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बौराड़ी जिला अस्पताल फिर सुर्खियों में, मरीज ने लगाए गंभीर आरोप

पीपीपी मोड पर चल रहा टिहरी जिला अस्पताल इन दिनों सुर्खियों में है. यहां मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीज को महीने पर भर्ती करने के बाद जबरदस्ती रेफर कर दिया गया.

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Published : Sep 15, 2019, 11:18 AM IST

टिहरी

टिहरी: पीपीपी मोड पर चल रहा बौराड़ी जिला अस्पताल अपने कारनामों से एक बार फिर चर्चा में है. यहां मरीजों की देखभाल करना तो दूर उनको ठीक से इलाज भी नहीं मिल पा रहा है. लापरवाही का आलम यह है कि जब मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है तो उसे या तो रेफर कर दिया जाता है.जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

मरीज को जबरदस्ती किया रेफर

बता दें, जिला अस्पताल में भर्ती महावीर सिंह बिष्ट नाम के मरीज ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह एक महीने पहले पैर में फोड़ा होने के चलते यहां पर भर्ती हुए थे. भर्ती होने के बाद उनके पैर का ऑपरेशन किया गया, जिससे उनका पैर ठीक होने की बजाय इंफेक्शन फैल गया. उसके एक महीने बाद उनको जबरदस्ती रेफर कर दिया गया.

वहीं इस संबंध में डॉक्टरों का कहना है कि मरीज को शुगर होने के चलते उनका घाव ठीक नहीं हो पा रहा है. जिस कारण मरीज का घास भरने में समय लग रहा है. डॉक्टर ने बताया कि मरीज को जौलीग्रांट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया है.

पढ़ें- मंदी की मार: तीन महीने से फैक्ट्री कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी, घर का खर्च चलाना हुआ मुश्किल

हैरान करने वाली बात यह है कि डॉक्टरों को जब मरीज को शुगर की बीमारी है तो उसको यहां एक महीने तक क्यों रखा गया. शायद यही वजह है कि पीपीपी मोड पर चल रहा अस्पताल रेफर सेंटर बन कर रह गया है. लोगों में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

टिहरी: पीपीपी मोड पर चल रहा बौराड़ी जिला अस्पताल अपने कारनामों से एक बार फिर चर्चा में है. यहां मरीजों की देखभाल करना तो दूर उनको ठीक से इलाज भी नहीं मिल पा रहा है. लापरवाही का आलम यह है कि जब मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है तो उसे या तो रेफर कर दिया जाता है.जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

मरीज को जबरदस्ती किया रेफर

बता दें, जिला अस्पताल में भर्ती महावीर सिंह बिष्ट नाम के मरीज ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह एक महीने पहले पैर में फोड़ा होने के चलते यहां पर भर्ती हुए थे. भर्ती होने के बाद उनके पैर का ऑपरेशन किया गया, जिससे उनका पैर ठीक होने की बजाय इंफेक्शन फैल गया. उसके एक महीने बाद उनको जबरदस्ती रेफर कर दिया गया.

वहीं इस संबंध में डॉक्टरों का कहना है कि मरीज को शुगर होने के चलते उनका घाव ठीक नहीं हो पा रहा है. जिस कारण मरीज का घास भरने में समय लग रहा है. डॉक्टर ने बताया कि मरीज को जौलीग्रांट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया है.

पढ़ें- मंदी की मार: तीन महीने से फैक्ट्री कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी, घर का खर्च चलाना हुआ मुश्किल

हैरान करने वाली बात यह है कि डॉक्टरों को जब मरीज को शुगर की बीमारी है तो उसको यहां एक महीने तक क्यों रखा गया. शायद यही वजह है कि पीपीपी मोड पर चल रहा अस्पताल रेफर सेंटर बन कर रह गया है. लोगों में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

Intro:टिहरी गढ़वाल

जिला अस्पताल बौराड़ी के डॉक्टरो ने गरीब मरीज को किया जबरदस्ती रेफर करके डिसचार्ज,Body: जिला अस्पताल बोराडी में एक महीने से भर्ती मरीज का इलाज नहीं कर पाने पर बौराड़ी जिला अस्पताल प्रबंधन के द्वारा गरीब मरीज को जबरदस्ती एक महीने बाद रेफर करके डिस्चार्ज कर दिया साथ ही मरीज के इलाज में लापरवाही कर दी जिससे मरीज को पांव मे इन्फेक्शन फैल गया मरीज महावीर सिंह बिष्ट ने बौराड़ी अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं एक महीने पहले यहां पर भर्ती हुआ था उस दौरान मेरे पैर में सिर्फ एक छोटा सा फोड़ा हुआ था और यहां के डॉक्टरों ने मेरे पर प्रैक्टिस कर कर के मेरे पैर को खराब कर दिया और आज मेरा पैर पूरी तरह से खराब हो गया और अब डॉक्टरों ने एक महीने बाद जब इलाज करने से हाथ खड़े कर दिए तो अब मुझे जबरदस्ती रेफर करके मेरे हाथ पर डिस्चार्ज रिपोर्ट सौंप दी अब मेरे सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि मैं अब अपना इलाज कहां करवाऊ जबकि मेरी माली हालत बहुत खराब है और मैं मैंने कुछ एक महीने पहले जब बौराड़ी अस्पताल में भर्ती हुआ था उस दौरान डॉक्टरों से साफ-साफ कहा कि अगर आपके द्वारा मेरा इलाज ठीक से कर सकते हो तो मैं यहां पर अपना इलाज करवाने को तैयार हूं परंतु उस समय डॉक्टर ने इलाज करने में हां भर दी और आज मेरे इलाज करने से हाथ खड़े कर दिए जिस पर मरीज ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि इस अस्पताल में मेरे साथ बहुत अत्याचार किया गया पहले मुझे ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर बेहोश कर दिया उसके बाद जब मेरे जख्म की पट्टी खोली गई तो उसके बाद गांव सही नहीं हुआ था फिर उसके बाद ऑपरेशन थिएटर से मुझे बाहर ला दिया सबसे बड़ी चूक यहां पर डॉक्टर के द्वारा की गईConclusion: जब हमारी डॉक्टरों से बात हुई तो डॉक्टरों का कहना था कि हमारे डॉक्टरों के द्वारा इसका इलाज करने में पूरी मेहनत की गई लेकिन शुगर होने के कारण इसका इलाज नहीं हो पा रहा था जिस कारण हमने इस को हायर सेंटर रेफर कर दिया सबसे बड़ी आश्चर्य की बात यह है कि जब डॉक्टरों के यह पता था कि इसका इलाज यहां पर नहीं हो पाता है तो क्यों इसे एक महीने यहां रखा गया और आज उसका पांव पूरी तरह से खराब हो चुका है साथी डॉक्टर ने कहा कि महावीर को जौली ग्रांट देहरादून के लिए रेफर कर दिया है और वहां के डॉक्टरों से हमारी बात हो गई है कि इसका इलाज तत्काल किया जाए सबसे बड़ी बात यह है कि जब से जिला अस्पताल बैरागी को पीपी मोड़ पर दिया गया है तब से लेकर आज तक यहां अस्पताल रेफर सेंटर बन के रह गया है यहां पर अभी तक किसी भी तरह से किसी भी मरीज का संतुष्ट पूर्ण पूर्ण इलाज नहीं हो पा रहा है यहां पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है अब देखना है कि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा डी अस्पताल की लापरवाही पर क्या कार्रवाई करती है

बाइट महावीर सिंह मरीज पीड़ित
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