टिहरी: कोटेश्वर बांध क्षेत्र में देश की पहली अंतरराष्ट्रीय स्तर की कयाकिंग एवं केनोइंग एकेडमी बनकर तैयार हो गई है. जिसका उद्घाटन टीएचडीसी के सीएमडी, अधिशासी निदेशक एलपी जोशी, टिहरी डीएम मयूर दीक्षित के साथ साथ, अंतरराष्ट्रीय कैनो फेडरेशन, भारतीय कयाकिंग एवं केनोइंग एसोसिएशन, उत्तराखंड ओलंपिक संघ और टीएचडीसी के अधिकारियों ने किया. मार्च-अप्रैल माह में एकेडमी में 30-30 कुल 60 छात्रों को इन विधाओं के इंटरनेशनल एक्सपर्ट की देखरेख में प्रशिक्षण दिया जाएगा. खास बात यह है कि उत्तराखंड के छात्रों के लिए इसमें 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं.
टिहरी डैम की झील को विश्व स्तरीय साहसिक गंतव्य बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रयासरत हैं. गत वर्ष केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कोटी कालोनी में घोषणा की थी, कि टीएचडीसी के तत्वावधान में रिमोट एरिया में इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की एक एकेडमी बनाई जाएगी. जिसके बाद टीएचडीसी ने इस पर काम करना शुरू किया. कोटेश्वर बांध क्षेत्र में टीएचडीसी ने यह एकेडमी स्थापित कर ली है. जिसके निरीक्षण के लिए बीते दिन अंतरराष्ट्रीय कैनो फेडरेशन के अध्यक्ष थॉमस कोनित्जको, डीएम मयूर दीक्षित, इंडियन कयाकिंग एवं केनोइंग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत कुशवाह, सीईओ डॉ. सुमंत, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके सिंह, टीएचडीसी के ईडी एलपी जोशी और एजीएम डॉ. एएन त्रिपाठी पहुंचे.
टीएचडीसी के सीएमडी आरके बिश्नोई ने वर्चुअल जुड़ते हुए एकेडमी के बारे में जानकारी ली. थॉमस कोनित्जको ने कहा टिहरी और कोटेश्वर झील में वाटर स्पोर्ट्स की अपार संभावनाएं हैं. एकेडमी शुरू होने से जहां युवाओं को प्रशिक्षण मिलेगा. साहसिक खेलों में आगे बढ़ेंगे. जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों सहित इस क्षेत्र में करियर बना सकेंगे.
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टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कहा एकेडमी में छात्रावास, ऑडिटोरियम, प्रशिक्षण कक्ष सहित सभी आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. प्रशिक्षण पर आने वाले व्यय सहित छात्रावास सुविधा के लिए टीएचडीसी सालाना 2.5 करोड़ रुपये वहन करेगा. टीएचडीसी का लक्ष्य टिहरी से ओलंपिक के लिए खिलाड़ी निकालना है. एकेडमी का विधिवत उद्घाटन एडमिशन शुरू होने के दौरान किया जाएगा. इंडियन कयाकिंग एवं केनोइंग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत कुशवाहा ने बताया कनोइंग की 30 और कयाकिंग की 30 सीटों पर अप्रैल से दाखिले शुरू होंगे. इसके लिए नियमावली बनाई जा रही है. अंतरराष्ट्रीय कोच, आधुनिक उपकरण सहित तमाम बेहतर सुविधाएं एकेडमी में मिलेंगी. टिहरी सहित उत्तराखंड के विकास के लिए यह मील का पत्थर साबित होगी.