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टिहरी: खंडहर में तब्दील हुआ ऐतिहासिक इंटर कॉलेज, स्वतंत्रता से पहली रखी गई थी नींव - uttarakhand news

जिले में टिहरी नगर के बाद केवल लंबगांव में ही एक इंटर कॉलेज था. साल 1991 के भूकंप के बाद इस इंटर कॉलेज की दीवारें जर्जर हो गई थी. जिसके बाद इस विद्यालय की मरम्मत के लिए सरकार ने बजट स्वीकृत किया.

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इंटर कॉलेज
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Published : Dec 28, 2019, 11:37 PM IST

प्रतापनगर: राजकीय इंटर कॉलेज लंबगांव जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नत्था सिंह कश्यप के नाम से जाना जाता है कि स्थापना स्वतंत्रता से पूर्व 1940 में की गई थी. जबकि, साल 1991 के विनाशकारी भूकंप के बाद यह इंटर कॉलेज क्षतिग्रस्त हो गया था. ऐसे में इस कॉलेज भवन की मरम्मत के लिए सरकार बजट स्वीकृत किया था लेकिन उस पैसे से इस कॉलेज भवन का आधा ही जीर्णोंधार हो पाया है. वहीं, अभीतक इस कॉलेज का आधा भवन जर्जर बना हुआ है.

राजकीय इंटर कॉलेज लंबगांव खंडहर हुआ.

जिले में टिहरी नगर के बाद केवल लंबगांव में ही एक इंटर कॉलेज था. साल 1991 के भूकंप के बाद इस इंटर कॉलेज की दीवारें जर्जर हो गई थी. जिसके बाद इस विद्यालय की मरम्मत के लिए सरकार ने बजट स्वीकृत किया. जिससे साल 1995-96 में कॉलेज का आधा भवन बनकर तैयार हो गया था लेकिन, उसके बाद से कॉलेज के आधे भवन का निर्माण नहीं हो पाया.

ये भी पढ़ें: खुशखबरी: बेरोजगार युवाओं के लिए सुनहरा मौका, 21 जनवरी को लगेगा रोजगार मेला

वहीं, कॉलेज की आधी इमारत मरम्मत के अभाव में आज भी जीर्णशीर्ण बनी हुई है. जिसके चलते छात्र-छात्राएं अपनी जान जोखिम में डालकर इस कॉलेज की जर्जर इमारत में पढ़ने को मजबूर हैं. राज्य मंत्री रोशन लाल सेमवाल का कहना है कि साल 1991 के विनाशकारी भूकंप के बाद कॉलेज का भवन जर्जर हो गया था. जिसके बाद सरकार ने इस कॉलेज भवन के निर्माण के लिए बजट स्वीकृत किया था. लेकिन उस राशि से कॉलेज के आधे भवन का ही निर्माण हो पाया.

प्रतापनगर: राजकीय इंटर कॉलेज लंबगांव जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नत्था सिंह कश्यप के नाम से जाना जाता है कि स्थापना स्वतंत्रता से पूर्व 1940 में की गई थी. जबकि, साल 1991 के विनाशकारी भूकंप के बाद यह इंटर कॉलेज क्षतिग्रस्त हो गया था. ऐसे में इस कॉलेज भवन की मरम्मत के लिए सरकार बजट स्वीकृत किया था लेकिन उस पैसे से इस कॉलेज भवन का आधा ही जीर्णोंधार हो पाया है. वहीं, अभीतक इस कॉलेज का आधा भवन जर्जर बना हुआ है.

राजकीय इंटर कॉलेज लंबगांव खंडहर हुआ.

जिले में टिहरी नगर के बाद केवल लंबगांव में ही एक इंटर कॉलेज था. साल 1991 के भूकंप के बाद इस इंटर कॉलेज की दीवारें जर्जर हो गई थी. जिसके बाद इस विद्यालय की मरम्मत के लिए सरकार ने बजट स्वीकृत किया. जिससे साल 1995-96 में कॉलेज का आधा भवन बनकर तैयार हो गया था लेकिन, उसके बाद से कॉलेज के आधे भवन का निर्माण नहीं हो पाया.

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वहीं, कॉलेज की आधी इमारत मरम्मत के अभाव में आज भी जीर्णशीर्ण बनी हुई है. जिसके चलते छात्र-छात्राएं अपनी जान जोखिम में डालकर इस कॉलेज की जर्जर इमारत में पढ़ने को मजबूर हैं. राज्य मंत्री रोशन लाल सेमवाल का कहना है कि साल 1991 के विनाशकारी भूकंप के बाद कॉलेज का भवन जर्जर हो गया था. जिसके बाद सरकार ने इस कॉलेज भवन के निर्माण के लिए बजट स्वीकृत किया था. लेकिन उस राशि से कॉलेज के आधे भवन का ही निर्माण हो पाया.

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प्रतापनगर
खंडहर में बदलता राजकीय इंटर कॉलेज


Body: प्रतापनगर
खंडहर में बदलता राजकीय इंटर कॉलेज।
राजकीय इंटर कॉलेज लंबगांव जो आज स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नत्था सिंह कश्यप के नाम से जाना जाता है इस इंटर कॉलेज की स्थापना स्वतंत्रता से पूर्व 1940 में की गई थी तब जब टिहरी जिले में टिहरी के बाद केवल लंबगांव में ही इंटर कॉलेज हुआ करता था 1991 के विनाशकारी भूकंप के बाद यह इंटर कॉलेज जर्जर की हालत में हो गया था तत्काल सरकार द्वारा इस विद्यालय के आधा भवन का ही पैसा स्वीकृत किया गया जिससे यह 1995 96 में इस इंटर कॉलेज का आधा भवन बनकर तैयार हुआ लेकिन 1995 96 के बाद आज तक भी इसका आधा भवन नहीं बन पाया जो आज दिन प्रतिदिन खंडहर होता जा रहा है और छात्र छात्राएं इस पर जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को है मजबूर ।


Conclusion: प्रतापनगर
खंडार होता राजकीय इंटर कॉलेज
1991 के विनाशकारी भूकंप से इंटर कॉलेज की पूरी बिल्डिंग जर्जर हालत में हो गई थी जिसके बाद 1995 96 में इसका आधा भवन बनकर तैयार हो गया था लेकिन आधा भवन आज दिन प्रतिदिन खंडहर होता जा रहा है ।

बाइट- रोशन लाल सेमवाल राज्य मंत्री उत्तराखंड सरकार
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