चमोली: जनपद में उत्पादित फल एवं सब्जियों को संरक्षित करने का कार्य चल रहा है. फल एवं सब्जियों को लंबे समय तक संरक्षित रखे जाने से काश्तकारों को इसका लाभ मिलेगा. जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की पहल पर जिला उद्यान विभाग के माध्यम से फल एवं सब्जियों के परिरक्षण एवं प्रसंस्करण हेतु स्थानीय स्तर पर केंद्र स्थापित कर संचालन शुरू कर दिया है. इस योजना से जहां काश्तकारों की आय दोगुनी करने में सफलता मिलेगी, वहीं फल एवं सब्जी के उत्पादन में अच्छा स्वरोजगार मिलने से पलायन की समस्या भी दूर होगी.
मुख्य उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह ने बताया कि विकासखंड घाट व कर्णप्रयाग के नौटी गांव में फल एवं सब्जी प्रसंस्करण एवं प्रशिक्षण केन्द्र खोले गए हैं. ताकि उत्पादित फलों व सब्जियों को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सके. वहीं उत्पादित किए जाने वाले सी-ग्रेड के फलों का प्रसंस्करण कर काश्तकारों को उचित मूल्य मिलने के साथ ही अच्छी आजीविका मिल सकेगी.
पूर्व में केन्द्रों की स्थापना न होने के कारण स्थानीय काश्तकारों द्वारा फलों एवं सब्जियों के प्रसंस्करण हेतु अन्य दूरस्थ क्षेत्रों में जाना पड़ता था. या फिर सुविधा एवं जागरूकता के अभाव में फलों एवं सब्जियों को परिरक्षित न कर पाने से नुकसान का सामना करना पड़ता था. स्थानीय काश्तकारों की उक्त समस्या के समाधान एवं उक्त क्षेत्रों में प्रसंस्करण केन्द्रों की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए जिलाधिकारी के मार्ग-निर्देशन में उद्यान विभाग द्वारा सम्बन्धित काश्तकारों को जूसर, ग्राइंडर, विंग मशीन, रिफ्रैक्टोमीटर एव अन्य प्रसंस्करण सम्बन्धी यंत्र प्रदान किए गए हैं.
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काश्तकारों द्वारा वर्तमान में फल एवं सब्जियों से जैम, जैली, चटनी, अचार, मुरब्बा, जूस आदि का प्रसंस्करण कर स्थानीय स्तर पर विक्रय कर अच्छी आजीविका अर्जित की जा रही है. जो स्वरोजगार की दिशा में एक अहम कदम साबित हो रहा है. अभी तक उद्यान विभाग द्वारा इन दोनों समूहों में 19 काश्तकारों को प्रसंस्करण इकाइयों से जोड़कर लाभान्वित किया गया है. भविष्य में जनपद के अन्तर्गत इस योजना से अधिक से अधिक काश्तकारों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है.