टिहरी: पीपीपी मोड पर चल रहा बौराड़ी जिला अस्पताल अपने कारनामों से एक बार फिर चर्चा में है. यहां मरीजों की देखभाल करना तो दूर उनको ठीक से इलाज भी नहीं मिल पा रहा है. लापरवाही का आलम यह है कि जब मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है तो उसे या तो रेफर कर दिया जाता है.जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
बता दें, जिला अस्पताल में भर्ती महावीर सिंह बिष्ट नाम के मरीज ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह एक महीने पहले पैर में फोड़ा होने के चलते यहां पर भर्ती हुए थे. भर्ती होने के बाद उनके पैर का ऑपरेशन किया गया, जिससे उनका पैर ठीक होने की बजाय इंफेक्शन फैल गया. उसके एक महीने बाद उनको जबरदस्ती रेफर कर दिया गया.
वहीं इस संबंध में डॉक्टरों का कहना है कि मरीज को शुगर होने के चलते उनका घाव ठीक नहीं हो पा रहा है. जिस कारण मरीज का घास भरने में समय लग रहा है. डॉक्टर ने बताया कि मरीज को जौलीग्रांट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया है.
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हैरान करने वाली बात यह है कि डॉक्टरों को जब मरीज को शुगर की बीमारी है तो उसको यहां एक महीने तक क्यों रखा गया. शायद यही वजह है कि पीपीपी मोड पर चल रहा अस्पताल रेफर सेंटर बन कर रह गया है. लोगों में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है.