट भदूरा और ओण पट्टी का सबसे बड़ा मृतक घाट है इसके ठीक सामने रौनद रमोली का मृतक घाट है वर्तमान समय में जलकुर नदी के दोनों छोरों पर मृतक घाट निर्माणाधीन है लेकिन इन घाटों का निर्माण नियम और कानून को ताक पर रखकर किया जा रहा है यह घाट साढ़े सात साढ़े सात लाख के है और इनका डीपीआर भी एक है इनकी लागत भी एक है जो जलकु नदी के आमने सामने दोनों छोरों पर बनाए जा रहे हैं लेकिन ताज्जुब की बात तो यह है कि ठेकेदार इनको अपनी अपनी मर्जी से बना रहे हैं नदी के इस ओर बने इस घाट पर केवल 4 बिम खड़े किए गए और इसका छत डाल दिया गया जबकि नदी के उस पार बने घाट पर 6 बिम खड़े कर छतरी बनाई गई लेकिन बरसात में नदी का पानी बढ़ने से इस ओर बने श्मशान घाट छतरी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है जबकि उस पार बने घाटों छतरी बिल्कुल सुरक्षित है इससे यह प्रतीत होता है कि एक साथ दोनों निर्माणाधीन घाट वा छतरियां किस प्रकार बनाई गई । एक तो सुरक्षित है और दूसरी पूर्ण तरह क्षतिग्रस्त हो गई है इसके साथ साथ छतरी के नीचे लगभग 15 से 20 लोग बाल-बाल चोटिल होने से बचे और लगातार छतरी के नीचे खतरा बना हुआ है सिंचाई विभाग को इस घटना से अवगत कराने के बाद भी सिंचाई विभाग ने अब तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है या यह कह सकते हैं कि सिंचाई विभाग किसी बड़ी अनहोनी के इंतजार में है।Conclusion:एक बार फिर सामने आई सिंचाई विभाग की मनमानी ।
किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में है सिंचाई विभाग
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